प्रकाशित - 11 Jul 2023
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन (Animal Husbandry), मछलीपालन (Fisheries) और मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान खेती के साथ यह काम आसानी से कर सकते हैं। इसी क्रम में सरकार की ओर से किसानों को मक्खीपालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों को मधु मक्खीपालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। किसान मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) करके इससे प्राप्त शहद (Honey) से काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। सरकार की ओर से मधु मक्खीपालन काे मीठी क्रांति (sweet revolution) के तहत प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
राज्य सरकार की ओर से किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण (Beekeeping Training) की व्यवस्था की जाएगी ताकि वे मधुमक्खी पालन करके बेहतर कमाई कर सकें। इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को अनुदान, किट और प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 25.67 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश के किसानों को काफी लाभ होगा।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको मधुमक्खी पालन के लिए मिलने वाले अनुदान, मधुमक्खी पालन के लिए सरकार की योजना, योजना के तहत कैसे आवेदन करना है, कितनी सहायता सरकार से मिलेगी, कितना पैसा आपको खर्च करना होगा आदि सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहे हैं।
मधुमक्खी पालन पर अनुदान (Beekeeping Subsidy) का लाभ प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 10 हजार किसानों को मिलेगा। इसमें भरतपुर, श्रीगंगानगर, धौलपुर, अलवर सहित विभिन्न जिलों के किसानों को लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव का मंजूरी दे दी गई। किसान भाई सरकार की इस योजना से लाभ उठाकर खेती के साथ मधुमक्खी का पालन भी कर सकते हैं। बता दें कि मधुमक्खियां पुष्प और पौधों के परागण में सहायता करती हैं फसल भी अच्छी होती है। वहीं इससे प्राप्त होने वाले मोम व शहद को बेचकर काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए राजस्थान सरकार की ओर से लिए गए प्रस्ताव के अनुसार, 2500 किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रति किसान 50 मधुमक्खी बॉक्स एवं 50 मधुमक्खी कॉलोनी के लिए लागत राशि का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। साथ ही प्रत्येक किसान को एक बी-किपिंग किट (beekeeping kit) के लिए सब्सिडी (Subsidy) उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा 7500 किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत ने इस संबंध में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में घोषणा की गई थी। इस घोषणा की क्रियान्विति में इस योजना को मंजूरी दी गई है।
राज्य के किसान जो मधुमक्खी पालन के लिए अनुदान या प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मधुक्रांति पोर्टल पर मधुमक्खी पालक के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। किसानों को प्रशिक्षण, अनुदान व किट उपलब्ध करवाने के लिए राशि की व्यवस्था किसान कल्याण कोष से उपलब्ध बजट से की जाएगी। इसके लिए आवेदक किसान पोर्टल के लिंक https://madhukranti.in/nbb/ पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस पोर्टल रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप इसकी सहायता से शहद बेच व खरीद सकते हैं। इस पोर्टल रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपके पास आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि होना आवश्यक है।
एक बॉक्स से साल भर में करीब 40 किलोग्राम तक शहद प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह यदि आप 10 बॉक्स से करीब 400 किलोग्राम तक शहद प्राप्त सकते हैं। बाजार में यह शहद डेढ़ से दो लाख रुपए में बिक जाएगा। अगले साल आपकी मधुमक्खियां बढ़ जाएंगी, आपको सिर्फ पेटियों की संख्या बढ़ानी होगी। इस तरह आप मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले शहद से काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
यदि बात की जाए मधुमक्खी पालन पर आने वाले खर्चें की तो यदि आप शुरू में 10 पेटी से मधुमक्खी पालन शुरू करते हैं तो इसमें करीब 35 से 40 हजार रुपए तक का खर्चा आ सकता है। लेकिन जैसे-जैसे मक्खियों की संख्या बढ़ने लगेगी आपको मुनाफा अधिक होना शुरू हो जाएगा। आगे आपको सिर्फ मधुमक्खियों के लिए सिर्फ पेटियों की संख्या बढ़ानी होगी। इस तरह आप शुरुआती कुछ पैसा खर्च करके इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
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