खेतीबाड़ी के कार्यों को सुगमतापूर्वक करने में कृषि यंत्रों की भूमिका काफी अहम होती जा रही है। वर्तमान में अधिकांश किसान परंपरागत तरीके से खेती की जगह आधुनिक तरीके से खेती का कार्य करने लगे हैं। इससे कृषि यंत्रों और मशीनों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। कृषि यंत्रों का उपयोग करने से खेती की लागत को कम किया जा सकता है। वहीं श्रम और समय भी कम खर्च होता है। किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्र्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से कृषि यंत्र उपलब्ध कराती है। इसके तहत राज्य सरकारें अपने नियमानुसार सब्सिडी लाभ किसानों को प्रदान करती है। इसकी क्रम में बिहार सरकार भी किसानों को खेतीबाड़ी के काम में उपयोग में आने वाले यंत्रों की सुलभ पहुंच किसानों तक बढ़ाने के लिए कृषि बैंक योजना शुरू की है। इसके तहत कृषि यंत्रों बैंक की स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए बिहार के 13 जिलों के 164 प्रखंडों का चयन किया गया है। इन जगहों पर सरकार कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। इच्छुक व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सब्सिडी का लाभ लेकर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना कर सकते हैं।
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कृषि यंत्र बैंक योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी बिहार सरकार राज्य के 13 जिलों के 164 प्रखंडों में कृषि बैंक की स्थापना करने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थी को 80 प्रतिशत की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत लाभार्थी अधिकतम 10 लाख रुपए तक के कृषि यंत्र खरीद सकते है तथा इस पर राज्य सरकार 80 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। यानि लाभार्थी को अधिकतम 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इससे ज्यादा के कृषि यंत्र खरीदने पर भी अधिकतम 8 लाख रुपए तक का ही अनुदान प्राप्त होगा।
बिहार जैसे अधिक घनत्व वाले राज्य में कृषि रकबा छोटा है। इसलिए यहां पर सभी किसानों को कृषि यंत्र खरीदना संभव नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही है। यह कृषि यंत्र, कृषि बैंक की स्थापना के लिए है। इससे किसान अपनी खेती कर सकते हैं तथा किराये पर दूसरे किसानों को भी देकर रोजगारों का सृजन कर सकते हैं।
बिहार में कृषि बैंक स्थापना के लिए 13 जिलों का चयन किया गया है। इन 13 जिलों के किसान समूह तथा अन्य समूह आवेदन कर सकते हैं। इन 13 जिले में अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगडिय़ा, मुज्जफरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा एवं सीतामढ़ी को शामिल किया गया है। इन जिलों के 164 प्रखंडों में योजना लागू किया गया है।
कृषि यंत्र बैंक योजना के तहत बिहार में छोटे भूमि वाले किसान हैं। यहां पर लघु तथा सीमांत किसानों की संख्या ज्यादा है इसलिए इस योजना का लाभ किसी एक किसान को नहीं दिया जा रहा है। योजना के लिए जीविका के समूह / ग्राम संगठन / क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से सम्बद्ध फार्मर्स इंट्रेस्ट ग्रुप (एफआईजी), नाबार्ड / राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब, farmer, producer organization (FAP) एवं स्वयं सहायता समूह को कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने के लिए पात्र हैं। ग्रामों का चयन (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम) पिछड़ापन के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है।
इस योजना के तहत किसान समूहों को कृषि यंत्र बैंक बनाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि विभाग कृषि यंत्र उपलब्ध कराएगा। समूह में शामिल किसान इन यंत्रों के माध्यम से उन्नत तरीके से खेती कर अधिक उपज ले सकेंगे। इसके साथ ही किसान समूह के सदस्य कृषि यंत्रों को अन्य किसानों को किराए पर देकर भी लाभ कमा सकेंगे। हालांकि किसानों के उसी समूह को इस योजना का लाभ मिलेगा जिसमें कम से कम 12 सदस्य होंगे। इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान समूहों को कम से कम छह महीने अपना समूह सफलता पूर्वक संचालित करने का अनुभव भी होना चाहिए।
किसान समूहों को अपने कृषि यंत्र बैंक के लिए रोटावेटर, रीपर बाइंडर, धान थ्रेसर, गेहूं थ्रेसर, जरो टीलेज, ट्रैक्टर,
हार्वेस्टर सहित किसी भी प्रकार के यंत्र खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही समूह में शामिल किसानों को कृषि यंत्र का संचालन करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कृषि यंत्र बैंक का समय-समय पर निरीक्षण कर यंत्रों की देखरेख करने तथा मरम्मत आदि कराने में कृषि विभाग सहयोग देगा। किसान समूहों को कृषि यंत्र बैंक बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आधुनिक कृषि यंत्रों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि यंत्र बैंक योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत जीविका से जुड़े किसान समूहों को 80 फीसदी अनुदान पर ट्रैक्टर से लेकर खुरपी तक मिलेगा। बिहार के शेखपुरा जिले के डीएओ शिवदत सिंहा ने मीडिया को बताया कि पहले चरण में जिला के सभी छह प्रखंड के दो - दो गांवों के किसान समूहों को लाभ दिया जाएगा। फिलहाल जिला के चार प्रखंड शेखपुरा, शेखोपुरसराय, अरियरी और चेवाड़ा में जीविका से जुड़े किसान समूह कार्यरत हैं। जीविका को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सभी गांवों में किसान समूह का गठन करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर को छोडक़र सभी कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी अनुदान मिलेगा। ट्रैक्टर पर 40 फीसदी ही अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग में आत्मा द्वारा भी किसान समूह कार्यरत हैं, जिसे योजना से लाभ दिया जाएगा। कृषि यंत्रों को भाड़ा (किराये) पर देकर किसान समूह कमाई करेंगे।
कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन 2 अगस्त 2021 से आवेदन शुरू हो गए हैं। किसान समूह तथा अन्य प्रकार के समूह / संगठन इस योजना के लिए 31 अगस्त 2021 तक आवेदन कर सकते हैं। बिहार में कृषि यंत्र अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है इसके लिए किसान को पहले बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद किसानों को जो पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी उसकी मदद से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन कृषि विभाग के वेबसाइट http://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर किया जा सकता हैं। इस योजना से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) / जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क सकते हैं।
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