प्रकाशित - 20 Aug 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को प्राकृतिक आपदा जैसे- आंधी, तूफान, बारिश, बाढ़, चक्रवात, सूखा, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि आदि से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों की खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तारीख को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है। अब किसान 25 अगस्त 2024 तक अपनी बोई गई खरीफ फसलों का बीमा करा सकेंगे।
इससे पहले खरीफ फसलों के बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी जिसे 16 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद एक बार फिर से योजना की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 25 अगस्त 2024 तक कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2024 (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2024) से जुड़कर इसका लाभ प्राप्त कर सकें। योजना के तहत ऋणी व अऋणी एवं डिफाल्टर किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
किसान खरीफ सीजन (Kharif Season) में उगाए जाने वाली खाद्य फसलें जैसे धान या चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, गन्ना आदि फसलों सहित अपने राज्य द्वारा अधिसूचित की गई फसल का बीमा 2 प्रतिशत प्रीमियम पर करा सकते हैं। वहीं किसान तिलहन फसलें जैसे- मूंगफली, सोयाबीन जैसी तिलहन फसलों का बीमा भी करा सकते हैं। दलहन फसलों में अरहर (तूअर), मूंग, उड़द की फसलों का बीमा कराया जा सकता है। इसके अलावा बागवानी फसलों का बीमा भी इसके तहत कराया जा सकता है जिसकी प्रीमियम दर 5 प्रतिशत होगी। बागवानी फसलों में केला, आम, अमरूद जैसी फसलों का बीमा कराया जा सकता है।
ऋणी किसान अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए अपना आवेदन भरकर आधार कार्ड, बही की फोटो कॉपी, बचत बैंक खाते की फोटोकॉपी और खरीफ फसलों के लिए निर्धारित बीमित राशि का 2 प्रतिशत प्रति हैक्टेयर प्रीमियम के साथ संबंधित राष्ट्रीयकृत बैंक, जिला सहकारी बैंक या निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर में जमा कराकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।
अऋणी किसानों से तात्पर्य उन किसानों से हैं जिन्होंने बैंक से ऋण नहीं लिया है। वे किसान बैंक, एमपी ऑनलाइन, जनसेवा केंद्र, सीएससी एवं प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। अऋणी किसानों को बीमा कराने के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक की कॉपी जिसमें किसान का नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड स्पष्ट हो, खसरा बी-1 की की कॉपी, खसरा में बोई गई फसल का प्रमाणिक बुवाई प्रमाण-पत्र लगाना होगा। वहीं किरायेदार किसान के लिए किरायानामा का शपथ पत्र लगाना होगा। किसान अपने निकटतम सीएससी केंद्र, बैंक या प्राथमिक सहकारी ऋण समिति के माध्यम से बीमा करा सकते हैं।
कृषि विभाग की ओर से अपील की गई है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत अपनी फसलों का बीमा कराने वाले किसान अतिवृष्टि, बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में 72 घंटे के भीतर कॉल करें और नुकसान की तिथि एवं वास्तविक आपदा की स्थिति भी दर्ज करें। नुकसान तिथि फसल की बुवाई की तिथि से दर्ज करने पर दावा राशि मान्य नहीं की जाएगी। कॉल सकते समय किसान विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखें। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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