प्रकाशित - 29 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Crop Loss Compensation: इस साल अगस्त महीने में कई जगह पर भारी बारिश से खरीफ फसलों को नुकसान हुआ जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों के फसल नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया है। इसके तहत किसानों के लिए राज्य सरकार ने 1419.62 करोड़ रुपए के कृषि राहत पैकेज की घोषणा की है। इस राहत पैकेज में एसडीआरएफ के तहत 1097.31 करोड़ रुपए और राज्य बजट से सहायता 322.33 करोड़ रुपए यानी कुल मिलाकर 1419 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। यह फैसला हाल ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के करीब 7 लाख से अधिक किसानों को राहत मिलेगी।
किसानों को क्षेत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा जिसमें सिंचित, असिंचित क्षेत्रों व बारहमासी बागवानी फसलों (Horticultural crops) में हुए नुकसान के आधार पर अलग- अलग मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए पैकेज में अलग-अलग बजट रखा गया है। इस पैकेज में असिंचित फसलों के लिए 475.71 करोड़, सिंचित फसलों के लिए 942.54 करोड़ और बारहमासी बगवानी फसलों के लिए 1.37 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इस तरह फसल नुकसान के लिए किसानों को कुल 1419.62 करोड़ रुपए की सहायता राशि का भुगतान किया जाएगा।
2024-25 सीजन में लगाई गई खरीफ की असिंचित फसलों (Unirrigated Crops) में 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होने पर एसडीआरएफ मापदंड के अनुसार 8,500 रुपए और राज्य बजट से 2,500 रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इस प्रकार यदि असिंचित क्षेत्र में किसानों की फसलों में 33 प्रतिशत नुकसान हुआ है तो उन्हें कुल मिलाकर 11,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की मुआवजा राशि दी जाएगी। यह मुआवजा राशि अधिकतम 2 हैक्टेयर के लिए दी जाएगी।
वर्षा आधारित अथवा सिंचित फसलों (Irrigated crops) में 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होन पर एसडीआरएफ मापदंड के अनुसार 17,000 रुपए और राज्य बजट से 5,000 रुपए मुआवजा दिया जाता है। ऐसे में असिंचित क्षेत्र के किसानों को फसल नुकसान पर कुल 22,000 रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। किसानों को यह मुआवजा अधिकतम 2 हैक्टेयर तक दिया जाएगा।
एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार बारहमासी बागवानी फसलों (Horticultural crops) में 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान हुआ है उन जिलों के किसानों को 22,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा भी किसानों को अधिकतम 2 हैक्टेयर की सीमा तक दिया जाएगा।
इसके अलावा ऐसे मामलों में जहां भूमि जोत के आधार पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार देय राशि 3,500 रुपए से कम होती है तो ऐसे मामलों में प्रति खाता कम से कम 3500 रुपए का भुगतान किया जाएगा जिसमें एसडीआरएफ के अतिरिक्त अंतर की राशि का भुगतान राज्य बजट से किया जाएगा।
यदि आप गुजरात के किसान है और आपकी फसलों को अगस्त में हुई बारिश से नुकसान हुआ है तो इसके तहत आपको सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। राज्य में 1218 टीमों के सर्वे के बाद पाया कि 7 लाख से अधिक किसानों की फसलें भारी बारिश से प्रभावित हुई है। ऐसे में इन किसानों को फसल नुकसान के मानदंडों के अनुसार मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। बता दें कि अगस्त में हुई भारी बारिश से गुजराज के पंच महल, नवसारी, सुरेंद्रनगर, देवभूमि, द्वारका, खेडा, आणंद, वडोदरा, मोरबी, जामनगर, कच्छ, तापी, दाहोद, राजकोट, डांग, अहमदाबाद, भरूच, जूनागढ़, सूरत, पाटन, और छोटा उदेपुर जैसे 20 जिलों की 136 तहसीलों के कुल 6812 गांव में बारिश से किसानों की फसलों को भारी बारिश से नुकसान हुआ था।
राज्य के किसानों को फसल नुकसान मुआवजा सहायता देने के लिए प्रभावित गांवों की सूची संबंधित जिला प्रशासन द्वारा घोषित की जाएगी। फसल नुकसान सहायता प्राप्त करने के लिए प्रभावित गांव के निश्चित नुकसान वाले किसान को ग्राम स्तर पर ई-ग्राम केंद्र (E-Gram Center) से सहायक साक्ष्य के साथ डिजिटल गुजरात पोर्टल के जरिये आवेदन करना होगा।
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