प्रकाशित - 04 Nov 2024
भारत में किसानों के सामने बंजर जमीन एक गंभीर समस्या है। ऐसी जमीन को बंजर माना जाता है जिसका उपयोग कृषि, व्यावसायिक कार्यों व वन के लिए नहीं किया जा सकता है। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 16.96 प्रतिशत भाग बंजर है। लेकिन अब सरकार ने बंजर जमीन से भी किसानों की कमाई कराने पर ध्यान दिया है। इस पहल के तहत किसानों की बंजर भूमि पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। किसान इस सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को बेचकर हर साल लाखों रुपए की कमाई कर सकेंगे। आइए, ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट से जानें कि सरकार की योजना से आम किसान को कैसे फायदा पहुंचेगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए अपने लक्ष्य निर्धारित किए है। उत्तर प्रदेश को अगले तीन साल में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की प्लानिंग के तहत किसानों की बंजर भूमि से दो हजार मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही केंद्र सरकार की “पीएम सूर्यघर योजना” के तहत यूपी में अगले तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का संकल्प लिया है। अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 30 हजार और घरों को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। इस योजना का उद्देश्य न केवल घरों में ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली बिलों में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना है।
उत्तर प्रदेश में बंजर भूमि पर पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। योगी सरकार ने साल 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिससे किसानों को बंजर भूमि से अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त हो सकेगा।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े स्तर पर सौर परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शमिल है। साथ ही सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना पर भी सरकार काम कर रही है। इस सोलर प्रोजेक्ट्स को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है। इसके अलावा सरकार जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही है।
यूपी सरकार जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना चाहती है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार,अगले दो साल में बायो कम्प्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य है। प्रदेश में बायो कम्प्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं और कई अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। जहां इस पहल से प्रदूषण कम होगा वहीं रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।
योगी सरकार ने उत्तरप्रदेश में बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत बनाने का भी निर्णय लिया है ताकि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में किसी तरह की परेशानी सामने नहीं आए। वहीं अगले 10 वर्षों के दौरान नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने की पूरी योजना भी सरकार ने बना रखी है। इससे ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
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