किसानों के लिए खुशखबरी : शून्य ब्याज दर पर ऋण की अवधि 2023 तक बढ़ाई

Share Product Published - 06 Jan 2022 by Tractor Junction

किसानों के लिए खुशखबरी : शून्य ब्याज दर पर ऋण की अवधि 2023 तक बढ़ाई

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इसके अलावा किसानों की आय बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र हो या राज्य सरकार दोनों ही अपने-अपने स्तर पर किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएं के माध्यम से उन्हें लाभ पहुंचाने का काम कर रही हैं। राजस्थान में गहलोत सरकार ने कृषि के लिए अलग से बजट पेश करने की घोषणा की है तो मध्यप्रदेश में किसानों को कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण देने की योजना शुरू की गई है। आइये ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं क्या है मध्यप्रदेश सरकार की प्रदेश के किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण देने की योजना।

क्या है मध्यप्रदेश सरकार की शून्य ब्याज दर पर ऋण योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने शून्य ब्याज दर पर किसानों को ऋण देने की योजना को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। वर्ष 2022-23 के लिए किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए बांटने का टारगेट तय किया गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में इस योजना के तहत 30 लाख किसान लाभ उठा चुके हैं। इन किसानों को 24 दिसंबर 2021 तक 13 हजार 707 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया है। ईमानदारी से सरकारी पैसा समय पर वापस करने वाले किसानों को इससे काफी फायदा हो सकता है। बता दें कि पिछले महीने ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 500 करोड़ रुपए के शेयर केपिटल देने का प्रावधान किया गया है। मार्कफेड (मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित) को इस रकम से खरीद और खाद व्यवसाय के लिए बिना ब्याज का पैसा उपलब्ध हो जाने की सुविधा होगी। सहकारिता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से आयोजित एक बैठक में इस बात की जानकारी दी गई है।

सहकारिता का उपयोग को समझें, रोडमैप तैयार करें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और पशुपालन के साथ ही नए-नए क्षेत्रों में सहकारिता का उपयोग किया जाए। मत्स्य पालन, बकरी पालन, ग्रामीण परिवहन सेवा, हेल्थ सेक्टर, पर्यटन, विभिन्न खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण कार्य में सहकारिता से सकारात्मक परिवर्तन संभव है। सहकारिता की पहुंच और उसके व्यापक प्रभाव को समझते हुए इसके लिए अधिकारी रोडमैप तैयार करें। गैर पारम्परिक क्षेत्रों में सहकारिता के उपयोग को सुनिश्चित करना आवश्यक है।

सहकारिता कर्मचारियों को दी जाए ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता में कम्प्यूटर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर बल दिया। वहीं बड़े नगरों में गृह निर्माण सहकारी समितियों की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने का काम करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को सक्षम बनाने के अभियान को भी गति देने की आवश्यकता है। यह समितियां सहकारिता को बढ़ाने का आधार हैं। इनसे जुड़े कर्मचारियों को उपयोगी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाना चाहिए।

खराब परफार्मेंस वाले बैंकों को कैपिटल देने का औचित्य नहीं

सीएम ने कहा कि खराब परफोर्मेंस वाले बैंकों पर नजर रखी जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि वे पूंजी का सही उपयोग कर रहे हैं या नहीं। जिन जिला सहकारी बैंकों का परफार्मेंस बेहतर नहीं है, उन्हें निरंतर शासकीय शेयर कैपिटल देने का औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में सहकार से समृद्धि के भाव को स्वीकार कर नई सहकारी नीति तैयार किए जाने की महती आवश्यकता है ताकि लोगों के कड़ी मेहनत की कमाई व्यर्थ नहीं जाए।

केसीसी धारक किसानों को ही मिलेगा शून्य ब्याज पर ऋण

प्रदेश के जिन किसानों के पास केसीसी है उन्हें शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो सकेगा। किसान भाई क्रेडिट कार्ड की सहायता से कम ब्याज दर पर बैंकों से कृषि लोन ले सकते हैं। इसमें ब्याज की दर साधारण ऋण के मुकाबले बहुत कम होती है और कभी-कभी तो शून्य ब्याज दर यानि बिना ब्याज के किसानों को पैसा उधार दिया जाता है। ये ऋण अल्पकालीन व दीर्घकालीन दो प्रकार हो सकते हैं। इस समय मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शून्य ब्याज दर पर किसानों को ऋण मुहैया कराया जा रहा है। 

किसान इन बैंकों से बनवा सकते हैं केसीसी

जो किसान भाई केसीसी यानि क्रेडिट कार्ड बनाना चाहते हैं वे बैंक में जाकर केसीसी के लिए एप्लाई कर सकते हैं। किसान भाई को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (आईडीबीआई) से संपर्क कर सकते हैं।

अभी तक किसानों को केसीसी से कितना मिलता है लोन

किसान क्रेडिट कार्ड पर किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। वैसे खेती के लिए लोन करीब 9 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से मिलता है। लेकिन केसीसी पर किसानों को सरकार दो फीसदी की सब्सिडी देती है, और समय पर ऋण अदायगी करने पर ब्याज में 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस तरह केसीसी से किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ही लोन मिल पाना संभव हो पाता है।  

 

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