प्रकाशित - 13 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस साल कहीं सूखा तो कहीं अधिक बारिश व ओलावृष्टि की मार से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा। इससे किसानों की आजीविका प्रभावित हुई है। इस आजीविका के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से फसल नुकसान मुआवजा (crop loss compensation) दिया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य में सूखा होने की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जा रहा है। इस फसल मुआवजे के तहत करीब 16 लाख किसान परिवारों को 3,000-3,000 रुपए दिए जाएंगे। यह पैसा सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
दरअसल राज्य के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने लघु व सीमांत किसानों की सहायता करने के लिए एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य के करीब 16 लाख किसान परिवारों को 3,000 रुपए का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली गिरने से होने वाले जानमाल के नुकसान को रोकने के उपाय तैयार किए हैं। उनके मुताबिक सूखे के कारण किसानों की आजीविका के नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को 3,000 रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका भुगतान किसानों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ दोनों फंडों से किया जाएगा। इसके साथ राज्य सरकार के फंड का भी उपयोग होगा। इसके लिए करीब 460 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सरकार ने अधिकारियों को इस पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार की ओर से 240 तालुकों में से 223 तालुकाओं को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। इनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित माना गया। ऐसे में इन सूखा घोषित तालुकाओं को सूखा राहत मुआवजे के रूप में करीब 4,300 करोड़ रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में 20 दिन का समय लग सकता है। इससे पहले करीब 32 लाख से अधिक किसानों के खातों में 3,000 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने और कानूनी लड़ाई के बाद अब तक केंद्र सरकार से करीब 3,454 करोड़ रुपए सूखा राहत के लिए प्राप्त हुए हैं। इस राशि को राज्य सरकार ने पिछले सोमवार से किसानों के बैंक खातों में जमा करना शुरू कर दिया है। अब तक करीब 32.12 लाख किसानों के खातों में राहत राशि भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी किस्त मिलाकर अब तक किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष अंतरण (डीबीटी) के जरिये 3,000 करोड़ जमा किए जा चुके हैं। लेकिन अभी भी करीब 1.5 लाख किसानों के खातों में मुआवजा राहत की दूसरी किस्त जमा नहीं हुई है। इसका कारण मामूली तकनीकी मुद्दों के कारण सत्यापन का अटकना है। उन्होंने कहा सत्यापन कार्य पूरा हो जाने के बाद 33 लाख से अधिक किसानों के खातों में सूखा राहत मुआवजे की राशि भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वर्षा आधारित और सिंचित फसलों के लिए मुआवजा वितरित किया जाएगा। इसमें उन किसानों को भी मुआवजा दिया जाएगा जो पात्र हाेने के बावजूद कुछ तालुकाओं की सूखा राहत सूची में शामिल नहीं थे। ऐसे करीब 3 लाख पात्र किसान है जिनको कुल मिलाकर 400-500 करोड़ रुपए की राहत प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि फसल मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिलों के उपायुक्तों द्वारा सत्यापन होने के बाद 10 दिन के अंदर मुआवजा वितरण का कार्य किया जाएगा।
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