Published - 31 Jan 2022
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार की ओर से भी अपने-अपने स्तर पर किसानों के लिए योजनाएं चलाई जा रही है ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके। जैसा कि हम जानते हैं कि खेतीबाड़ी और बागवानी के लिए कृषि यंत्रों की भूमिका अहम होती है, लेकिन कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण छोटे किसान महंगे कृषि यंत्रों को नहीं खरीद पाते है। इसे ध्यान में रखते हुए हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को सौगात दी गई है। इसके तहत किसानों और कस्टम हायरिंग सेंटर को सब्सिडी पर ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि क्षेत्र के किसानों को खेतीबाड़ी और बागवानी के काम में आसानी हो सकें। इसके लिए राजस्थान सरकार, सहकारी समितियों एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोल रही है। इसके तहत किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने निम्बाहेड़ा कृषि मंडी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 14 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ट्रैक्टर सहित विभिन्न कृषि उपकरणों की सौगात दी है। इसके अलावा समितियों को 8 लाख रुपए का अनुदान भी दिया गया है। जैसा कि प्रदेश में किसानों को किराए पर खेती संबंधी यंत्र उपलब्ध कराने के लिए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों अथवा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कस्टम हायरिंग योजना के तहत 14 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र भेंट किए। उन्होंने इस अवसर पर हर समिति को आठ-आठ लाख रुपए का अनुदान भी दिया।
मंत्री आंजना ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सहकारिता क्षेत्र में विकास की शृंखला में एक ओर कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय सहकारी बैंक की ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं पैक्स/लेम्पस द्वारा कस्टम हायरिग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसका उद्देश्य क्षेत्र के किसानों को खेती के लिए उनके कार्यक्षेत्र में रियायती दर पर ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि उपकरण उपलब्ध करवाकर उन्हें राहत प्रदान करना है। इससे किसानों को खेतीबाड़ी के काम में आसानी होगी। उन्हें सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे।
राज्य सरकार की ओर से जिन समितियों को ट्रैक्टर भेंट किए गए उनमें चितौडग़ढ़ जिले के केंद्रीय सहकारी बैंक की बडावली, जावदा, गंगरार (निम्बाहेड़ा पंचायत समिति), गंगरार (गंगरार पंचायत समिति), सुरपुर (कपासन पंचायत समिति), विनायका, बडवल (बड़ी सादडी), आंवलहेड़ा, दौलतपुरा (बेगु पंचायत समिति), नन्नाणा, धीरजीखेड़ा (भदेसर पंचायत समिति), देवपुरा, जालखेड़ा (रावतभाटा पंचायत समिति) एवं बस्सी, नेतावलगढ़ (चितौडग़ढ़ जिला) आदि पंचायत समिति से संबंधित 14 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अध्यक्षों को ट्रैक्टर भेंट किए। मंत्री आंजना ने कहा कि राज्य सरकार निरंतर किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लाकर राहत प्रदान कर रही है इसी के तहत किसानों को फसल बुवाई से लेकर कटाई तक ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों के लिए सरकार कस्टम हायरिंग योजना भी संचालित कर रही है।
राजस्थान में किसानों को रियायती दर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों (केवीएसएस-जीएसएस) के माध्यम से 100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए कृषि विभाग ने सहकारिता विभाग को 8 करोड़ रुपए हस्तान्तरित किए हैं।
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के राजसमंद जिले में 12, प्रतापगढ़ में 7, जयपुर में 6, श्री गंगानगर, बांसवाड़ा एवं बीकानेर में 5-5, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, चूरू एवं दौसा में 4-4, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, झालावाड़, बूंदी, चितौडग़ढ़ एवं अलवर जिले में 3-3 केंद्र खोले जा रहे हैं। इसी प्रकार सीकर, नागौर, बाड़मेर, अजमेर, डूंगरपुर, झुन्झुनू, जोधपुर, पाली, जैसलमेर एवं टोंक में 2-2 तथा धौलपुर, सवाई माधोपुर एवं करौली में एक-एक कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित कर रही हैं। वहीं जयपुर जिले में बनेठी, कलवाड़ा, सरना चौड़, चिमनपुरा, कुजोता एवं मुरलीपुरा जीएसएस पर कस्टम हायरिंग केंद्र खोले जा रहे हैं।
आप भी अपना स्वयं का कस्टम हायरिंग केंद्र खोल सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार से अनुदान मिलेगा। इसके लिए आपको आवेदन करना होगा और यह बताना होगा कि आप कहां किस जिले में कहां केंद्र खोलना चाहते है और वहां पहले से तो काई निजी हायरिंग केंद्र तो प्रस्तावित नहीं है। यदि पहले से वहां निर्धारित कस्टम हायरिंग केंद्र है तो आपको अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि नहीं है तो आपको उस क्षेत्र में केंद्र खोलने की अनुमति दे दी जाएगी। इसका चयन लाटरी के द्वारा किया जाएगा।
राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एनएमएईटी) के सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (एसएमएएम) के तहत अभिलक्षित गांवों में केवीएसएस-जीएसएस के माध्यम कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इन केंद्रों पर ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की क्रय लागत का 80 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख रुपए का अनुदान सरकार की ओर से दिया जा रहा है। योजना का क्रियान्वयन सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। बता दें कि सहकारिता विभाग ने 30 जिलों से प्राप्त प्रस्तावों में से 100 केवीएसएस-जीएसएस का चयन किया है। इसके लिए सहकारिता विभाग को 8 करोड़ रुपए की अनुदान राशि बतौर अग्रिम हस्तांतरित की गई है।
किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र के ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित लागू शुल्क देकर आवेदन करना होता है। उप निर्देशक, कृषि जिला परिषद कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों को रजिस्टर में इंद्राज कर भौतिक सत्यापन किया जाता है। इसके बाद किसानों को बजट की उपलब्धता की अनुरूप वरियता क्रम में नियमानुसार अनुदान से लाभान्वित किया जाता है।
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