प्रकाशित - 20 Feb 2024
किसानों को खेती के कई प्रकार के कामों के लिए बैंक से ऋण लेना पड़ता है। इसके लिए किसानों को बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card) के माध्यम से सस्ता लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद भी कई किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वह समय पर ऋण अदायगी नहीं कर पाते हैं और इसके कारण उनका ब्याज बढ़ता जाता है और ब्याज सहित ऋण की राशि काफी बढ़ जाती है, जिसे वह नहीं चुका पाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार गरीब व आर्थिक दृष्टि से कमजोर लघु व सीमांत किसानों के हित में कृषि ऋण माफी योजना (agricultural loan waiver scheme) के तहत किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने जा रही है। सरकार की इस योजना से राज्य के करीब 3 लाख छोटे व सीमांत किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना पर राज्य सरकार की ओर से 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
दरअसल राज्य सरकार कृषि ऋण माफी योजना (agricultural loan waiver scheme) का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। राज्य सरकार की ओर से पहले 50,000 रुपए तक के ऋण माफी किए जाते थे, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाकर इसे 2,00,000 रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और राज्य सरकार इस प्रस्ताव को अपने बजट वर्ष 2024-25 में पेश करने की तैयारी कर रही है ताकि प्रदेश के किसानों को राहत प्रदान की जा सके।
राज्य के वे किसान जिन्होंने सहकारी समितियों व सहकारी बैंको से 2,00,000 रुपए तक का ऋण लिया है और आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण वे ऋण की अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। इसके कारण उन्हें बैंक से दुबारा ऋण नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि पुराना ऋण नहीं चुकाने पर बैंक उस व्यक्ति को डिफाल्टर घोषित कर देता है और इससे उसे आगे ऋण नहीं मिल पाता है। ऐसे में राज्य सरकार की यह योजना किसानों को राहत प्रदान करेगी और इसके बाद यह किसान दुबारा ऋण लेने के योग्य हो जाएंगे जिससे इन्हें फिर से बैंक लोन मिल सकेगा। इससे किसान और बैंक दोनों को लाभ होगा। किसान को दुबारा ऋण मिल सकेगा और बैंक के लोन बिजनेस में बढ़ोतरी होगी। हालांकि सरकार को ऋण माफ करने के एवज में 500 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।
राज्य में इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके अलावा विधानसभा चुनाव भी इसी साल राज्य में होंगे। ऐसे में सरकार किसान वर्ग को खुश करने की कवायद में लगी हुई है। राज्य सरकार चुनाव से पहले किसानों को ऋण माफी का लाभ प्रदान करने की घोषणा करके किसान वोट बैंक को अपने पक्ष में करना चाहती है। बता दें कि प्रदेश में करीब 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती-बाड़ी के काम में लगी हुई है। ऐसे में किसानों की कर्ज माफी की यह घोषणा सरकार की चुनावी नैया को पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
यदि बात की जाए राज्य में किसानों ऋणी किसानों की संख्या तो एक अनुमान के मुताबिक ऐसे किसानों संख्या तीन लाख के करीब है जिन्होंने 51,000 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक का सहकारी बैंकों से लिया है। वहीं एक लाख से दो लाख रुपए तक का लोन लेने वाले किसानों की संख्या करीब एक लाख बताई जा रही है। इस तरह राज्य के तीन लाख से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा जिससे वह ऋण मुक्त हो सकेंगे।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य कृषि विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि इस बार नॉप परफॉर्मिंग एकाउंट (एनपीए) खाताधारकों को भी ऋण राहत प्रदान की जाए। इस विषय पर भी सरकार विचार कर रही है। इसके लिए बैंक अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। इसी के साथ ही बैंकों से यह कहा जा रहा है कि जो खाते एनपीए हो गए हैं, उन खातों को स्टैंडर्ड किया जाए। उन खातों को स्टैंडर्ड करने में जितनी भी राशि खर्च होगी वह राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी। इस तरह 50,000 रुपए से कम ऋण लेने वाले एनपीए खाताधारकों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। अभी तक केवल उन खाता धारकों का ही ऋण माफ होता था जिनका खाता स्टैंडर्ड था लेकिन अब एनपीए खाता धारक किसानों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। बता दें कि एनपीए खाता का मतलब है खाता उस खाते से हैं जिनमें किसानों ने ऋण की किस्तें नहीं चुकाई होती हैं। इसके कारण उनका खाता बैंकों द्वारा निष्क्रिय कर दिया जाता है। जबकि स्टैंडर्ड खाता वह होता है जो सक्रिय है। इसमें लेन-देन हो रहा है और खाता चालू है। आम तौर पर यदि किसी खाते में छह महीने से एक साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है तो ऐसे खाते को निष्क्रिय खाते की श्रेणी में डाल दिया जाता है, लेकिन बैंक को इसे बनाए रखना होता है। ऐसे में राज्य सरकार ने बैंकों से किसानों के एनपीए यानि निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए बैंकों से कहा है जिसके लिए सरकार बैंकों को राशि चुकाएगी।
झारखंड सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों के सहकारी बैंक से लिए गए पुराने ऋणों को माफ किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत राज्य के करीब 4,72,117 किसानों के कर्ज माफ किए गए हैं। इस योजना के तहत किसानों का 50,000 रुपए तक ऋण माफ किया गया है। जबकि अभी 4,69,412 किसानों के आवेदन पर ऋण माफी की प्रक्रिया जारी है। कृषि ऋण माफी योजना की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक अब तक 20681 किसानों का भुगतान विफल हो गया है, क्योंकि बैंकों की ओर से गतल जानकारी अपलोड की गई थी। झारखंड राज्य में मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना वर्ष 2021 से लागू है।
झारखंड राज्य सरकार की ओर से ऋण माफी का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसे वह अपने बजट में पेश करने वाली है। बजट में प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर इस योजना का लाभ झारखंड राज्य के किसानों को मिलेगा। इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी जिसके मुताबिक किसानों को आवेदन करना होगा। आवेदन की क्या प्रक्रिया रहेगी और इसके लिए क्या शर्तें होगी, इन सब बातों के बारे में अभी कोई अपडेट जानकारी नहीं मिल पाई है। अभी फिलहाल ऋण माफी के प्रस्ताव को बजट में पेश किया जाएगा इसके बाद इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर किसानों को राहत प्रदान की जाएगी।
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