प्रकाशित - 21 Dec 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Loan against crop guarantee : सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई प्रकार की योजना चलाई जा रही है जिनका उन्हें लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के बाद एक नई योजना की शुरुआत की गई है जिसके तहत किसान अपनी फसल की गारंटी पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसके लिए आपको अपनी फसल को वेयर हाउस में जमा करना होगा और उसके आधार पर ही आपको बैंक से लोन स्वीकृत हो जाएगा। ऐसे में इस योजना के माध्यम से आपकी फसल की सुरक्षा भी होगी और आपको इस पर ऋण भी आसानी से मिल जाएगा।
अक्सर देखने में आया है कि किसानों को बाजार में अपनी फसलों की सही कीमत नहीं मिल पाती है जिससे उन्हें मजबूरन अपनी फसल को कम दामों पर बेचना पड़ता है, क्योंकि अधिक समय तक फसल को रोककर रखने के लिए उनके पास पर्याप्त सुविधाजनक स्थान नहीं होता है जिससे फसल को नुकसान पहुंचने का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में सरकार की ओर से वेयरहाउस में फसल को सुरक्षित रखने की व्यवस्था दी गई है। अब सरकार इस फसल पर किसानों को लोन की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। इससे किसानों को अपनी फसल का सही भाव मिलने में आसानी होगी।
सरकार की ओर से किसानों के लिए एक नई योजना लाई गई है। इस योजना का नाम क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर ई-एनडब्ल्यूआर बेस्ड प्लेज फाइनेंसिंग (सीजीएस-एनपीएफ) है। इस योजना के तहत किसानों को उनकी फसल को गारंटी पर रखकर आसान कर्ज उपलब्ध हो सकेगा। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य छोटी और सीमांत जोत वाले किसानों को फसल कटाई के बाद अपनी फसल को कम दाम पर फसल बेचने की समस्या को दूर करना है। इस योजना के माध्यम से किसान अपनी फसल को गारंटी पर रखकर उस पर लोन उठा सकेंगे और बाजार में फसल के अच्छे या सही दाम मिलने पर उसे बेच सकेंगे। इस तरह वे अपनी फसल का सही व उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। 16 दिसंबर 2024 से शुरू की गई इस योजना के लिए सरकार ने 1,000 करोड़ रुपए का कोष आवंटित किया है।
इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को वेयर हाउसिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के तहत किसान के नजदीक अधिक प्रमाणित वेयरहाउस बनाए जाने की दिशा में काम किया जाएगा ताकि किसान बिना परिवहन लागत बढ़ाए अपनी उपज का सुरक्षित भंडारण कर सकें और बाजार में भावों में बढ़ोतरी होने पर अपनी उपज को बेचकर लाभ कमा सके।
योजना के तहत किसान अपनी उपज को वेयरहाउसिंग डिवेलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से प्रमाणित गोदामों में जमा कराकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ई- नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (ई–एनडब्ल्यूआर) का उपयोग किया जाएगा। ई- एनडब्ल्यूआर एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज होता है, जो गोदाम में रखे गए किसान की उपज का प्रमाण होता है। ऐसे में किसान इस रसीद को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करके उस पर बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे।
इस योजना का लाभ मुख्य रूप से छोटे व सीमांत किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग किसानों को दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), सहकारी समितियों और छोटे व्यापारी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर ई-एनडब्ल्यूआर बेस्ड प्लेज फाइनेंसिंग (सीजीएस-एनपीएफ) के तहत कृषि प्रयोजनों के लिए 75 लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकेगा। वहीं गैर कृषि प्रयोजनों के लिए 200 लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकेगा। इस योजना के तहत गारंटी कवरेज 3 लाख रुपए के ऋण के लिए 85 प्रतिशत, एसएमएफ यानी छोटे और सीमांत किसानों, महिला, एससी व एसटी और दिव्यांग किसानों के लिए 3 लाख से 75 लाख रुपए के बीच के ऋण के लिए 80 प्रतिशत गारंटी करवेज होगा। वहीं अन्य उधारकर्ता के लिए गारंटी कवरेज 75 प्रतिशत रहेगा।
योजना के तहत लिए गए कर्ज पर गारंटी फीस कम रखी है, ताकि अधिक से अधिक से अधिक किसान इस योजना के माध्यम से लोन ले सकें। इस योजना के तहत किसानों के लिए 0.4 प्रतिशत प्रति वर्ष गारंटी फीस निर्धारित की गई है। जबकि गैर किसानों के लिए यह शुल्क 1 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से लिया जाएगा।
इस योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराने के लिए सभी अनुसूचित बैंक और सभी सहकारी बैंकों को पात्र माना गया। किसान इन बैंकों के माध्यम से फसल गारंटी ऋण प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे में योजना के तहत फसल गारंटी ऋण के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी अनुसूचित बैंक या सहकारी बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
किसानों को वेयरहाउस की सुविधा आसानी से मिले, इसके लिए डब्ल्यूडीआरए को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक गोदामों को प्रमाणित किया जाए और इन्हें खेती के नजदीक स्थापित किया जाए। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी डब्ल्यूडीआरए से अपील की है कि किसानों की सुविधा के लिए अधिक वेयरहाउस पंजीकृत किए जाएं।
सीजीएस-एनपीएफ योजना सरकार के व्यापक कृषि सहायता ढांचे का पूरक है, जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) जैसी अन्य प्रमुख पहल शामिल हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को 3 लाख रुपए तक का ऋण 7 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। समय पर ऋण चुकाने पर 3 प्रतिशत अनुदान के साथ प्रभावी दर को घटाकर 4 प्रतिशत हो जाती है। एमआईएसएस में केसीसी वाले छोटे किसानों के लिए एनडब्ल्यूआर पर फसल के बाद के ऋण भी शामिल हैं।
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