प्रकाशित - 08 Jul 2024
किसानों को खेती से संबंधित कई प्रकार के कार्यों जैसे- खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि के लिए ऋण लेना पड़ता है। साहूकारों से ऋण लेना काफी महंगा पड़ता है, क्योंकि उनकी ब्याज दर काफी ऊंची होती है जिसे किसान नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में साहूकारों के चंगुल से किसानों को मुक्त कराने के उद्देश्य से सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Yojana) चलाई है जिसके तहत किसानों को खेती-बाड़ी के काम के लिए बैंक से सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड (kisan kredit kard) से लोन लेने पर किसानों को बहुत ही कम दर से ब्याज देना होता है। किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर समय पर चुका देने पर ऋणी किसान को 4 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना होता है, जबकि बैंक की वास्तविक ब्याज 9 प्रतिशत होती है। इसमें सहकारी समितियों व सहकारी बैंकों को केंद्र की ओर से 2 प्रतिशत ब्याज छूट मिलती है। ऐसे में सहकारी समितियों व बैंकों की ब्याज दर 7 प्रतिशत हो जाती है। इस लोन पर किसान को 3 प्रतिशत ब्याज में छूट दी जाती है। जो किसान समय पर ऋण की अदायगी कर देते हैं, उन्हें 4 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना होता है। लेकिन अब राज्य सरकार किसानों को ऋण पर लगने वाले ब्याज पर और राहत देगी। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2024-25 में कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इससे अब राज्य के किसानों को पहले से और भी सस्ती दर पर सहकारी बैंकों से ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
दरअसल बिहार सरकार वर्ष 2024-25 में किसानों को कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान अपनी तरफ से देगी। इसके लिए कृषि विभाग और नाबार्ड के बीच एमओयू साइन किया गया है। ब्याज पर एक प्रतिशत राज्य अनुदान दिए जाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य योजना मद से इसके लिए 10 करोड़ रुपए भी स्वीकृत कर दिए हैं। ऐसे में अब बिहार राज्य के किसानों को मात्र 3 प्रतिशत की दर से केसीसी लोन मिल सकेगा। इस तरह राज्य के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से पहले से सस्ता लोन उपलब्ध हो सकेगा।
किसानों को वाणिज्यिक, ग्रामीण और सहकारी बैंकों से 3 लाख रुपए तक का ऋण लेने पर राज्य ब्याज अनुदान योजना (Interest Subsidy Scheme) का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए सरकार की ओर से योजना के तहत 1 प्रतिशत ब्याज पर सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से फसल ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड और अल्पावधि कृषि उत्पादन ऋण पर योजनांतर्गत एक प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा।
राज्य ऋण ब्याज अनुदान योजना का लाभ इस साल एक अप्रैल 2024 से लिए गए ऋण पर दिया जाएगा। इन ऋणों पर राज्य सरकार सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देगी। इससे पहले ऋण लेने वाले किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। वहीं कंपनियों और पार्टनशिप कंपनियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
कृषि मंत्री के अनुसार इस योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि ऋण पर लगने वाले ब्याज के बोझ को कम करना है ताकि किसान उत्साहित होकर ज्यादा से ज्यादा संस्थागत ऋण प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप किसान आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई आदि में निवेश करने में सफल होंगे जिससे फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती के लिए सस्ता ऋण प्रदान करना है ताकि उनके लिए खेतीबाड़ी के काम में पैसों की समस्या आड़े नहीं आ पाए।
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार की ओर से कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के कार्य को संपादित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। वहीं योजना का शुरू करने के लिए नाबार्ड हो राज्य एजेंसी नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों को कृषि से संबंधित कार्यों के लिए ऋण प्रदान किया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (kisan kredit kard yojana) में देश के किसानों को अल्पकालीन ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना को अगस्त 1998 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत किसानों को फसल की खेती, कटाई और उनकी उपज के रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के तहत दुर्घटना बीमा का लाभ भी दिया जाता है। इसके तहत केसीसी धारकों की मृत्यु, स्थाई पूर्ण विकलांगता और अंगों व आंखों के नुकसान के मामले में 50,000 रुपए तक का वित्तीय नुकसान कवर किया जाता है। इसके लिए किसान को एक साल की पॉलिसी के लिए 15 रुपए और तीन साल की पॉलिसी के लिए 45 रुपए का प्रीमियम देना होता है। इस योजना का लाभ किसानों के अलावा पशुपालक, मछलीपालक किसान भी उठा सकते हैं।
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