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ड्राई हॉर्टिकल्चर पर किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी - जानें पूरी जानकारी

प्रकाशित - 08 Aug 2022

ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना : राज्य में 875 हेक्टेयर में बागवानी फसलों की खेती का है लक्ष्य

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार किसानों के लिए ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना लेकर आई है। इसके तहत राज्य के किसानों को बागवानी फसलों जैसे- आंवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल, अनार, नींबू आदि पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना में आवेदन करके किसान राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। बता दें कि बिहार सरकार ने पिछले दिनों हुई बैठक में ये फैसला लिया है। इस योजना के तहत बिहार सरकार ने 3 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। बिहार सरकार की ओर से इसका लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है। राज्य में 875 हैक्टेयर में बागवानी फसलों की खेती का लक्ष्य तय किया गया है।

बिहार के सभी 38 जिलों में लागू होगी ये योजना

बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक राज्य सरकार ने शुष्क बागवानी योजना के तहत इस योजना को लागू किया है। इस योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। हांलाकि बिहार में ये योजना पहले से चल रही है। लेकिन अब इसे तीन साल और बढ़ाकर इस योजना का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए 3 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। ये योजना सूक्ष्म सिंचाई पर आधारित है। योजना के पहले चरण में योजना के तहत 566 हेक्टेयर को कवर किया गया था। इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत 875 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत किसान, फलदार पौध हेतु अधिकतम 4 हेक्टेयर और न्यूनत्तम 0.1 हेक्टेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं।

किसान खेत की मेड़ पर खेती कर के ले सकते हैं इस योजना का लाभ

मंत्री ने बताया कि किसान अपने खेत की मेड़ पर सब्जियों और फलदार पेड़ों को उगाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिन्होंने अपने खेत में अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई संयंत्र स्थापित किया हो। इसके अलावा वे किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं जिनके खेत में ड्रिप सिंचाई स्थापित करने का कार्य कराया जा रहा हो। 

किसानों को मिलेगी 30 हजार रुपए प्रति हैक्टयेर सब्सिडी

इस योजना के तहत कम पानी में होने वाले शुष्क फलों हेतु 60 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तीन वार्षिक किस्तों में लागत और रोपण सामग्री के मद में होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए दिया जाएगा। अधिकतम 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर अथवा लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के तहत किसानों को जिलावार योजना संचालन हेतु 2400 कृषकों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरफ से ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

इन फलों की खेती करने पर मिलेगा सब्सिडी का लाभ

इस योजना के तहत किसानों को किसानों को आंवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल, अनार, नींबू और मीठा नींबू आदि फलदार पौधों पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को इन फलों की पौध उपलब्ध कराई जाएगी। किसान अपनी इच्छा के अनुसार फल का चयन करके सरकार की इस योजना के तहत सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वहीं किसान फलदार पौधों के बीच खाली जगह पर सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए 7500 सब्जी पौधा प्रति हेक्टेयर एकीकृत उद्यान विकास योजना से किसानों की मांग अनुरूप उपलब्ध कराया जाएगा। शुष्क बागवानी के फल पौधों के बढऩे के पूर्व किसान सब्जी के पौधों से आमदनी प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, चंडी, नालंदा से एकीकृत उद्यान विकास योजना द्वारा संकर किस्म के टमाटर, बैंगन, मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी एवं लत्तेदार सब्जियों की पौध किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत आंवला, बेर जामुन, बेल, कटहल, निम्बू, मीठा निम्बू, अनार तथा संतरा के फल पौधे के साथ ही बैगन, टमाटर, मिर्च, पत्तागोभी तथा फूलगोभी के सब्जी पौध के लिए भी आवेदन किया जा सकता है। सब्जी में प्रति पौध संकर सब्जी पौध के लिए 1.50 रुपए प्रति पौध एवं एक्सोटिक सब्जी पौध के लिए 5.00 प्रति पौध की दर से किसानों को जमा कराना होगा। इसके बाद ही कार्यादेश जारी किया जाएगा। 

सामुदायिक नलकूप के लिए मिलेगी 100 प्रतिशत सब्सिडी

कृषि मंत्री के मुताबिक शुष्क बागवानी के सभी क्षेत्रों पर अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई लगाने का कार्य किया जाएगा। यदि किसान के खेत में पूर्व से ही ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की गई है तो उन किसानों के लिए पुन: ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करवाना जरूरी नही होगा। ऐसे किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सब्सिडी दी जाएगी। किसानों की आवश्यकतानुसार, सामुदायिक नलकूप की भी स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य सामुदायिक नलकूप योजना के तहत 100 प्रतिशत अनुदान दि जाएगा। बता दें कि सामुदायिक नलकूप योजना का लाभ केवल समूह में योजना का लाभ चाहने वाले किसानों को ही दिया जाएगा। 

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान कहां करें आवेदन

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपने जिले के निकटतम उद्यान विभाग या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। वहीं इसकी अधिक जानकारी के लिए बिहार सरकार आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/Home.aspx# पर सकते है और इसके लिए आवेदन भी कर सकते हैं। 

ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना बिहार की खास बातें (Dry Horticulture Scheme)

  • इस योजना के तहत किसान फल पौध के लिए अधिकतम 4 हैक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हैक्टयर क्षेत्र के के लिए अनुदान हेतु आवेदन कर सकते हैं।
  • इस योजना के तहत फल फसलों हेतु 60 हजार रुपए प्रति हैक्टयेर की लागत का 50 प्रतिशत अर्थात 30 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा जो तीन वर्षों में क्रमश: 60:20:20 रुपए (18000:6000: 6000) के रूप में दिया जाएगा।
  • योजना राज्य के सभी 38 जिलों में संचालित की जाएगी।
  • प्रथम वर्ष के अनुदान राशि से उपलब्ध कराए गये पौधे की राशि काटकर शेष राशि देय होगी। शेष किस्तें लगाए गए पौधे की उपलब्धता के आधार पर अगले दो वित्तीय वर्ष में देय होगी।
  • योजना का लाभ कृषक अपने खेत के मेड़ पर भी ले सकते हैं, जिसमे ड्रिप सिंचाई का स्थापना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
  • योजना का मुख्य लक्ष्य सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से कम वर्षा वाले क्षेत्र में फल पौधे को बढ़ावा देना है।
  • मेड़ पे लगाए जाने वाले पौधे के समानुपातिक रकवा ही मान्य होगा।
  • किसानों को आवश्यकतानुसार सामुदायिक नलकूप का लाभ दिया जाएगा है। सामुदायिक नलकूप हेतु डैशबोर्ड पर जाकर सामुदायिक नलकूप योजना में आवेदन किया जा सकता है।
  • योजना में आवेदन का रकवा डेसीमल में किया जाएगा। इसमें एक 250 डेसीमल = 1 हैक्टेयर= 2.5 एकड़ निर्धारित किया गया है। 


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