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कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी - जानें पूरी जानकारी

Published - 11 Apr 2022

जानें, क्या है सरकार की योजना और इसमें कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

कृषि यंत्रों पर खेती के लिए कृषि यंत्रों की सहज उपलब्धता हो सके, इसके लिए देश भर में कृषि मशीनीकरण पर सब-मिशन (एसएमएएम) योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। ये सब्सिडी अलग-अलग कृषि यंत्रों उनकी लागत के हिसाब से अलग-अलग होती है। मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अपर सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने 8 अप्रैल 2022 को दक्षिणी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान (एसआरएफएमटीएंडटीआई) अनंतपुर का दौरा किया और किसानों के साथ ड्रोन प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया। यहां उन्होंने विभिन्न उन्नत कृषि मशीनों का प्रदर्शन भी देखा और किसानों के साथ बातचीत करते हुए सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी दी।  

कस्टम हायरिंग सेंटर को दिया जाएगा बढ़ावा

डॉ.लिखी ने बताया कि कृषि मशीनीकरण पर सब-मिशन (एसएमएएम) के तहत विभाग द्वारा किए गए कृषि मशीनीकरण कार्यों, जिन्हें राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जा रहा है। छोटे और सीमांत किसानों तक तथा उन क्षेत्रों में जहां कृषि शक्ति की उपलब्धता कम है, कृषि मशीनीकरण की पहुंच बढ़ाने के प्रमुख उद्देश्यों के साथ ‘कस्टम हायरिंग सेंटर‘ को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही छोटे जोत और व्यक्तिगत स्वामित्व के चलते उच्च लागत के कारण उत्पन्न होने वाली प्रतिकूल अर्थव्यवस्थाओं के असर को कम करने के लिए भी इन सेंटर्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कस्टम हायरिंग सेंटर से किसान सस्ते किराये पर कृषि यंत्र लेकर अपना खेती और बागवानी का काम कर सकेंगे।

कृषि यंत्रों की खरीद पर कितना मिलता है अनुदान

डॉ. लिखी ने बताया कि किसानों के लिए मशीनों और उपकरणों को किफायती बनाने के उद्देश्य से कृषि मशीनों की खरीद के लिए एसएमएएम के तहत किसानों की श्रेणियों के आधार पर कृषि यंत्र की लागत पर 40 से 50 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जो इस प्रकार से है-

  • ग्रामीण युवाओं और किसान को एक उद्यमी के रूप में, किसानों की सहकारी समितियों, पंजीकृत किसान समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और पंचायतों को कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और उच्च मूल्य वाली कृषि मशीनों के लिए हाई-टेक हब की स्थापना के लिए परियोजना लागत की 40 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 
  • 10 लाख रुपए तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत की 80 प्रतिशत वित्तीय सहायता सहकारी समितियों, पंजीकृत किसान समितियों, एफपीओ और पंचायतों को ग्रामीण स्तर के कृषि मशीनरी बैंकों (एफएमबी) की स्थापना के लिए दी जाती है। एफएमबी की स्थापना के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए वित्तीय सहायता की दर 10 लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत का 95 प्रतिशत है।

कस्टम हायरिंग सेंटर पर किसानों के लिए उपलब्ध होने वाले कृषि यंत्र (Custom Hiring Centre)

कस्टम हायरिंग सेंटर में जो कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं उनमें ट्रैक्टर, एमबी/ डिस्क प्याऊ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, सेल्फ प्रोपेल्ड सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, ट्रैक्टर चालित रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाइंडर, थ्रेसर, पावर स्प्रेयर, नेपसेक स्प्रेयर, पावर वीडर आदि कृषि यंत्र शामिल हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे यंत्र भी कस्टम हायरिंग सेंटर में होते हैं।

मध्यप्रदेश में 3 हजार नए कस्टम हायरिंग सेंटरों की होगी स्थापना

मध्यप्रदेश: बीते माह मार्च 2022 को लोकसभा में सांसद उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश में नए कस्टम हायरिंग सेंटर, कौशल विकास केंद्र एवं यंत्र दूत की स्थापना को लेकर सवाल किए थे। इसके जबाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश में 3 हजार नए कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने जा रही है। जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही राज्य में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी।

राजस्थान में खोले जा रहे हैं कस्टम हायरिंग सेंटर

राजस्थान में किसानों को रियायती दर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों (केवीएसएस-जीएसएस) के माध्यम से 100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए कृषि विभाग ने सहकारिता विभाग को 8 करोड़ रुपए हस्तान्तरित किए हैं।

हरियाणा में किसानों के लिए बनाए गए है 6,755 कस्टम हायरिंग सेंटर

हरियाणा सरकार ने अब तक किसानों की मदद के लिए 6,755 कस्टम हायरिंग सेंटर बना लिए हैं। इन कस्टम सेंटर से किसान सस्ते दर पर कृषि यंत्र ले कर खेती कर सकते हैं। इन कस्टम सेंटर पर करीब 31,000 से अधिक मशीनें पराली मैनेजमैंट करने वाली रखी गई है। इसके अलावा इस योजना के तहत किसानों को अवशेष प्रबंधन के लिए स्ट्रा बेलर यूनिट, सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, पेडी स्ट्रा चौपर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड ड्रिल, क्रॉप रीपर आदि पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इस तरह किसानों को ये यंत्र सस्ती दर पर उपलब्ध हो जाते हैं।

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए पात्रता और प्रमुख शर्तें

मध्यप्रदेश में 25 लाख रुपए तक के कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। शासन द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी 10 लाख रुपए से अधिक नहीं होगी। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए जो पात्रता और शर्ते निर्धारित की गई हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • कस्टम हायरिंग केंद्र न्यूनतम रुपए 10 लाख तथा अधिकतम 25 लाख रुपए तक की लागत में स्थापित किया जा सकेगा।
  • बैंक ऋण के आधार पर केंद्र स्थापित किया जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी।
  • योजना के तहत व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ महिला स्व- सहायता समूह / संगठन भी कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु आवेदन कर सकेंगे। समूह / संगठन में जिस श्रेणी के सदस्यों की संख्या अधिक होगी, समूह / संगठन को उसके अनुसार सामान्य, अनुसूचित या जनजाति वर्ग में माना जाएगा।
  • योजनांतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के न्यूनतम 18 वर्ष आयु के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।
  • पूर्व से ही शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत अथवा अन्य शासकीय योजना से रोजगार हेतु लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।
  • जिस ग्राम में केंद्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मतदाता होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता- पिता के नाम पर भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।
  • क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी की राशि पर बैंक द्वारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा बैंक की ऋण राशि, जिसमें अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।
  • स्वीकृति ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जाएगी तथा ऋण स्थगन अवधि अधिकतम 6 माह रहेगी।
  • हितग्राही को अनुदान राशि केवल मशीनों / यंत्रों की लागत के आधार पर देय होगी। मशीनों / यंत्रों के रखरखाव शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि की व्यवस्था आवेदक / हितग्राही को स्वयं करनी होगी।

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

यदि आप कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वालीे किसान का आधार कार्ड 
  • आवेदन करने वाले किसान का पैनकार्ड 
  • बैंक विवरण के लिए पासबुक की प्रथम पेज कि कॉपी 
  • ट्रैक्टर कि पंजीकरण कि कॉपी, आरसी नंबर
  • खेत के कागजात

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन हेतु कहां करें संपर्क

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए इसके लिए समय-समय पर राज्य सरकार की ओर से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसमें आवेदन करके किसान भाई कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से किए जा सकते हैं। किसान योजना से जुड़ी अन्य जानकारी अपने संभाग या जिले के कृषि यंत्री या कृषि विभाग से ले सकते हैं। वहीं अन्य राज्य के किसान अपने जिले के निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर इसकी जानकारी ले सकते हैं।  


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