प्रकाशित - 12 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की फसल को हर साल बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान होता है। इसके अलावा बेमौसमी बारिश से भी किसान परेशान रहते हैं। ऐसे किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) शुरू की गई है। अब तक इस योजना में 15 करोड़ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। वहीं एक प्रमुख राज्य में 2.30 करोड़ किसानों को 29 हजार करोड़ रुपए का दावा भुगतान इस योजना के तहत किया जा चुका है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत प्राकृतिक आपदा जैसे- बेमौसमी बारिश, आंधी व तूफान जैसी कई मौसम की विषम परिस्थितियों में किसानों की फसल खराब ह हो जाती है। किसानों को नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इस तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है।
देश के किसानों को मौसम से हुई फसल हानि से बचाने के लिए पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Beema Yojana) की शुरुआत 13 मई 2016 को की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को रबी फसलों (Rabi crops) के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होता है। खरीफ फसलों (Kharif crops) के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम (premium) लगता है। इसके अलावा व्यावसायिक या बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान को 5 प्रतिशत की दर से प्रीमियम देना होता है। प्रीमियम की शेष राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बीमा कंपनियों को करती हैं। इस योजना को आठ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। विगत 8 सालों में देश के करीब 15 करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं तथा उन्हें 29237 करोड़ रुपए प्रीमियम के विरुद्ध 1.52 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं मध्यप्रदेश में करीब 2.30 करोड़ किसान आवेदकों को 29439 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए स्वैच्छिक रखी गई है जिसका किसानों को लाभ मिल रहा है। किसान अपनी स्वेच्छा से इस योजना से जुड़ रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना का व्यापक रूप से मोबाइल वैन द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया है। वहीं जगह-जगह शिविर लगाकर किसानों को फसल बीमा योजना से जुड़ने की अपील भी की गई। इसके परिणामस्वरूप इस योजना में किसानों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने पिछले फरवरी माह में फसल बीमा योजना को सुगम और सरल बनाने के लिए किसान रक्षक हेल्पलाइन 14447 और पोर्टल कृषि-बीमा सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क प्लेटफार्म सारथी एवं कृषि समुदाय के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्लेटफार्म सारथी एवं कृषि समुदाय के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्लेटफार्म की शुरुआत की है। अब फसल बीमा से संबंधित समस्याओं के लिए किसान हेल्पलाइन का उपयोग कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में भी फसल बीमा याेजना का लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। साल 2016 से खरीफ 2023 तक करीब 2 करोड़ 30 लाख 94 हजार किसान आवेदकों को 29 हजार 439 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में साल 2020 में प्राकृतिक आपदा के कारण सबसे अधिक 51.15 लाख किसानों को करीब 7790 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया था। इसी प्रकार साल 2021 में 44.50 लाख किसानों को 2933 करोड़, साल 2022 में 30.48 लाख किसानों को 1050 रुपए का दावा भुगतान किया गया है। योजना के शुरुआती वर्ष 2016 में मात्र 10 लाख 38 हजार किसानों को 1854 करोड़ रुपए का दावा भुगतान करने के बाद किसान आवेदनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। योजना के स्वैच्छिक होने का लाभी भी किसानों को मिल रहा है। किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के महत्व को समझ रहे है और इससे स्वयं जुड़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के अनुसार वर्तमान में कृषि क्षेत्र में अधिक ग्रोथ के लिए जहां निवेश की आवश्यकता है। वहीं प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने की भी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसके लिए काफी कारगर साबित हुई है। योजना की शुरुआत से अब तक इसमें 15 करोड़ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। वहीं अब तक किसानों के 29,237 रुपए के प्रीमियम के मुकाबले 1.52 लाख रुपए के दावों का भुगतान किया गया है।
कृषि आयुक्त एम. सेलवेन्द्रन के अनुसार मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना के तहत फसल उपज आकलन कार्य सेटेलाइट आधारित रिमोट सेसिंग तकनीक से किया जा रहा है। इसके कारण आकलन में धिक सटीकता एवं प्रमाणिकता के साथ परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
यदि आप भी किसान हैं और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आप इसमें आसनी से जुड़ सकते हैं। फसल बीमा योजना में आवेदन करने के लिए आपको अपने जिले के बैंक या कृषि विभाग के कार्यालय पर जाना होगा। यहां से आपको इस योजना का फॉर्म लेना और इसको भरना होगा। इसमें आपको अपनी बोई हुई फसल, जमीन, इंश्योरेंस राशि आदि की जानकारी देनी होगी। इसके बाद किसानों को फॉर्म के साथ मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटो कॉपी जमा करानी होगी। जब कृषि कार्यालय या बैंक द्वारा आवेदन फॉर्म स्वीकार कर लिया जाएगा, इसके बाद किसान को प्रीमियम का भुगतान करना होगा। प्रीमियम का भुगतान करने के बाद किसान को बीमा कंपनी द्वारा बीमा पॉलिसी जारी कर दी जाएगी। इस तरह आप इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ सकते हैं।