प्रकाशित - 14 Nov 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
वर्तमान समय में गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए सरकार की ओर से किसानों को फसल विविधिकरण (Crop Diversification) के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के किसानों को धान की खेती (Paddy Cultivation) जगह अन्य दूसरी फसल जैसे- मक्का, मूंग, मोठ, उड़द जैसी कम पानी में पैदा होने वाली फसलों बुवाई करने या फिर खेत खाली छोड़ने पर भी 10,000 रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी (Subsidy) दी जाएगी।
राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला किसानों के हित में लिया है ताकि किसान को दोनों ही स्थिति में किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो। किसान फसल विविधिकरण की इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु इसके लिए आवेदन कर सकते हैं और 10,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से सरकारी अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और किसानों को मजबूत करने के लिए 500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र (Hitech CM Pax Center) भी बनाए जाने की योजना है। सीएम पैक्स के माध्यम से किसानों को खाद, बीज व कीटनाशकों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा किसानों को ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। सीएम पैक्स किसानों के लिए वन-स्टॉप सेंटर (One-Stop Center) की तरह से काम करेंगे। एफपीओ (FPO) और पैक्स (PACS) को अनाज स्टोरेज करने के लिए गोदाम बनाने के लिए सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए तक का बिना ब्याज के लोन उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार किसान उत्पाद संघ एफपीओ और पैक्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रही है। यह जानकारी हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 15वीं विधानसभा के पहले सेशन को संबोधित करते हुए दी।
राज्यपाल ने कहा कि रबी सीजन-2023-24 में फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए भी 49000 किसानों को 133.75 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मुआवजा के रूप में दी गई है। इसके अलावा सरकार ने किसानों को सीधा फायदा पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के जरिये 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी (MSP) पर फसल खरीद के एक लाख 24 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रही है। हमारा किसान अधिक से अधिक आत्मनिर्भर हो और उसकी आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई जा रही हैं और कई निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नकली खाद, बीज व कीटनाशक कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। इन पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार कड़ा कानून बनाएगी और किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा भी देगी।
राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई के लिए पानी की कमी को देखते हुए कम पानी में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार धान की जगह अन्य फसल बोने या खेत खाली छोड़ने वाले किसानों को 10,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान राशि देगी। उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। सूक्ष्म सिंचाई के लिए 19716 तालाबों के जीर्णोद्धार, गंदे पानी का ट्रीटमेंट जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध भाग पाने और सतलुज-यमुना लिंक नहर का पूरा कराने का काम करेगी।
फसल विविधिकरण योजना (Crop Diversification) के तहत किसान मक्का, मूंग, मोठ, उड़द, अरहर, ग्वार, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, अरंडी, कपास, खरीफ प्याज आदि कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा खरीफ की सब्जियों के साथ चारा की बुवाई करने पर भी योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।
यदि आप हरियाणा के किसान हैं और आप धान की जगह कोई दूसरी फसल उगा रहे हैं या अपने खेत को इस सीजन खाली छोड़ रहे हैं तो भी आप राज्य सरकार की फसल विविधिकरण योजना (Crop Diversification) के तहत दी जाने वाली अनुदान राशि प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको हरियाणा सरकार के "मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल" पर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए किसान को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, मोबाइल नंबर, किसान का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, कृषि भूमि के दस्तावेज, निवास प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, बैंक खाता विवरण, ईमेल आईडी आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए राज्य के किसान अपने निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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