प्रकाशित - 22 Dec 2024
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विकास के लिए भूमि दे रहे किसानों की मांगे राज्य सरकार ने मान ली हैं। अब किसानों को उनकी भूमि अधिग्रहण के एवज में नई दर से मुआवजा दिया जाएगा। किसानों को अब उनकी भूमि के लिए जो उन्होंने एयरपोर्ट के लिए दी है उसका 4300 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। पहले यह मुआवजा राशि 3100 रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई थी। नई दर की घोषणा होने के बाद किसानों को अब पहले से 1200 रुपए प्रति वर्गमीटर ज्यादा मुआवाजा राशि मिलेगी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के लिए भूमि दे रहे किसानों को तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री आवास पर किसानों के साथ खुला संवाद किया और इसी बीच मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट के लिए तीसरे चरण के भूमि अधिग्रहण के एवज में देय प्रतिकार को 3100 रुपए वर्गमीटर से बढ़ाकर 4300 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक करने की घोषणा की है। इसके अलावा नियमानुसार ब्याज भी दिया जाएगा। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि अधिग्रहण से प्रभावित हर किसान परिवार के व्यवस्थापन, रोजगार और सेवायोजन के भी समुचित प्रबंध किए जाएंगे।
सीईओ ने किसानों के सामने मुख्यमंत्री को एक–एक कर सारी गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि वर्तमान में केवल उन्हीं किसानों को प्रतिकर दिया जाना शेष है, जिनका उत्तराधिकार, वरासत आदि से संबंधित प्रकरण लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने सीईओ को हर एक किसान से मिलने और उनकी समस्याओं के निस्तारण को पहली प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
नोएडा इंटनेशनल एयरपोर्ट, जेवर की वेलीडेशन फ्लाइट की सफलतापूर्वक लैंडिंग पिछले 9 दिसंबर को की जा चुकी है और अप्रैल 2025 से यहां उड़ान सेवा भी शुरू हो जाएगी। अब यहां 40 एकड़ में एमआरओ का भी विकास किया जाएगा। यहां पर दुनिया भर के विमानों का मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग भी किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा इंटनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से औद्योगिक अवस्थापना का संचरनात्मक विकास होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। इस एयरपोर्ट के बनने से हवाई यातायात सुगम होगा, साथ ही पर्यटन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। इस एयरपोर्ट के पास कई औद्योगिक सेक्टरों का विकास यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुआ है। आने वाले समय में यह क्षेत्र सबसे बड़ा औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का केंद्र बनेगा। अगले 10 सालों में यह देश का सबसे विकसित क्षेत्र होगा।
नोएडा इंटनेशनल एयरपोर्ट के लिए अब तक मात्र दो सालों में 1334 हैक्टेयर यानी करीब 3300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। सारी कार्यवाही किसानों के सहयोग से पूरी की गई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए किसानों की सराहना की।
इस एयरपोर्ट को दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ा जाएगा। इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी ईस्टर्न पेरीफेरल रोड से भी यमुना एक्सप्रेसस वे पर इंटर्जेंज बनाकर की जाएगी। दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए आरआरटीएस रेल की डीपीआर का अनुमोदन राज्य सरकार द्वारा दी जा चुकी है और इसे अंतिम अप्रूवल के लिए भारत सरकार को भेजा गया है। इतना ही नहीं नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली–वाराणसी हाईस्पीड रेल से भी जोड़ा जा रहा है जिसका स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल के पास होगा। एयरपोर्ट बनने के बाद दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की दूरी मात्र 21 मिनट में तय होगी। इसके अलावा नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली, मुंबई एक्सप्रेस वे से बल्लभगढ़ (हरियाण) से जोड़ा जा चुका है। यह 30 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 8.5 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में और 21.5 किलोमीटर हरियाणा में स्थित है। इसके एनएचएआई द्वारा निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 2017 में साइड क्लीयरेंस मिला और 2018 में भारत सरकार ने सैद्धांतिक रूप से सहमति प्रदान की। इस एयरपोर्ट के लिए 1334 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पहले चरण में किया गया। इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य 2022 में शुरू हुआ। करीब तीन साल दो माह 11 दिन की अवधि में एयरपोर्ट का निर्माण हुआ। इसके दो रनवे पहले चरण में बनाए गए। इस समय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। यह काम पूर्ण होने के बाद अप्रैल 2025 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
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