प्रकाशित - 23 Jul 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को सिंचाई कार्य के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। ऐसे में सिंचाई कार्य के लिए अलग से कनेक्शन और ट्रांसफार्मर उनके खेत में लगाया जाता है। कई बार ट्रांसफार्मर चोरी हो जाते हैं या खराब हो जाते हैं तो उन्हें बदलवाने के लिए विद्युत विभाग में जाना पड़ता है और वह इसे बदलने के लिए किसान से पैसा चार्ज करते हैं या शुल्क लेते हैं। पर अब ऐसा नहीं होगा। यदि किसान का खेत में लगा ट्रांसफॉर्मर चाेरी हो जाता है या खराब हो जाता है तो उसे बिना किसी शुल्क के विभाग की ओर से बदला जाएगा। राज्य सरकार ने अपने नियमों में संशोधन कर दिया है। अब किसानों के चोरी या खराब हुए ट्रांसफार्मर को बिना शुल्क लिए बदला जाएगा।
दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से किसानों के हित में फैसला लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए ट्रांसफार्मर चोरी या खराब होने की स्थिति में उनसे शुल्क नहीं लेने का निर्णय किया है। राज्य सरकार द्वारा यह दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार 15 जनवरी को अधिसूचित एचईआरसी विद्युत आपूर्ति संहिता विनियमन 2014 में संशोधन किया गया है। इससे हरियाणा के किसानों को ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
हरियाणा सरकार की ओर से नियमों में किए गए संशोधन के बाद अब उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर के चोरी या प्राकृतिक आपदाओं से खराब होने की स्थिति में बदलने या मरम्मत करवाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। जबकि पहले उपभोक्ताओं द्वारा ट्रांसफार्मर की वारंटी में खराब या चाेरी होने पर उसकी कीमत का 20 प्रतिशत तथा वारंटी खत्म होने पर बदलने की स्थिति में ट्रांसफार्मर की कीमत का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करवाया जाता था। ट्रांसफार्मर बदलने या मरम्मत कराने पर किसानों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता था, इसे देखते हुए सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मौजूदा प्रावधानों में संशोधन किया है, ताकि किसानों पर अतिरिक्त लागत का बोझ नहीं पड़े। सरकार के इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी।
हरियाणा में कृषि सिंचाई के लिए किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाती है। ऐसे में राज्य सरकार बाहर से 12 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद कर किसानों को नाम मात्र दर से बिजली उपलब्ध करा रही है। हरियाणा में बिजली की आपूर्ति का भी नया तरीका निकाला हुआ है। यहां किसानों को दिन में सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। वहीं उद्योगों को रात में बिजली दी जाती है। इससे दोनों का फायदा होता है।
हरियाणा सरकार की ओर से यहां के किसानों के लिए ट्यूबवैल कनेक्शन योजना शुरू की हुई है। इसके तहत राज्य के किसानों को ट्यूबवैल कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। इसके लिए यहां किसान कल्याण योजना चलाई जाती है। इस योजना के तहत किसानों को सस्ती दर पर ट्यूबवैल कनेक्शन प्रदान किया जाता है। हरियाणा सरकार की ओर से कृषि ट्यूबवैल के लिए स्वैच्छिक भार योजना भी शुरू की गई है। इसके तहत उपभोक्ता को अपना लोड बढ़वाने के लिए 100 रुपए प्रति किलोवाट की दर से जमा करवाना होता है। इसके अलावा सर्विस कनेक्शन शुल्क की वसूली नहीं की जाती है। सर्विस कनेक्शन 1500 रुपए प्रति बीएचपी है। कनेक्शन पर बिना किसी जुर्माने क लोड बढाया जाता है।
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