प्रकाशित - 31 Mar 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की फसलों को लगातार नुकसान हो रहा है। इससे किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं। खासकर वे किसान जो किसी कारणवश अपनी फसलों का बीमा नहीं करा पाएं हैं। ऐसे किसानों के लिए एक खुशखबर सामने आई है। अब ऐसे किसान जिनकी फसल का बीमा पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत नहीं है, उन किसानों को भी सरकार की ओर से फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। ये ऐलान किया है हरियाणा सरकार ने। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसानों के हित में यह अहम फैसला लिया है। ऐसे किसानों को राज्य सरकार की ओर से 15000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा राशि दी जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के बहुत से किसानों को लाभ होगा।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको हरियाणा सरकार की फसल नुकसान मुआवजा योजना के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। इसके लिए किसानों को कहां अपनी फसल का ब्यौरा देना होगा, किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान कैसे किया जाएगा आदि बातों की जानकारी हम इस पोस्ट में दी जा रही हैं। तो आइए जानते हैं, फसल नुकसान मुआवजे के बारें में पूरी जानकारी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में हुई बेमौसमी बारिश के कारण बहुत से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई है। जो किसान फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है, उन्हें राज्य सरकार अपने फंड से मुआवजा देगी। गिरदावरी का काम 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। एक निजी कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि किसानों की फसलों का आकलन कर मई माह तक संबंधित किसानों के बैंक खातों में मुआवजे की राशि भेज दी जाएगी। सीएम ने कहा कि वर्तमान में सरकार ने किसानों को 1300 करोड़ का मुआवजा दिया है।
किसानों को बेमौसमी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ई-फसल क्षर्तिपूर्ति पोर्टल पर देनी होगी। इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है। लेकिन यदि किसी कारण से किसान ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाया है, उन किसानों को भी खराब हुई फसल का मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन यह मुआवजा उन्हें तय दर के आधार पर दिया जाएगा। पटवारी और संबंधित अधिकारी फसलों को हुए नुकसान का मौके पर जाकर मुआयना करेंगे।
राज्य के जिन किसानों की फसल को बेमौसमी बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है, उन्हें अपनी फसल के नुकसान का ब्यौरा ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भरना अनिवार्य है। इसके अलावा, जो किसान खुद क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का आकलन नहीं भर सकते हैं, वे किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भी इसे भरवा सकते हैं। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से क्षतिपूर्ति पर नुकसान का ब्यौरा भरवाने का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
फसल नुकसान का बीमा करवाने वाले किसानों को बीमा कंपनी की ओर से फसल नुकसान के मुआवजे का भुगतान किया जाता है। जबकि बीमा नहीं करवाने वाले किसानों को राज्य सरकार की ओर से 15000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर दी गई प्रदर्शित और रिवेन्यू विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वही किसान अप्लाई कर सकते हैं जिस गांव में फसल खराब हुई है और खराबा के अधीन आने वाले गांव का चयन डिप्टी कमिश्नर ऑफिस के द्वारा किया जा रहा है। यदि किसी गांव में फसल खराब हुई है और किसान खराबी दर्ज कराना चाह रहा है तो वह उपायुक्त से अनुमति प्राप्त करें और जिला राजस्व अधिकारी से संपर्क करें। बता दें कि ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसल का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
जिन किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना में पंजीकरण नहीं कराया है, उन किसानों की फसल नुकसान की भरवाई के लिए ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर किसान ऑनलाइन अपनी फसल के नुकसान का ब्यौरा भर सकेंगे। इससे पहले किसानों को फसल खराब का मुआवजा मैनुअल दिया जाता रहा है। अब किसान अपनी खराब हुई फसल का ब्यौरा ऑनलाइन भर सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उन किसानों को होगा जिन्होंने पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojna) में पंजीकरण नहीं कराया है। मुआवजा प्रणाली ऑनलाइन होंने से मुआवजा राशि के भुगतान में पारदर्शिता आएगी।
ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीयन के लिए किसान को मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पंजीकरण नंबर में से कई एक जरूरी है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान को आंधी, बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, शीतलहर, भूंकप, बाढ़, बादल फटना, जलभराव, कीट हमला, भूस्खलन जैसे कारणों से फसल को होने वाले नुकसान पर मुआवजा मिल सकेगा।
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