प्रकाशित - 28 Mar 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों के हित के लिए देश में लगातार सरकार कुछ न कुछ बेहतरीन योजनाएं लाती रहती है। चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, किसानों की वजह से ही देश खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर है। इसलिए सरकार किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कृषि में आधुनिक यंत्रीकरण पर लगातार फोकस कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से पीएफओ योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को 15 लाख रुपए की राशि दी जाती है। किसान संगठन बनाकर एफपीओ योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर की इस पोस्ट में आपको एफपीओ योजना का लाभ, आवेदन करने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी आपको दे रहे हैं।
केंद्र सरकार पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के लाभार्थियों के लिए और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पीएम किसान एफपीओ योजना चला रही है। इस योजना के तहत किसानों को 15 लाख रुपए तक सहायता देने के प्रावधान है, ताकि किसान कृषि से जुड़े व्यवसाय को शुरू कर सकें। इसके अलावा कृषि से जुड़ी नए बिजनेस की संभावनाओं को ढूंढ सकें। इस योजना का उद्देश किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और किसानों के आर्थिक संकट को दूर करना है। योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 11 किसानों का एक ग्रुप तैयार करना होगा। योजना के तहत सहायता राशि के तौर पर सरकार द्वारा 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। इन रुपयों का उपयोग किसान अपनी आय बढ़ने के लिए सामूहिक तौर पर कर सकेंगे। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको इस योजना की सभी पात्रता व शर्तों को पूरा करते हुए इसमें आवेदन करना होगा तभी आप इस योजना का लाभ आसानी से उठा पाएंगे।
अक्सर कई किसानों का सवाल होता है, एफपीओ क्या है?, एफपीओ का पूरा नाम क्या है? तो आपको बता दें कि एफपीओ का पूरा नाम फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन है। इस योजना के तहत किसान 11 लोगों के ग्रुप के साथ एक साथ कृषि व्यापार करते हैं। इस योजना के तहत मिली लाभ राशि से किसान अपने द्वारा उत्पादित कच्चा माल को मार्केट में ज्यादा बिकने लायक प्रोडक्ट बनाने का सेटअप लगाते हैं। उदहारण के लिए यदि किसी खास जगह पर किसान आलू का उत्पादन अधिक करता है तो वो वहां आलू चिप्स की फैक्ट्री सामूहिक तौर पर लगा सकते हैं और साथ में काम सकते है। आलू चिप्स की पैकेजिंग कर उसे आकर्षक रूप देकर मार्केट में उतार सकते हैं। इससे किसान सामूहिक रूप से अपनी आय को दो गुना या तीन गुना तक कर पाने में भी सक्षम हैं। मान लीजिए किसी क्षेत्र का किसान गेहूं का या मक्के का उत्पादन अधिक मात्रा में करता है तो यहां किसान सामूहिक रूप से बिस्किट की फैक्ट्री लगा सकते हैं और आपसी भागीदारी में बिस्किट का निर्माण कर इसे अपने आसपास के इलाकों में बेच सकते हैं। बिस्किट का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ा कर, और मांग को देखते हुए किसान अपनी फैक्ट्री बड़ी कर सकते हैं और उत्पादन क्षमता बढ़ा सकते हैं। चूंकि भारत में ज्यादातर किसान कम पूंजी वाले होते हैं और इतने बड़े सेटअप के लिए उनके पास पैसों का अभाव होता है, इसीलिए सरकार पीएम किसान एफपीओ योजना के तहत किसानों का मदद करती है ताकि किसान सेटअप कर सकें।
पीएम किसान एफपीओ योजना (PM Kisan FPO Scheme) का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि व्यापार हेतु सहायता प्रदान करना तो है ही, साथ ही सरकार और देश के बहुआयामी लक्ष्य भी हैं। चूंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल मौजूद है, इसलिए जरूरी है कि इस एडवांटेज का भरपूर फायदा उठाया जाए। अक्सर विकसित देश, विकासशील देशों के कच्चे माल का उपयोग कर उससे कृषि से जुड़े तेज बिकने वाले उत्पाद बनाते हैं और मोटा मुनाफा कमाते हैं। भारत सरकार का ये लक्ष्य है कि देश में ही इन उत्पादों के उत्पादन को गति दिया जाए ताकि देश के किसान समृद्ध हों। देश में किसानों की समृद्धि के लिए सरकार लगातार अच्छे कदम उठा रही है।
किसानों के लिए एफपीओ योजना (FPO Scheme) के जरिये कई लाभ देने का प्रावधान है। किसान इस योजना से निम्नलिखित फायदा उठा सकते हैं।
पीएम किसान एफपीओ योजना के जरूरी या आवश्यक दस्तावेजों की बात करें तो इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए जिन दस्तावेजाें की जरूरत होगी, वे इस प्रकार से है।
सबसे पहले एफपीओ यानि फार्मर्स प्रोड्यूसर्स आर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संघ) के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ई-नाम पोर्टल के माध्यम से पूरी होगी। इसके लिए आप ई-नाम पोर्टल WWW.ENAM.GOV.IN पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा किसान ई-नाम मोबाइल एप के जरिये भी इस योजना में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। किसान अपने नजदीकी ई-नाम मंडी जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
एफपीओ क्या है, इससे जुड़े कुछ सवाल जवाब:
1 ) एफपीओ के लिए सरकार कितना फंड देती है?
उत्तर: सरकार एक किसान उत्पादक संघ या एफपीओ को 15 लाख रुपए तक ऋण देती है।
2 ) एफपीसी और एफपीओ में क्या अंतर है?
उत्तर: दोनों का उद्देश्य और लक्ष्य एक ही है, एफपीसी का फुल फॉर्म होता है, फार्मर प्रोड्यूसिंग कम्पनी, एफपीओ का फुल फॉर्म होता है, फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन। एफपीओ में न्यूनतम सदस्यों की संख्या 11 है जबकि एफपीसी में न्यूनतम सदस्यों की संख्या 10 है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों महिंद्रा ट्रैक्टर, स्वराज ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।