Published - 16 Sep 2021 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों एवं युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य कई योजनाएं चला रखी है। इसका लाभ उठाकर आप अपन स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इनमें से एक व्यवसाय है डेयरी। आप डेयरी व्यवसाय शुरू करके अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण युवाओं के लिए तो डेयरी व्यवसाय काफी लाभदायक है। इतना ही नहीं किसान भाई भी खेतीबाड़ी के साथ ही छोटी डेयरी लगाकर नियमित अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। डेयरी एक ऐसा काम है जो छोटी सी जमा-पूंजी से लेकर कितनी भी ज्यादा रकम लगाकर शुरू किया जा सकता है। आप चाहे तो इसे दो गाय या भैंस से भी छोटी डेयरी शुरू कर सकते हैं। डेयरी खोलने के लिए नाबार्ड की ओर से डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम के तहत लोन और सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। आप इस स्कीम के तहत सरकार की ओर से डेयरी उद्योग शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
केंद्र सरकार के डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत नाबार्ड की ओर से 2 से 10 गायों की डेयरी शुरू करने के लिए अनुदान दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति दो से दस गायों के डेरी (डेयरी) दुग्ध व्यवसाय हेतु ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं और कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) से अनुदान की राशि प्राप्त कर सकते हैं। नाबार्ड ने चालू वित्त वर्ष में इसे रेखांकित किया है। जल्द ही, बैंकरों से मुलाकात, नाबार्ड के अधिकारी ऋण और अनुदान पर सलाह देंगे। नाबार्ड योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग के अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन आदि के लिए कर्ज लिया जा सकता है। नाबार्ड योजनाओं 2021 के तहत उत्तर प्रदेश, एमपी, राजस्थान के सहित कई राज्यों को कवर किया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम-चलाई हुई है। इस योजना के तहत पशुपालन करने वाले व्यक्ति को कुल प्रोजेक्ट लागत पर 33.33 फीसदी तक की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। इस योजना के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) कर्ज में छूट मुहैया कराता है। डीईडीएस स्कीम में 10 भैंस की डेयरी के लिए 7 लाख रुपए तक का कर्ज मुहैया कराया जाता है। सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सब्सिडी 25 प्रतिशत तक है। किसी भी वर्ग की महिला के लिए सब्सिडी की दर 33.33 फीसदी ही होगी।
अगर आप खुद का डेयरी प्लांट खोलना चाहते हैं तो प्लांट की कुल लागत का कम से कम 10 फीसदी पैसा अपनी ओर से लगाना होगा। यह बात भी ध्यान में रखना होगा कि डीईडीएस के तहत लगने वाली डेयरी लोन मंजूर होने के 9 महीने के भीतर शुरू हो जानी चाहिए। इससे ज्यादा समय लगने पर सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा। इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी बैक एंडेड सब्सिडी होगी। इसका मतलब यह है कि जिस बैंक से लोन लिया गया है नाबार्ड सब्सिडी की रकम उसी बैंक को जारी करेगा।
इस योजना के तहत बैंक आपको डेयरी प्लांट शेड बनाने के लिए, गाय-भैंस का दूध निकलने की मशीनों के लिए, चारा व कुट्टी काटने की मशीन पर, दुधारू पशुओं की खरीद पर या डेयरी के किसी और सामान की खरीद के लिए दिया जाता है।
किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर-सरकारी संगठन, कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र समूह आदि। संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां, दूध संगठन, दूध संघ आदि शामिल हैं।
डेयरी फॉर्म खोलने के किए सबसे पहले आपको डेयरी को रजिस्टर्ड करवाना होगा। इसके बाद बैंक जाकर आपको सब्सिडी फॉर्म को भर कर उसमें अप्लाई करना होगा। लोन की राशि बड़ी होने पर व्यक्ति को, नाबार्ड में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को जमा करवाना होगा। इसके बाद डेयरी प्लांट के लिए एक साफ और विस्तार से प्रोजेक्ट तैयार करना होगा जिसमें डेयरी का स्थान, पशुओं की संख्या, लागत आदि के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए। अब इस प्रोजेक्ट को लेकर नाबार्ड द्वारा अधिकृत बैंक में लेकर जाएं और लोन के लिए अप्लाई करें।
यदि आप डेयरी खोलने के लिए डेयरी लोन पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-
यदि आप छोटा डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं तो, आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा डेयरी प्लांट शुरू करने और इस पर लोन के लिए ज्यादा जानकारी नाबार्ड की वेबासाइट www.nabard.org से हासिल की जा सकती है।
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