प्रकाशित - 29 Jun 2024
किसानों के लिए खुशखबर आई है। जिन किसानों की बारिश से फसल खराब हुई थी उनके नुकसान की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने फसल मुआवजा वितरण के लिए 1700 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है। यह राशि 2023 में बारिश से प्रभावित किसानों में वितरित की जाएगी। इस राशि से राज्य के करीब 22.74 लाख किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा राज्य में जनवरी से अक्टूबर 2023 के दौरान असामयिक या भारी बारिश से प्रभावित किसानों को वितरित किया जाएगा। मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार की ओर से खरीफ-2023 के दौरान बारिश के अभाव की स्थिति के कारण 2 हजार 443 करोड़ से अधिक का मुआवजा मंजूर किया गया है।
दरअसल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने बीते दिन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 पेश की। इसमें किसानों के लिए 2023 में बारिश से फसल नुकसान और सूखे की स्थिति के देखते हुए फसल नुकसान पर मुजावजा राशि को मंजूरी दी गई है।
पिछले साल 2023 में महाराष्ट्र में हुई मूसलाधार बारिश के बाद सबसे अधिक खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद प्रदेश के 50 लाख किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत 25 प्रतिशत मुआवजा दिया गया था। यह राशि करीब 2200 करोड़ रुपए थी। यह मुआवजा अग्रिम भुगतान था, इसके बाद किसानों को शेष 75 प्रतिशत मुआवजा राशि नहीं मिल पाई थी जिससे किसान आर्थिक संकट में थे। अब राज्य सरकार की ओर से मुआवजा राशि की मंजूरी मिलने से प्रदेश के किसानों को राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के मुताबिक 21 दिन से अधिक समय तक फसल खराब होने तथा उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक गिरावट होने की स्थिति में फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। इसके अलावा कृषि विभाग की फसल कटाई प्रयोग रिपोर्ट को आधार पर भी किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इसके तहत फसल कटाई रिपोर्ट से संबंधित राजस्व क्षेत्र का औसत उत्पादन निर्धारित किया जाता है। यदि मुआवजे के समय औसत उत्पादन कम है तो बीमा कंपनियों द्वारा 25 प्रतिशत अग्रिम कटौती के बाद शेष राशि का भुगतान किया जाता है। इसके बाद कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा तैयार की गई फसल कटाई रिपोर्ट के आंकड़ों को बीमा कंपनियों के पोर्टल, फसल बीमा पोर्टल (crop insurance portal) पर अपलोड किया जाता है। बीमा कंपनियां इन उत्पादन आंकड़ों को मानकर मुआवजा का दावा तय करती है और इसके बाद किसान को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाता है।
महाराष्ट्र में पीएम फसल बीमा योजना 2024 (PM Crop Insurance Scheme 2024) के तहत किसानों की फसलों का बीमा मात्र एक रुपए में किया जाता है। शिदें सरकार ने यह योजना पूरे राज्य में लागू की हुई है। राज्य सरकार किसान के हिस्से का बीमा प्रीमियम (Insurance Premium) भी बीमा कंपनियों को खुद भुगतान करेगी जिससे किसान मात्र 1 रुपए में अपनी खरीफ फसलों का बीमा (Kharif crop insurance) करा सकते हैं। राज्य के किसानों की राज्य अनुसार अधिसूचित फसलों का बीमा एक रुपए के नाममात्र के प्रीमियम पर किया जा रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, मूंग, उड़द, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, कपास और प्याज जैसी फसलों का बीमा करा सकते हैं। यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी फसल (rabi fasal) के लिए 1.5 प्रतिशत, खरीफ फसल (kharif fasal) के लिए 2 प्रतिशत और बागवानी या वाणिज्यिक फसलों (Horticultural or Commercial Crops) के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम किसान को देना होता है। जबकि महाराष्ट्र में अब किसान को अपने हिस्से के रूप में मात्र एक रुपए देकर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। प्रीमियम की पूरी राशि राज्य सरकार की ओर से देय होगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2024 है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। राज्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में राज्य का औसत हिस्सा सबसे अधिक 13.9 प्रतिशत है। वहीं अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 2023-24 के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 40 लाख 44 हजार 251 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 के दौरान राज्य के लिए कृषि और इससे संबद्ध गतिविधियां क्षेत्र में 1.9 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र में 7.6 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अलावा 2023-24 के अनुसार जीएसडीपी में राजकोषीय घाटे का प्रतिशत 2.8 प्रतिशत जीएसडीपी में राजस्व घाटा 0.5 प्रतिशत है।
विधानसभा सत्र का दौरा करने के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने राज्य में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा भी उठाया रिपोर्ट बताती है कि राज्य में औसतन प्रतिदिन नौ किसान आत्महत्या करते हैं। वहीं अमरावती में औसतन प्रतिदिन एक किसान आत्महत्या करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किसानों को 10,022 करोड़ रुपए का मुआवजा लंबित है। उन्होंने सरकार से चुनाव से पहले किसानों के कृषि ऋण माफ करने की मांग की।
विधानसभा सत्र का दौरा करने के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं लाने की योजना बना रही है, जिसमें से एक मध्यप्रदेश की तरह लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahana Yojana) है। मैं इसका स्वागत करता हूं और लड़कों के लिए भी यह योजना लाने की मांग करता हूं ताकि लड़कियों और लड़कों दोनों को इसका लाभ मिल सके।
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