फसल बीमा योजना : सरकार ने शत-प्रतिशत किसानों को दिया फसल बीमा का लाभ

Share Product Published - 11 Apr 2022 by Tractor Junction

फसल बीमा योजना : सरकार ने शत-प्रतिशत किसानों को दिया फसल बीमा का लाभ

एमपी अपेक्स बैंक ने शत-प्रतिशत किसानों को दिया फसल बीमा का लाभ

मध्यप्रदेश में एमपी .अपेक्स बैंक ने फसल बीमा का किसानों को शत-प्रतिशत भुगतान किया गया है। मीडिया में जारी रिपोट्स के अनुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के किसानों को जो विभिन्न पैक्स संस्थाओं के सदस्य हैं, उन्हें फसल खराब होने के कारण खरीफ, 2020 तथा रबी 2020-21 में फसल बीमा का लाभ प्रदान किया गया है। यह संज्ञान में आने पर कि तकनीकी कारणों से प्रदेश के कुछ जिला सहकारी बैंकों के किसानों के खातों में बीमा की राशि अंतरित नहीं हो सकी थी, प्रमुख सचिव सहकारिता, मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश के सतत मार्गदर्शन में अपेक्स बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने जिला सहकारी बैंकों के अधिकारियों के साथ निरंतर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा करके प्रदेश के सभी 3.71 लाख किसानों के खातों में फसल-बीमा की राशि रुपए 705.17 करोड़ को प्रदेश के सभी किसानों के बचत खातों में जमा कराकर शत-प्रतिशत किसानों को फसल बीमा का लाभ प्रदान किया गया है।

मध्यप्रदेश में मेरी पॉलिसी मेरे हाथ कार्यक्रम का किया गया था शुभारंभ

देशव्यापी अभियान ‘मेरी पालिसी मेरे हाथ’ की शुरुआत गत 26 फरवरी को इंदौर(मध्यप्रदेश) से की गई थी। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि यह अभियान अल्प समय में 50 लाख किसानों तक उनकी फसल बीमा पॉलिसी के साथ सफलतापूर्वक पहुंचाया है, जिसे आने वाले दिनों में भी जारी रखा जाएगा। 

बाड़मेर में किसानों को किया बीमा पॉलिसी का वितरण

बीते दिनों ही में बाड़मेर जिले में पशु मेले के दौरान आयोजित किए गए मेरी पॉलिसी मेरे हाथ कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पीएमएफबीवाई में 1.15 लाख करोड़ रुपए का क्लेम किसानों को दिया जा चुका है। महाभियान में पालिसी किसानों तक पहुंचाई जा रही है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्रतीक स्वरूप बाड़मेर जिले के 15 किसानों को फसल बीमा पालिसी का वितरण किया एवं 10 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।

इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री ने वितरित किया था किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया था। इसके तहत बैतूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिंगल क्लिक से देश में फसलों के नुकसान की अब तक की सबसे बड़ी राशि लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर की थी। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इसमें खरीफ-2020 और रबी-2020-21 की फसलों के दावे शामिल हैं। 

किसानों को फसल बीमा का लाभ देने में मध्यप्रदेश सरकार देश में नं. एक पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाकर कृषि को लाभ का धंधा बनाने के सपने को साकार करने में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। यहां पिछले 5 साल से राज्य में फसल बीमा योजना से लाभ प्राप्त करने वाले किसानों की संख्या में लगातार बढ़तरी होती जा रही है। राज्य सरकार चाहती है कि किसानों को राज्य के साथ ही केंद्रीय योजनाओं का बराबर लाभ मिल सके। 

मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना की अब तक की प्रगति

फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016-17 में हुई थी। तब से लेकर अब तक राज्य में कितने किसानों को लाभ मिला इसका वितरण इस प्रकार से हैं-

  • 2016-17 में फसल बीमा को लागू किया गया। योजना के शुरू होने के पहले ही साल रबी व खरीफ की फसल मिलाकर कुल 9 लाख 61 हजार 659 किसानों को 1,814 करोड़ रुपए की फसल बीमा राशि वितरित की गई थी। 
  • 2019-20 में प्रदेश के 25 लाख 46 हजार 649 किसानों को 6,016 करोड़ रुपए की बीमा राशि वितरित की गई। 
  • 2020 की खरीफ और 2020-21 की रबी की फसलों के दावों की संख्या 49 लाख तक पहुंच चुकी है। 12 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इसमें खरीफ-2020 और रबी-2020-21 की फसलों के दावे शामिल हैं। 

क्या है पीएम फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)

केंद्र सरकार की ओर से किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पीएम किसान फसल बीमा योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की गई थी। इस योजना के तहत किसानों की खरीफ फसलों के लिए केवल 2 प्रतिशत एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत की दर से बीमा किया जाता है। वहीं वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5 प्रतिशत रखा गया है। किसानों द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए। इस योजना के तहत सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90 प्रतिशत हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। बात दें कि इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था। अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा। 

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