प्रकाशित - 29 Mar 2023
खेती में लागत कम हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, देश और राज्य में खेती को आधुनिक करने के प्रयास तेज हो रहे हैं ताकि किसान कम लागत में खेती कर सकें। सरकार लगातार खेती में ड्रोन के उपयोग को भी प्रोत्साहन दे रही है, ताकि ये ड्रोन किसानों को कीटनाशक और खाद के छिड़काव में मदद कर सकें। इस ड्रोन की मदद से किसान पैदावार तो बढ़ा ही पाएंगे साथ ही अपनी लागत भी कम कर पाएंगे। उत्तरप्रदेश सरकार इस पूरी परियोजना का रोड मैप तैयार कर चुकी है, प्रदेश सरकार किसानों की आय बढाने, देश में 2025 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। यूपी ड्रोन परियोजना के तहत अब तक कृषि विभाग द्वारा 88 ड्रोन खरीदे जा चुके हैं। खास बात ये हैं कि किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए यूपी सरकार 4 लाख रुपए तक की सब्सिडी दे रही है।
उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए ये बहुत ही अच्छी खबर है कि किसान ड्रोन योजना के तहत सरकार शुरुआती फेज में कृषि समितियों और स्वयं सहायता समूह को ये ड्रोन देगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का फायदा उठा सकें और ड्रोन से खेती कर सकें। बता दें कि एफपीओ या किसान उत्पादक संघ से जुड़े किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। इसके अलावा एफपीसी से जुड़े किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। बता दें कि एफपीसी में न्यूनतम सदस्यों की संख्या 10 होती है जबकि एफपीओ में न्यूनतम सदस्यों की संख्या 11 होती है। जो भी किसान इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, वो अपने नजदीकी किसान समूह से जरूर जुड़ें।
उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए ड्रोन पर 40 % सब्सिडी देने का प्रावधान किया है, सरकार ने ड्रोन परियोजना के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है। ड्रोन प्राइस को देखते हुए सरकार ने किसानों समूहों को सबसे पहले सब्सिडी देने का फैसला किया है ताकि कम ड्रोन से ज्यादा किसान फायदा उठा सकें। उत्तरप्रदेश सरकार कृषि विभाग के निदेशक जेपी चौधरी ने कहा है कि कई अच्छे कृषि ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपए है, इस तरह जो किसान सहकारी समिति या एफपीओ या एफपीसी इसे खरीदेगी, उसे 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। इस तरह कृषि समिति एवं स्वयं सहायता समूह के लिए इस ड्रोन का खरीदना आसान हो पाएगा। सामूहिक रूप से सभी किसान इन यंत्रों का उपयोग कर लाभ उठा सकें इसके लिए सरकार ने इस तरह की व्यवस्था की है।
एग्रीकल्चर ड्रोन (Agriculture Drone) से मिलने वाले लाभ की बात करें तो ये किसानों के बहुत सारे उपयोग में आता है। एग्रीकल्चर ड्रोन से किसान न सिर्फ खेतों में खाद और कीटनाशक का छिड़काव कर सकते है, बल्कि इससे अपने खेत पर नजर भी रख सकते हैं। ड्रोन पर अनुदान मिलने से किसान इसे खरीद कर अलग-अलग कार्यों के लिए उपयोग में ले सकते हैं। जो बड़े किसान हैं उनके लिए ड्रोन का उपयोग बहुत सुविधाजनक है। एक ड्रोन एक बार में 12 किलोग्राम तक यूरिया का छिड़काव आसानी से कर सकता है। बड़े किसान इस ड्रोन को बिना सब्सिडी के भी खरीदना पसंद कर रहे हैं। ड्रोन के उपयोग से महज 10 मिनट में ही 8 बीघे खेत में उर्वरक का छिड़काव किया जा सकता है। ड्रोन के उपयोग से खेती में लगने वाली लागत कम होने के साथ किसान कम समय में ज्यादा काम कर सकेंगे। उत्तरप्रदेश में पिछले साल एग्रीकल्चर ड्रोन की उपयोगिता जांच करने के लिए बिजनौर के मंडावली गांव में किसानों ने गन्ने के खेत में यूरिया का छिड़काव ड्रोन के जरिये किया था, जिसमें ये पता चला कि ड्रोन से यूरिया के छिड़काव से किसानों को 5 गुना कम यूरिया लगा।
किसान समूह कम कीमत वाले ड्रोन की भी खरीदी कर सकते हैं।अब कम कीमत वाले कृषि ड्रोन भी आने लगे हैं जो करीब 1.5 लाख रुपए से लेकर 3.40 लाख रुपए की कीमत है। अपनी जरुरत को देखते हुए किसान समूह एक योजना तैयार कर सकते हैं कि समूह के किसानों के रकबा और खरीद शक्ति को देखते हुए उन्हें कितनी कीमत का ड्रोन खरीदना चाहिए। अगर समूह में सभी किसान, छोटे और सीमान्त कैटेगरी में आते हैं तो उस समूह के लिए सबसे सस्ता ड्रोन की खरीद करना ही सही होगा। इसलिए किसान अपनी जरुरत को देखते हुए ड्रोन की खरीदी कर सकते हैं और ड्रोन पर सरकारी सब्सिडी का फायदा भी उठा सकते हैं।
किसान ड्रोन योजना के तहत आवेदन हेतु आपको निम्नलिखित दस्तावेज की आवश्यकता होगी
एग्रीकल्चर या कृषि ड्रोन से सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर :
1 ) भारत में एग्रीकल्चर ड्रोन पर कितनी सब्सिडी मिल सकती है?
उत्तर : अलग-अलग राज्यों में एग्रीकल्चर ड्रोन पर अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है। यूपी की बात करें तो यूपी में एग्रीकल्चर ड्रोन पर 40 % सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है।
2 ) एग्रीकल्चर ड्रोन और एग्रीकल्चर ड्रोन स्प्रेयर में क्या अंतर है?
उत्तर : एग्रीकल्चर ड्रोन एक यंत्र है जो हवा में उड़ सकता है, लेकिन जब एग्रीकल्चर ड्रोन को स्प्रे की सुविधा से लैस कर दिया जाये तो ये खेतों में कीटनाशक का छिड़काव, यूरिया एवं अन्य जरूरी उर्वरक को खेतों में छिड़काव कर पाने में सक्षम हो जाता है।
3 ) पीएम किसान ड्रोन योजना से ड्रोन की खरीदी पर कितना अनुदान मिलेगा?
उत्तर : पीएम किसान ड्रोन योजना के तहत किसान अगर ड्रोन की खरीद करते हैं तो उन्हें 50 % तक अनुदान देने का प्रावधान है।
4) अगर ड्रोन खराब हो जाएं तो क्या करें, उसे कैसे ठीक करवाएं?
उत्तर : अगर किसान समूह या किसान का पर्सनल एग्रीकल्चर ड्रोन खराब हो जाए तो उसे जिस कंपनी से खरीदा गया है, ड्रोन रिपेयरिंग के लिए उसे ही दें। ड्रोन खराब होने पर इधर-उधर ठीक कराने के बजाय सीधे कंपनी से ठीक करवाएं। यदि ड्रोन वारंटी में होगा तो किसान या किसान समूह बिल्कुल फ्री में ड्रोन को ठीक या रिपेयर करा सकते हैं।
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