किसानों को खेती के लिए फ्री में मिलेंगे ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्र

Share Product प्रकाशित - 15 Jul 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

किसानों को खेती के लिए फ्री में मिलेंगे ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्र

जानें, क्या है सरकार की नई कृषि यंत्र योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

कृषि कार्य के लिए किसानों को कई प्रकार के कृषि यंत्रों और मशीन की आवश्यकता पड़ती है। कृषि यंत्रों के प्रयोग से खेती किसानी का काम आसान हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है ताकि उन्हें सस्ती कीमत पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें। इसी क्रम में बिहार सरकार ने किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ दिए जाने के उद्देश्य से एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत राज्य सरकार किसानों के लिए एक मोबाइल ऐप लांन्च करने जा रही है। इस ऐप के माध्यम से किसान आसानी से कृषि यंत्रों का लाभ उठा सकेंगे। इस मोबाइल ऐप की सहायता से किसान घर बैठे अपनी जरूरत के हिसाब से कृषि यंत्रों की बुकिंग करा कर उसे मंगवा सकेंगे। इससे किसान खेत में बुवाई से लेकर कटाई तक के मुश्किल कार्यों को इन कृषि यंत्रों की सहायता से आसानी से कर सकेंगे। इन कृषि यंत्रों की मदद से किसानों के खेती की लागत में कमी आएगी जिससे वे अपना मुनाफा बढ़ा सकेंगे। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बिहार सरकार की ओर से लांन्च किए जा रहे इस मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 

2997 पैक्स से होगी शुरुआत

बिहार सहकारिता विभाग की सचिव संदना प्रेयसी ने बताया कि कृषि यंत्र से संबंधित इस मोबाइल ऐप की शुरुआत जल्द ही की जाएगी। संभवत: इसे 15 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा। इस सेवा की शुरुआत 2997 पैक्सों से की जाएगी। इस ऐप के जरिये कोई भी किसान अपने संबंधित पैक्स में मौजूद कृषि संयंत्र बैंक से अपनी जरूरत के हिसाब से कृषि यंत्र ले सकेेंगे। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान सभी प्रकार के खेती-किसानी के कृषि उपकरणों को बेहद किफायती दर से किराये पर लेकर उसका लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि 3000 पैक्सों के शुरुआती प्रदर्शन देखने के बाद दूसरे चरण में शेष पैक्सों में इसकी शुरुआत की जाएगी।

राज्य के छोटे किसानों को मिलेगी सुविधा

बिहार के सहकारिता विभाग की ओर से राज्य के छोटे और सीमांत किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ये सेवा शुरू की जा रही है। इस सेवा को शुरू करने के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य विशेषकर राज्य के छोटे किसानों को इसका लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत इस सेवा की शुरुआत में 2997 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक बनाए जा रहे हैं। इसके लिए 439 करोड़ का फंड जारी किया गया है। अब तक 1803 पैक्सों में यंत्र बैंक बनकर तैयार हो गए हैं। अभी यह काम ऑफलाइन माध्यम से हो रहा है। लेकिर शीघ्र ही चुनिंदा पैक्सों में संयंत्र बैंक बनाकर इन्हें विशेष मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा। 

किसान कौन-कौन से कृषि यंत्र ले सकेंगे

इस सेवा के तहत शामिल किए जाने वाले कृषि यंत्रों की पहले ही मैपिंग कर ली गई है ताकि मांग पर मशीनें आसानी से उपलब्ध हो सकें। किसान इस मोबाइल ऐप के जरिये किसान बुवाई से लेकर कटाई तक काम आने वाले सभी प्रकार के कृषि यंत्र बेहद कम किराये पर लेकर इसका लाभ उठा सकेंगे। इन यंत्रों की सूची में खेती किसानी के काम आने वाले ट्रैक्टर, रीपर, हैप्पी सीडर, लैंड लेवलर समेत अन्य सभी आधुनिक कृषि उपकरणों को शामिल किया गया है। किसान अपनी जरूरत के हिसाब से यंत्रों की ऑनलाइन बुकिंग कर इन्हें बेहद कम किराये पर सीधे अपने खेत तक मंगवा सकेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 90 प्रकार के कृषि यंत्रों का शामिल किया गया है जिस पर किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। 

प्रत्येक पैक्स में 300 किसानों को शामिल करने का है लक्ष्य

इस मोबाइल ऐप के लांन्च होने के साथ ही पहले चरण में 300 किसानों को इस सुविधा से जोडऩे का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं दूसरे चरण में राज्य के सभी पैक्सों को जोड़ा जाएगा। इससे राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा। जो किसान पैक्स के सदस्य नहीं हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा जिन किसानों के पास अपनी खेती की जमीन नहीं है वे भी इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। इस तरह इस ऐप के जरिये राज्य के सभी किसानों को इस सेवा का लाभ मिल सकेगा। 

किसानों की मदद के लिए खोला जाएगा कॉल सेंटर

सहकारिता विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस सेवा का लाभ लेने में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए एक कॉल सेंटर भी खोला जाएगा। इस कॉल सेंटर का एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इस हेल्पाइन नंबर की सहायता से किसान कृषि यंत्रों को किराये पर लेने के संबंध में जानकारी ले सकेंगे। इसी के साथ मशीनों की उपलब्धता के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा किसान अपनी शिकायत भी इस नंबर पर दर्ज करा सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि जिन किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं है या उन्हें ऐप डाउनलोड करने में किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है तो वे इस सेवा का लाभ लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर का उपयोग कर सकेंगे। 

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