Published - 04 Sep 2021
देश में दूध व्यवसाय (Dairy farming) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हरियाणा राज्य सरकार की ओर से पशुपालकों के लिए अहम कदम उठाया गया है। इससे पशुपालक किसानों को काफी लाभ होगा। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार पशुपालन पर 25 प्रतिशत अनुदान दे रही है। पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. धर्मेंद्र के अनुसार डेयरी डेवलपमेंट विभाग में पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई थी। जिसमें 10 पशुओं तक कि दूध डेयरी प्लांट (Milk Production Plant) खोलने के लिए 25 फीसदी तक अनुदान पर ऋण मुहैया करवाने की योजना शामिल की गई थी। पशुपालन विभाग ने ये सूचित किया है कि अनुदान को दो कैटेगरी में बांटा गया है जिसमें चार या फिर 10 पशुओं की डेयरी के लिए ही 25 फीसदी अनुदान पर ऋण दिया जाएगा। इसके साथ गाय, भैंस के अलावा भेड़, बकरी तथा सूअर पालन में रुचि रखने वाले पशुपालकों भी 25 फीसदी अनुदान राशि का लाभ दिया जाएगा।
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डेयरी उद्योग (Dairy industry) खोलने के लिए सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आवेदनकर्ता के लिए जो पात्रता निर्धारित की गई हैं, वे इस प्रकार से है-
यदि आप डेयरी खोलने के लिए डेयरी लोन पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की तरफ से भी डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत पशु खरीदने, डेयरी कारोबार के लिए लोन दिया जाता है। अगर आप 10 पशुओं की डेयरी खोलना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 10 लाख रुपए की जरूरत होगी। कृषि मंत्रालय की डीईडीएस योजना में आपको लगभग 2.5 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी। यह सब्सिडी नाबार्ड की तरफ से दी जाती है।
डीईडीएस योजना के तहत प्रोजक्ट की लागत पर 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। यदि आप आरक्षित वर्ग से आते हैं तो यह सब्सिडी 33 फीसदी तक हो सकती है। बता दें कि यह सब्सिडी 10 पशुओं तक की डेयरी खोलने पर ही प्रदान की जाएगी।
हर जिले में नाबार्ड का कार्यालय होता है। यहां आप अपनी डेयरी का प्रोजक्ट बनाकर दे सकते हैं। इस काम में आपकी मदद जिले का पशुपालन विभाग कर सकता है। नाबार्ड के अधिकारी भी लोगों को अपना काम शुरू करने के लिए समय-समय पर जागरुक करते रहते हैं।
सरकार की ओर से मिनी डेयरी योजना चलाई जा रही है जिसके लिए दुग्ध उत्पादन करने वालों को अनुदान दिया जाता है। प्रगतिशील किसानों और शिक्षित युवा बेरोजगार को इस योजना के तहत 5/10 दुधारू मवेशी उपलब्ध कराए जाते हैं।
ये मवेशी गाय अथवा भैंस हो सकती है। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत बैंक लोन पर पांच दुधारू मवेशी दिया जाता है। दो चरणों में लाभुक को मवेशी दिया जाता है। पहले चरण में 3 मवेशी और 6 माह के बाद 2 मवेशी की खरीद के लिए पैसा बैंक के माध्यम से दिया जाता है। योजना लागत में मवेशी की खरीद के लिए 45 हजार रुपए एवं 3 वर्षों मवेशियों के लिए बीमा प्रीमियम के लिए 20 हजार रुपए लाभुक को दिए जाते हैं।
इस योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह भी ले सकते हैं। सभी को 40 प्रतिशत अनुदान एवं 60 प्रतिशत बैंक लोन पर दुधारू जानवर उपलब्ध करवाया जाता है। योजना के माध्यम से 6 माह के अंतराल पर 55 मवेशी दिए जाते हैं उत्पादन के लिए इस योजना के माध्यम से 3,50,000 तथा शेड निर्माण के लिए 90,000 लाभुक को दिया जाता है। इसके लिए आप क्षेत्रीय विकास अधिकारी से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इसके अलावा आप अपने निकटतम डेयरी पशु विकास केंद्र तथा जिला पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क कर दूध उत्पादन, मवेशी और अनुदान के विषय पर जानकारी ले सकते हैं।
इधर राजस्थान सरकार की ओर से देसी गाय के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु डेयरी योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत राज्य के किसान, पशुपालक, गौपालक, महिला, पुरुष और नवयुवक सभी को पात्र माना गया है। योजना का संचालन पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। योजना के तहत प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देशी गौवंश का संर्वधन कर देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं।
कामधेनु डेयरी योजना में अधिकतम एक इकाई की लागत 36.68 लाख रुपए होगी। जिसमें प्रोजेक्ट लागत का 30 प्रतिशत सरकार द्वारा खर्च किया जाएगा और 10 प्रतिशत राशि डेयरी स्थापित करने वाले उद्यमी को निवेश करनी होगी। 60 प्रतिशत की राशि बैंक द्वारा पशुपालन के लिए लोन दी जाएगी। डेयरी स्थापित करने वाले शिक्षित पशुपालक को पशुपालन का अनुभव और खुद की भूमि होना आवश्यक है। योजना के के तहत किसान को 30 गौवंश पालने के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर कुल लागत का 90 प्रतिशत लोन प्रदान किया जाता है। यदि पशुपालक तय समय पर पूरा लोन चुका देते हैं, तो उन्हें 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है। बता दें, इस योजना के में पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरुप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जा रही है। इसमें एक ही नस्ल के 30 गौवंश होंगे, जो कि उच्च दुग्ध क्षमता वाली होंगे। आपको बता दें, यह योजना अधिकतम 30 गाय या भैंस के लिए है।
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