प्रकाशित - 06 Aug 2022
खरीफ फसलों की बुवाई का समय चल रहा है। कई राज्यों में धान की बुवाई की जा रही है। इसी के साथ हरियाणा सरकार की ओर से अभी से ही धान अवशेष प्रबंधन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को अवशेष प्रबंधन में काम आने वाले कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए 25 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हरियाणा सरकार की कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी, आवेदन दस्तावेज और प्रक्रिया की जानकारी दे रहे हैं ताकि किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र लेने में आसानी हो।
हरियाणा सरकार की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत ये अनुदान दिया जाएगा। इसमें सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट (एसएमएस), हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर, बेलर, रोटरी सलेसर, क्रॉप रीपर, ट्रैक्टर चलित, स्वचलित, रिवर्सिबल एमबी प्लाउ, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन, सुपर सीडर, बेलिग मशीन, शर्ब मास्टर, स्लेसर की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा।
हरियाणा सरकार की ओर से फसल कटाई यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ किसान समूहों को होगा। यदि ये किसान समूह कस्टम हायरिंग सेंटर खोलता है तो उसे कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इसमें पंजीकृत किसान समिति, एफपीओ, किसानों की सहकारी समितियां एवं पंचायतें कस्टम हायरिग सेंटर के लिए आवेदन कर सकती है। 20 प्रतिशत मूल्य पर ही कृषि यंत्र मिल जाएंगे यानि उन्हें 20 प्रतिशत ही राशि खर्च करनी होगी। सेंटर कलस्टर के अनुसार स्थापित किए जाएंगे। कस्टम हायरिग सेंटर पर 5 लाख से 15 लाख तक प्रोजेक्ट कीमत ले सकते हैं, जिसमें कम से कम 35 प्रतिशत कृषि यंत्र, मशीन फसल अवशेष प्रबंधन (उपरोक्त 9 मशीनों में से) खरीदने जरूरी हैं। वहीं किसान व्यक्तिगत रूप से इसके लिए आवेदन करता है तो उसे आधे मूल्य पर कृषि यंत्र दिए प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए उसे लागत मूल्य का 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। एक किसान अधिकतम विभिन्न प्रकार की तीन मशीन ले सकता है।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य के किसान हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 25 अगस्त निर्धारित की गई है।
सब्सिडी पर कृषि यंत्र के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं-
हरियाणा में धान की फसल कटने के बाद यहां अधिकांश किसान धान के अवशेष यानि ठूंठ, डंठल आदि जिसे पराली कहा जाता है, इसे आग लगाकर नष्ट कर देते हैं। ऐसे में खेतों में आग लगाने से हरियाणा सहित दिल्ली और पंजाब राज्य में इसका प्रभाव पड़ता है। आग से निकली गैस से यहां वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है जिससे यहां के लोगों सांस लेना भी दूभर हो जाता है। इसे देखते हरियाणा सरकार की ओर से फसल कटाई यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। सरकार का मनाना है कि इससे राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी।
इस योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/ पर जाकर भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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