प्रकाशित - 16 May 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
एक छोटे किसान के जीवन में खेती के लिए ट्रैक्टर और सिंचाई के नलकूप ( बोरिंग ) का होना बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। जिन किसानों के पास जोत के लिए बेहद कम जमीन है। उनके लिए बोरिंग करा पाना एक सपने की तरह ही होता है। ज्यादातर किसानों की आय इतनी कम होती है कि वे बोरिंग कराने की सोच भी नहीं पाते। बोरिंग के लिए किसानों को अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है। लेकिन देश में केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकारें, किसानों को बोरिंग के लिए कई सारी योजनाओं के माध्यम से सरकारी सहायता प्रदान करती हैं। सरकारी सहायता के तौर पर किसानों को नलकूप या बोरिंग के लिए सब्सिडी दी जाती है या कई जगह पर सरकारी योजना के माध्यम से फ्री बोरिंग भी कराया जाता है। लेकिन इस योजना में कई सारी पात्रता शर्तें होती हैं। ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम किसानों के समक्ष ऐसी योजना की जानकारी लेकर आए हैं जो सामान्य, ओबीसी, एससी और एसटी सभी वर्ग के किसानों के लिए है।
योजना से जुड़ी जानकारी, पात्रत शर्तें, आवश्यक दस्तावेज और ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी के लिए बने रहें।
सामुदायिक नलकूप योजना एक ऐसी योजना है, जिसके अंतर्गत किसानों को सामूहिक तौर पर बोरिंग दिया जाता है। इस नलकूप का एक अध्यक्ष नियुक्त होता है, बोरिंग की जिम्मेदारी उसी को सौंपी जाती है। सामूहिक तौर पर बोरिंग मिलने से किसान समय-समय पर अपने खेत की सिंचाई कर अपने उत्पादन बढ़ा सकते हैं। किसानों की आय बढ़ाने और लागत को कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सामूहिक नलकूप योजना की शुरुआत की गई है।
ये योजना बिहार राज्य के किसानों के लिए लाई गई है। किसानों को बोरिंग कराने के लिए सरकार द्वारा 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है। किसान समूह मात्र 20% लागत राशि का भुगतान कर बोरिंग करा सकते हैं। बिहार में बोरिंग की लागत अलग-अलग जगहों पर कम या ज्यादा है। सामान्यतः 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की लागत में बोरिंग हो जाती है। कम भूमिगत जल स्तर वाले क्षेत्रों में 1 लाख रूपये की राशि लगती है। जबकि ज्यादातर जगहों पर 50 हजार रूपए में बोरिंग हो जाती है। इस तरह किसानों को 50 हजार रूपए का 20% राशि यानी 10 हजार या 20 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता है। अगर बोरिंग 50 हजार रुपए में होती है तो सरकार 40 हजार रुपए अनुदान देती है।
बिहार सरकार किसान समूहों को इस योजना का लाभ दे रही है। कम से कम अगर 10 किसानों का समूह हो और अगर बोरिंग की लागत 50 हजार रुपए आती है तो सभी किसानों को 20% का भुगतान करना होगा। 50 हजार का 20 प्रतिशत, 10 हजार रूपये का भुगतान कुल 10 किसानों को करना होगा। इस तरह प्रति किसान मात्र 1000 रुपए की लागत में बोरिंग करवा सकते हैं। आगे अपने खेतों में समय-समय पर सिंचाई कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
बिहार राज्य के ऐसे किसान जो 0.5 एकड़ से अधिक जमीन के मालिक हैं, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। हालांकि इसके अलावा भी कुछ पात्रता शर्ते इस प्रकार हैं।
सामुदायिक नलकूप योजना में आवेदन के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होती है, जो इस प्रकार है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर, एस्कॉर्ट्स ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।