प्रकाशित - 23 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
अप्रैल के महीने में कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है और अभी भी कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हो रहा है। इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बात काे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को जल्द नुकसान की भरपाई करके राहत देने की बात कही है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके।
बता दें कि अप्रैल माह में हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। प्रदेश में कई किसान फसल की कटाई कर रहे हैं या उसे बेचने हेतु मंडी में ले जाने के लिए सूखा रहे हैं, लेकिन बीच में ही बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी फसल को नुकसान पहुंचा दिया जिससे किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने की बात कही है। इस समय राज्य में रबी फसल की सरकारी खरीद का काम चल रहा है। ऐसे में मंडी में किसानों का खुले में रखे गेहूं में भी नुकसान हो रहा है।
बीते शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ बारिश हुई जिससे किसान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शनिवार को करनाल के इंद्री में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया। इंद्री का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और पटवारियों को फसलों का जायजा लेने और जो भी नुकसान हुआ है उसकी तुरंत गिरदावरी कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जा सके। बता दें कि इंद्री इलाके में 15 से 20 अप्रैल तक जोरदार ओलावृष्टि हुई थी। इसके कारण किसानों के मंडियों में रखे गेहूं के बोरे के ऊपर बर्फ की चादर बिछ गई थी और किसान के गेहूं को नुकसान पहुंचा।
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने रबी फसल की खरीद से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्तों को निर्देश दिए है कि ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द सर्वे किया जाए ताकि प्रभावित किसानों को समय पर फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा सके।
जिन किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Beema Yojana) के तहत अपनी रबी फसलों का बीमा कराया हुआ होता है, उन्हें नियमानुसार फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है। पीएम फसल बीमा योजना के नियमानुसार 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। हरियाणा में किसानों को अपनी फसल के नुकसान की सूचना क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करानी होती है। इसके बाद बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। सत्यापन के बाद प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीयन से पहले किसान को अपनी फसल का ब्यौरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल दर्ज कराना जरूरी होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत कम बारिश, विपरीत मौसम परिस्थितियों तथा अन्य प्राकृतिक कारणों जैसे- सूखा, बाढ़, जलभराव, प्राकृतिक आग, कीट-व्याधि, बिजली गिरना, ओलावृष्टि एवं बेमौसमी बारिश से फसल को होने वाले नुकसान पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए किसान को योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराना होता है। फसल बीमा कराते समय किसान को इसके लिए निर्धारित प्रीमियम चुकाना होता है। इसमें रबी मौसम की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत, खरीफ के लिए 2 प्रतिशत की दर से बीमा प्रीमियम देना होता है। इसके अलावा किसान इस योजना के तहत उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं। इसके लिए किसान को थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना होता है। उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों के लिए किसान को 5 प्रतिशत की दर से बीमा प्रीमियम देना होता है। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जिन्होंने अधिसूचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित फसल की बुवाई की है।
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