प्रकाशित - 31 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों के हितार्थ कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है जिनका उन्हें लाभ मिल रहा है। किसानों को खेती में एडवांस तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। वहीं उनके खेत और फसल की सुरक्षा के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में किसानों के खेत की आईडी जिसे किसान रजिस्ट्री का नाम दिया गया है बनाने का काम किया जाएगा। इस काम काे 4 जून 2024 से शुरू किया जाएगा। हालांकि इस योजना का पायलेट प्रोजेक्ट पूरा हो गया है, अब लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही किसान रजिस्ट्री बनाने का काम पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार के कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा इस योजना को जल्द लागू किया जाएगा। इसके तहत जिस प्रकार स्वामित्व योजना के तहत किसानों को उनके घर, मकान आदि की डिजिटल घरौनी दी जा रही है, ठीक उसी तर्ज पर अब हर किसान के खेतों का ब्योरा भी डिजिटल फार्मेट में दर्ज किया जाएगा। इसमें सभी किसानों के हर खेत की एक आईडी बनाई जाएगी। इस आईडी के जरिये किसानों के खेत का रकबा, मिट्टी का प्रकार और सिंचाई के साधन सहित अन्य जानकारियां दर्ज की जाएगी।
यूपी सरकार की ओर से किसान रजिस्ट्री (kissan registry) बनाने काम जुलाई से शुरू हो जाएगा। कृषि विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक फर्रुखाबाद जिले में किसान रजिस्ट्री का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा। अब 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस परियोजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में अपर जिलाधिकारी (वित्त) को इस काम के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। शासन की तरफ से किसान रजिस्ट्री बनाने के काम को पूरा करने के लिए आगामी जुलाई से सितंबर तक का समय दिया गया है। जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह से हर जिले में किसान रजिस्ट्री बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
किसान रजिस्ट्री (kissan registry) में खेत का रकबा, मिट्टी का प्रकार और सिंचाई के साधन सहित अन्य जानकारियां दर्ज होने से किसानों को बहुत लाभ होगा। किसान को कब कौनसी फसल की बुवाई करनी चाहिए जिससे लाभ हो, इसकी सलाह दी जा सकेगी। खेत में किस फसल में कितना मात्रा में खाद व पानी देना है, ऐसे खेती से जुड़े सवालों के जवाब देने में आसानी रहेगी। इस काम के लिए प्रदेश सरकार इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से इस परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस परियोजना के तहत राज्य के प्रत्येक किसान परिवार के मुखिया की किसान रजिस्ट्री (kissan registry) बनाई जाएगी। इसमें खसरा खतौनी में दर्ज अभिलेख के आधार पर खेत का ब्योरा दर्ज कर उसकी आईडी बनाई जाएगी। किसान रजिस्ट्री के आधार पर राज्य सरकार को यह भी पता रहेगा कि किस किसान के कौन से खेत में फसल नहीं बोई गई है। इसके आधार पर पीएम फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा किसान रजिस्ट्री (kissan registry) में यह भी दर्ज होगा कि अमुक किसान ने कब कौनसी फसल कितने रकबे में बोई है। इसकी सहायता से हर खेत की उत्पादन क्षमता का रिकॉर्ड भी दर्ज हो सकेगा जिससे सरकार को किसी गांव में विभिन्न फसलों के संभावित उत्पादन एवं वास्तविक उत्पादन के सटीक आंकड़े मिलना आसान हो जाएगा। अभी तक राज्य में फसल उत्पादन के अनुमानित आंकड़ों के आधार पर ही संभावित फसल उत्पादन का अनुमान लगाया जाता रहा है।
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