Published - 30 Mar 2022 by Tractor Junction
वर्तमान समय में खेती और बागवानी के कामों में नए-नए कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, हार्वेस्टर सहित अन्य प्रकार की मशीनें और कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है। आधुनिक कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से खेती ओर बागवानी का कम समय और खर्च में आसानी से निपटाया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार राज्य में तीन हजार कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने जा रही है। इससे किसानों को लाभ होगा। कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसान को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे जिससे उनका खेतीबाड़ी का काम आसान होगा।
अभी बीते दिनों लोकसभा में सांसद उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश में नए कस्टम हायरिंग सेंटर, कौशल विकास केंद्र एवं यंत्र दूत की स्थापना को लेकर सवाल किए थे। इसके जबाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश में 3 हजार नए कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने जा रही है। जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही राज्य में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी।
इस सवाल के जवाब में देश के कृषि और कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नए वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश में 3,000 नए कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा राज्य में कौशल विकास केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। मौजूदा समय में राज्य भोपाल, जबलपुर, सतना, सागर और ग्वालियर संभागों में कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे है। आगे वित्त वर्ष में उज्जैन, नर्मदापुरम, चंबल और शहडोल संभागों में 4 नए कौशल विकास केंद्र शुरू करने का लक्ष्य है। 600 नए कृषि यंत्र प्रणाली स्थापित किया जाएगा। कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सवाल के जवाब में बताया कि मध्य प्रदेश शासन की यंत्रदूत ग्राम योजना के तहत 600 ग्रामों में यंत्रीकृत कृषि प्रणाली स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत नियोजित तरीके से प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रमों के साथ ही बड़े स्तर पर क्लस्टर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है।
मध्यप्रदेश में किसानों को 25 लाख रुपए तक के कस्टम हायरिंग केंद्र (सीएचसी) की स्थापना पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपए तक की क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड सब्सिडी दी जाती है। अनुदान/सब्सिडी की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार दिया जाता है। इसके अलावा इस योजना पर लिए गए बैंक ऋण पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जाएगा।
कस्टम हायरिंग सेंटर में किसानों को आवश्यकता को देखते हुए सभी प्रकार के कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्र होते हैं। यहां से किसान निर्धारित किराए का भुगतान करके कृषि यंत्र ले जाकर खेतीबाड़ी या बागवानी का काम कर सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर में जो कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं उनमें ट्रैक्टर, एमबी/ डिस्क प्याऊ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, सेल्फ प्रोपेल्ड सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, ट्रैक्टर चालित रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाइंडर, थ्रेसर, पावर स्प्रेयर, नेपसेक स्प्रेयर, पावर वीडर आदि कृषि यंत्र शामिल हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे यंत्र भी कस्टम हायरिंग सेंटर में होते हैं।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से किए जा सकते हैं। किसान योजना से जुड़ी अन्य जानकारी अपने संभाग या जिले के कृषि यंत्री या कृषि विभाग से ले सकते हैं।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।