Published - 09 May 2022 by Tractor Junction
किसानों को खेती के कई कामों के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ती है। कई स्थानीय किसान साहूकारों से ऋण लेते हैं जो काफी महंगा पड़ता है। जबकि सरकार की ओर से रियायती दरों पर कृषि कार्यों के लिए किसानों को ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके तहत किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जाता है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों को बिना ब्याज के ऋण दिया जा रहा है। हालांकि ये योजना मध्यप्रदेश में पहले से लागू है। लेकिन अब इससे आगे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब राज्य के किसान वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी खरीफ की खेती के लिए ऋण ले सकेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2021-22 में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण देने की योजना को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य के किसानों को इस वर्ष खरीफ एवं रबी सीजन में बिना किसी ब्याज के ऋण मिल सकेगा।
योजना में वर्ष 2021-22 के लिए गत वर्ष की भांति बेसरेट 10 प्रतिशत रखा गया है और खरीफ 2021 सीजन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल, 2022 और रबी 2021-22 की अंतिम तिथि 15 जून, 2022 रखी गई है। पिछले वर्ष अनुसार निर्धारित बेसरेट 10 प्रतिशत के अधीन खरीफ एवं रबी सीजन में अल्पावधि फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों के लिए एक प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा निर्धारित अंतिम तिथि तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत (अतिरिक्त) ब्याज अनुदान प्रोत्साहन स्वरूप राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा।
शून्य ब्याज पर ऋण योजना का लाभ किसानों को ही नहीं पशुपालकों को भी दिया जाएगा। इससे पूर्व हुई मंत्री परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश सरकार ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग में प्रदेश में पशुपालन गतिविधियों हेतु किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से गाय, भैंस, बकरी, सूकर, मुर्गी पालन हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अधिकतम राशि 2 लाख रुपए की साख सीमा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। पशुपालन गतिविधियों हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने की योजना के क्रियान्वयन से राज्य में पशुपालक आसानी से आदान खरीद सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में भी किसानों को बिना ब्याज के व्यक्तिगत ऋण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद लाख उत्पादक किसान व समूहों के लिए अल्पकालीन ऋण लेने का रास्ता खुल गया है। इसके लिए सहकारिता विभाग ने नियमों का खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत एक लाख उत्पादक समूह को अधिकतम 2 लाख और व्यक्तिगत रूप से किसान 50 हजार रुपए का अल्पकालीन ऋण ले सकते हैं। यह ऋण शून्य ब्याज दर पर मिलेगा। इससे प्रदेश के करीब 36 हजार किसानों को फायदा होगा। सहकारिता विभाग की ओर से इसके नियम जारी हो गए हैं। इसमें कई शर्तों को जोड़ा गया है। समूहों का ऋण प्रकरण तभी तैयार होगा, जब उनके पास सीड मनी के रूप में 50 हजार रुपए होंगे। इसी के साथ एक लाख उत्पादक किसानों को कर्ज देने के लिए अनुपात भी तय कर दिया गया है। उन्हें 60: 40 के हिसाब से कर्ज दिया जाएगा। किसानों को 60 फीसदी नकद और 40 वस्तु ऋण दिया जाएगा। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्थिति में किसानों को 60 फीसदी से अधिक की राशि नकद रूप में नहीं दी जाएगी।
राजस्थान सरकार की ओर से राज्य के किसानों को क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपए तक का फसली ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जाता है। वहीं किसान, क्रेडिट कार्ड से 3 लाख रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। राज्य सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 2.57 लाख नए किसानों को फसली ऋण दिया गया था। बजट भाषण में बताया गया कि फसली ऋण किसानों को शून्य प्रतिशत के ब्याज पर दिया जाएगा, ब्याज का भार राज्य सरकार उठाएगी। फसली ऋण के कारण राज्य पर 650 करोड़ रुपए का भार आएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए अपने बजट भाषण में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान परिवार, कृषि एवं पशुपालन के साथ नॉन फार्मिंग गतिविधियां जैसे- हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छापाई आदि का काम करते हैं, यह वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हैं। राज्य सरकार इस वर्ष अकृषि क्षेत्र में भी 1 लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरित करेगी। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य के सभी क्रेडिट कार्ड धारक किसान सहकारी बैंक से कृषि ऋण ले सकते हैं। इसे फसली ऋण भी कहा जाता है। बता दें कि जिले के हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कोऑपरेटिव सोसायटी होती है। जो किसानों को बिना ब्याज के ऋण का वितरण करती है। सहकारी बैंकों में भूमि विकास बैंक आता है। नाबार्ड के अंतर्गत आने वाले सभी बैंक सहकारी बैंक कहलाते हैं।
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