वैकल्पिक खेती योजना : किसानों को मिलेगा 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ

Share Product प्रकाशित - 28 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

वैकल्पिक खेती योजना : किसानों को मिलेगा 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ

5 लाख किसानों को होगा लाभ, जानें, वैकल्पिक खेती योजना की पूरी जानकारी

इस मानसून बारिश की अनियमितता के कारण कई राज्यों में धान की बुवाई प्रभावित हुई है। झारखंड में बारिश की कमी के कारण सुखाड़ की स्थिति हो गई है। इसके कारण कई किसानों ने धान की बुवाई नहीं कर पाएं हैं। ऐेसे में राज्य सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से वैकल्पिक खेती योजना लागू की है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को धान की जगह दूसरी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि वैकल्पिक खेती योजना से किसानों को राहत मिलेगी और काफी हद तक मानसून की बेरूखी से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई होगी। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ राज्य के करीब 5 लाख किसानों को दिया जाएगा। 

क्या है वैकल्पिक खेती योजना

झारखंड में बारिश की अनियमितता के कारण सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई है। जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य के किसानों को संकट से उबारने के लिए झारखंड कृषि विभाग की ओर से वैकल्पिक खेती योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को धान की जगह दूसरी फसल उगाने के लिए अनुदान पर बीज मुहैया कराएं जाएंगे। इस योजना के तहत किसानों को दलहन, तिलहन एवं सब्जियों की खेती करने के लिए बीजों की खरीद पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

किन फसलों की खेती के लिए दिया जाएगा अनुदान

वैकल्पिक खेती योजना तहत झारखंड के किसानों को धान की जगह अरहर, उड़द, कुलथी, मक्का, तोरिया , मूंग, ज्वार और मडुआ की कम अवधि वाले और सूखा रोधी बीजों के लिए अनुदान दिया जाएगा। किसानों को इन फसलों के बीज अनुदान पर उपलब्ध कराएं जाएंगे। ये बीज अनुदान राशि अधिकतम 50 प्रतिशत होगी। इस योजना से राज्य के 5 लाख किसानों को जोड़े जाने का लक्ष्य है। 

वैकल्पिक खेती योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्रता/शर्तें

वैकल्पिक खेती योजना के तहत अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार से हैं-

  • वैकल्पिक खेती योजना का लाभ केवल झारखंड के किसानों को ही दिया जाएगा।
  • इसके लिए किसान झारखंड राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। 
  • इस योजना का लाभ केवल खेतीहर किसानों को ही दिया जाएगा। इसके लिए किसान के पास खेती योग्य भूमि होना जरूरी है।

किसान कहां से प्राप्त कर सकते हैं अनुदान पर बीज

झारखंड वैकल्पिक खेती योजना से जुडऩे पर किसानों को सूखारोधी कम अवधि वाले उड़द प्रभेद पीयू -31 बीजों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। किसान चाहें तो इन बीजों को मात्र 64 रुपए प्रति किलो पर खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के किसान उत्पादक संगठन तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड  से संपर्क करके मंगवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी जिले के राज्य कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क करके अधिक जानकारी ले सकते हैं।

अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए किसान कहां करा सकते हैं पंजीयन

अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए किसान तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वाबलंबी सहकारी समिति लिमिटेड  के सीईओ प्रिय रंजन से संपर्क करके ब्लॉक चैन प्रणाली में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

पंजीयन के लिए इन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को पहले अपना पंजीयन कराना होगा। इसके लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं-

  • किसान का स्थाई निवास प्रमाण-पत्र
  • किसान का आधार कार्ड
  • किसान का आय प्रमाण-पत्र
  • किसान का आधार से लिंक मोबाइल नंबर
  • बैंक खाते के विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • किसान का पासपोर्ट साइज फोटो  
     

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