प्रकाशित - 03 Nov 2022
मध्य प्रदेश सरकार खेती में रासायनिक उपयोग कम करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन कर रही है जिसका लाभ प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को मिल रहा है। प्राकृतिक खेती करने से किसानों को काफी आमदनी हो रही है। प्राकृतिक खेती की खास बात यह है कि इस माध्यम से खेती करने वाले किसानों को कीटनाशक और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ रहा है। जिससे खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पड़ रहा और रासायनिक उर्वरकों पर होने वाले खर्च से भी किसानों को काफी राहत मिली है। प्राकृतिक खेती करने से किसानों को कम फसल लागत में ही अच्छा उत्पादन मिल रहा है। प्राकृतिक खेती के माध्यम से प्राप्त उपज की बाज़ार में मांग ज्यादा होने के कारण किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ सरकार की इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी साझा करेंगे।
मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों की कटाई का काम लगभग खत्म हो चुका है। किसान रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरु कर चुके हैं। मध्य प्रदेश में इस साल अब तक प्राकृतिक खेती करने के लिए करीब 85520 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। मध्यप्रदेश के किसान करीब 50 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे पर प्राकृतिक तरीके से खेती करेंगे। हालांकि, प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए किसान अभी भी रजिट्रेशन करा सकते हैं।
मध्य प्रदेश के किसानों ने बताया कि प्राकृतिक खेती करने के लिए गांव में बेकार पड़ी बंजर जमीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस खाली जमीन पर पहले कुछ भी पैदा नहीं होता था, अब वहां प्राकृतिक खेती करने से ऑर्गेनिक फसलें लहलहा रही हैं। प्राकृतिक तरीके से खेती करने से किसान कीटनाशक और खाद का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उर्वरक के रूप में केवल गोबर की खाद का उपयोग करके किसान फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके लिए सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही है। प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए मध्य प्रदेश में अभी तक 17 हजार 815 गांव के 85 हजार 520 किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया है। इसके तहत 50 हजार 818 हेक्टेयर का रकबा कवर हो गया है। सबसे ज्यादा पंजीकरण मंडला जिले में हुआ है। मंडला जिले में 4804 से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। मंडला के बाद छिंदवाड़ा, रीवा, बड़वानी और नरसिंहपुर जिले में भी बड़ी संख्या में किसानों ने प्राकृतिक खेती करने के लिए पंजीकरण करवाया है।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार किसानों को प्राकृतिक तरीके से खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित कर रही है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों को गाय पालने के लिए कहा जा रहा है, ताकि किसान गाय के गोबर और मूत्र को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकें। वहीं, गाय पालन वाले किसानों को सरकार प्रति माह 900 रुपये की सब्सिडी भी दे रही है। प्राकृतिक तरीके से खेती करने के इच्छुक किसान सरकार की इस योजना में पंजीकरण करने के लिए http://mpnf.mpkrishi.org/ पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से अपना पंजीकरण पूर्ण करके योजना का लाभ ले सकते हैं।
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