प्रकाशित - 16 Aug 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश के कारण कई किसानों के खेतों में सिल्ट जमा हो गई जिसे निकालने के लिए पहली पर राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को 32.55 लाख रुपए की राशि जारी की है। इससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार की इस पहल का किसानों ने स्वागत किया है और खुशी जताई है।
यूपी में किसानों के खेतों में बाढ़ के कारण 3 सेंटीमीटर तक की सिल्ट की मोटी परत जमा जाती है जिसे हटाना जरूरी होता है। यदि सिल्ट खेतों में जमा रहती है तो फसल उत्पादन प्रभावित होता है। ऐसे में इसे हटाने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार प्रदेश किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में धनराशि जारी की है जिससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के 311 किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। इसमें तहसीलवार प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि वितरित की गई जिसका विवरण इस प्रकार से है-
तहसील का नाम | लाभान्वित किसान | हैक्टेयर क्षेत्रफल | मुआवजा राशि |
लखीमपुर | 105 | 36.7841 | 6,75,941 रुपए |
निघासन | 42 | 25.8283 | 4,72,407 रुपए |
धौरहरा | 39 | 34.1252 | 6,11,060 रुपए |
गोला | 81 | 49.3897 | 9,06,691 रुपए |
पलिया | 44 | 32.7652 | 5,89,773 रुपए |
यूपी में पहली बार बाढ़ से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को मुआवजा राशि जारी की गई है। आपदा गाइडलाइन के मुताबिक बाढ़ से जिन किसानों के खेतों में रेत या गाद निक्षेप की मोटाई तीन सेंटीमीटर से अधिक होती है, उन किसानों को अपने खेत से सिल्ट हटाने के लिए मुआवजा दिया जाता है। इन किसानों को 18,000 रुपए प्रति हैक्टेयर तथा न्यूनतम 2,200 रुपए प्रति किसान की दर से मुअवाजा दिया जाता है।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों के लिए काफी संवेदनशील है। यहां किसानों के लिए राज्य स्तर पर कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिनमें प्रमुख कल्याणकारी व लाभकारी येाजनाएं इस प्रकार से हैं-
प्रदेश के किसानों को मंडी परिसर के अंदर फसल बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना चलाई गई है। इस योजना को वर्ष 2003 में शुरू किया गया था। योजना के शुरुआती समय में किसानों को मासिक, त्रैमासिक और अर्द्धवार्षिक आधार पर उनके मंडी लेने देन पर 5,000 रुपए और उससे अधिक की राशि पुरस्कार स्वरूप दिए गए थे। समय-समय पर योजना में संशोधन होता रहता है। योजना का ड्रॉ लाटरी के माध्यम से निकाला जाता है। अब पिछले कुछ सालों से इस योजना में किसानों को ट्रैक्टर व कृषि यंत्रों का वितरण किया जाता है। वर्तमान में योजना के तहत तिमाही और छह माह में ड्रॉ निकाले जाते हैं। इसके तहत किसानों को पंपिंग सेट, सोलर पावर पैक, पावर स्प्रेयर, मिक्सर ग्राइंडर आदि पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाते हैं।
मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना के तहत किसान के पुत्र या पुत्रियों को कृषि विषय की शिक्षा ग्रहण करने पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत मेरिट के आधार पर स्नातक के लिए 3,000 रुपए और स्नातकोत्तर के लिए 3,000 रुपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाती है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना प्रदेश के किसानों, खेतहर किसानों और मंडी मजदूरों के लिए लागू की गई है। इस योजना के तहत 18 से 75 वर्ष के मध्य की आयु के किसान, खेतहर किसानों और मंडी मजदूरों को कवर किया गया है। इस योजना के तहत कृषि कार्य करते समय यदि किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को तीन लाख रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। वहीं अंगभंग होने पर 75,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाती है।
मुख्यमंत्री मंडी स्थल/उप मंडी स्थल अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना के तहत अधिसूचित मंडी समितियों के तहत खलिहान में एकत्रित फसल एवं खेत में खड़ी फसल में आग लगने पर किसान को फसल हानि पर दुर्घटना सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत किसान को 30,000 रुपए से लेकर और अधिकतम 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।
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