प्रकाशित - 30 Aug 2023
“ई-नाम पोर्टल” फसल की ऑनलाइन बिक्री का एक बड़ा और प्रसिद्ध ऐप है, जो सरकार द्वारा विकसित किया गया है। यह नवीन तकनीक का ऐप है। इससे किसानों को फसलों का अच्छा रेट मिलता है। इस तकनीक को उपयोग में लाने के बदले सरकार किसानों को पुरस्कार दे रही है। पुरस्कार देने का उद्देश्य किसानों के बीच नई तकनीक और खेती में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है। पुरस्कार राशि के तौर पर किसानों को 25 हजार रुपए, 15 हजार रूपए और 10 हजार रुपए के चेक वितरित किए गए। इसके अलावा ई-नाम ऐप का खेती के लिए बढ़ते उपयोग के प्रति भी किसानों को जागरूक किया गया।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम ई-नाम ऐप के बारे में, उपयोगिता, सरकार से पुरस्कार लेने की प्रक्रिया आदि के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
राजस्थान में ऑनलाइन मंडी को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कृषक उपहार योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उन किसानों को पुरस्कृत किया जा रहा है। जो अपनी उपज ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बेचते हैं।
किसान ई नाम पोर्टल के जरिए अपनी फसल की बिक्री करें तो मंडी से ही उन्हें निःशुल्क ई उपहार कूपन प्राप्त होगा। यह कूपन मंडी समिति की ओर से जारी किए जाते हैं और जारी किए गए कूपन के विरुद्ध लॉटरी ड्रा के माध्यम से कूपन का चयन किया जाता है। और इस प्रकार यह पुरस्कार राज्य स्तर, जिला स्तर और खंड स्तर पर तो दिए ही जाते हैं। साथ ही मंडी स्तर पर भी यह पुरस्कार दिए जाते हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों काे यह उपहार जीतने की संभावना बनी रहती है। मंडी समिति द्वारा अलग-अलग तारीख पर, अलग-अलग समय पर निकाली जाती है और जीतने वाले कृषक को सम्मानित किया जाता है।
बता दें कि ई नाम पोर्टल का उपयोग कर फसल की बिक्री के बदले मिलने वाले इस पुरस्कार के लिए काफी कम कंपटीशन देखने को मिल रहा है। राजस्थान के एक ही किसान ने तीनों पुरस्कार जीत लिए हैं। सहायक सचिव बलदेव सिंह राठौर ने बताया कि 1 जनवरी से 30 जून 2023 तक जारी कूपनो में एक मात्र खरीददार महेंद्र सिंह के कूपन शामिल हुए जिन्हें तीनों पुरस्कार दिए गए। पहला पुरस्कार 25 हजार रुपए, दूसरा पुरस्कार 15 हजार रुपए और तीसरा पुरस्कार 10 हजार रुपए दिया गया। इस तरह एक ही किसान को सीधे सीधे 50 हजार रुपए का पुरस्कार मिला। किसान को काफी फायदा हुआ।
ऑनलाइन माध्यम से फसलों की खरीद और बिक्री के लिए ई-नाम पोर्टल और ऐप लांच किया गया। ताकि किसान खेती के बाद फसलों की बिक्री आसानी से ऑनलाइन माध्यम से कर सकें। ईनाम पोर्टल पर मंडी के साथ-साथ बहुत सारे निजी खरीददार भी उपलब्ध रहते हैं, जिससे किसानों को फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या भी नहीं होती और फसल का अच्छा रेट भी मिल जाता है। यही वजह है कि ई-नाम पोर्टल को किसान यूज करके ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट बना सकते हैं। अगर किसान के फसल की क्वालिटी अच्छी हो तो इस पोर्टल पर काफी अच्छा रेट देकर खरीददार आपके फसल की खरीदी के लिए तैयार हो जाते हैं।
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