प्रकाशित - 28 Sep 2022
मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई हैं। सूबे कि मध्यप्रदेश सरकार नें 50 हेक्टेयर से कम पटवारी में खेती करने वाले छोटे किसानों को भी अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत बीमा में सुरक्षा कवच प्रदान करने का फैसला किया हैं। बता दें कि पहले एक क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत बीमा में सुरक्षा कवच का लाभ पाने के लिए कम से कम 100 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई करने पर ही लाभ मिलता था, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने अब ये दायरा घटा कर 50 हेक्टेयर कर दिया हैं।
मध्यप्रदेश के छोटे किसान, आदिवासी वन गांव क्षेत्र के किसान जो कम रकबे में फसल बुवाई के चलते प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपनी फसलों का बीमा नहीं करा पाते थे और बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं के कारण उनकी फसल खराब हो जाती थी। ऐसे में फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। अब सरकार के इस निर्णय से छोटे किसानों को फसल बीमा योजना के तहत सुरक्षा कवच का लाभ मिलेगा। फसलों के खराब होने पर बीमा कंपनी किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई करेगी।
मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले से छोटे किसानों की बल्ले – बल्ले हो गई है। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सरकार के किसानों के प्रति लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अभी तक एक क्षेत्र में न्यूनतम 100 हेक्टेयर की बुवाई करने पर ही मिलता था। लेकिन एक क्षेत्र में 100 हेक्टेयर से कम फसलों कि बुवाई होने पर किसानों की फसलों का बीमा नहीं होता था, ऐसे में कई गांव और पटवारी के किसान फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित रह जाते थे। इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के छोटे और आदिवासी वन गांव क्षेत्र के किसानों के हित में 100 हेक्टेयर क्षेत्र बुवाई रकबे को घटाकर 50 हेक्टेयर कर दिया हैं।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाना हैं। देश के अधिकतर हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि बाढ़, बेमौसम बरसात और सूखे की वजह से किसानों की फसलें खराब होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे में फसल खराब होने पर किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ता है। किसानों की इसी समस्या को हल करने के उद्देश्य से और फसल खराब होने पर उनको मुआवजा देने के लिहाज से सरकार ने 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को शुरू किया था। इस योजना के तहत किसानों को उनकी फसल का बीमा कराने की सुविधा प्रदान की गई। किसान फसल की बुवाई के समय अपनी फसलों का बीमा कराकर भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि बाढ़, बेमौसम बरसात और सूखे की वजह से फसलों के खराब होने पर होने वाले नुकसान का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि इस योजना का लाभ सिर्फ वही किसान भाई ले सकते हैं जिन्होंने अपनी फसल बुवाई के बाद अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन समय पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करा रखा हैं।
अगर आपने अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करा रखा हैं, और बारिश या प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल को भारी नुकसान हुआ है। तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आपको 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद बीमा कंपनी आपकी फसल का मुआयना करेगी। मुआयना करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी और मुआवजा राशि सीधे किसानों के खाते में भेज दी जाएगी।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी फसल के अनुसार प्रीमियम राशि भी देनी होगी। आपको अपनी फसल का बीमा कराने के लिए किसानों को खरीफ की फसलों के लिए बीमा राशि का 2 प्रतिशत, रबी की फसलों के लिए बीमा राशि का 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक और बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है। बाकी का बचा हुआ भुगतान राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों महिंद्रा ट्रैक्टर, न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖