प्रकाशित - 30 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
खरीफ फसलों की बुवाई का समय आने वाला है। मानसून के साथ ही किसान अपने खेत में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देंगे। खरीफ की फसलों में मोटे अनाज को शामिल किया जाता है। कई किसान ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, चीना जैसे माेटे अनाज की खेती करते हैं। मोटे अनाज को लेकर पीएम मोदी भी इसके गुणों को बता चुके हैं। मोटे अनाज को लेकर कई राज्य सरकारें मिलेट्स प्रोग्राम चला रही हैं जिसके तहत किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खास बात यह है कि राज्य सरकार की ओर से मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को अनुदान तो दिया ही जा रहा है, इसके अलावा उन्हें 2,000 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। सरकार चाहती है कि राज्य में किसान मोटे अनाज की खेती करें ताकि कम पानी में अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके। वैसे भी मोटा अनाज काफी पौष्टिक माना जाता है। ऐसे में इसे भोजन में शामिल किया जाना चाहिए।
राज्य सरकार ने मोटे अनाज का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। राज्य में पहली बार मोटे अनाज की खेती को लेकर खरीफ सीजन के लिए लक्ष्य तय किया गया है। मोटे अनाज को लेकर निर्धारित लक्ष्य के अनुसार इस योजना के तहत विभिन्न कलस्टर में इसकी खेती की जाएगी। एक कलस्टर के लिए अधिकतम 25 एकड़ का क्षेत्र रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में करीब 4115 एकड़ क्षेत्र में ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कोदो और चीना की खेती की जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मोटे अनाज के तहत शामिल फसलों के बीज को लेकर भी लक्ष्य निर्धारित कर दिया है।
किसानों को मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कोदो और चीना का बीज उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों को इन मोटे अनाज की खेती के लिए 2000 रुपए की नकद सब्सिडी दी जा रही है। इस अनुदान राशि से किसान खेती के लिए अपनी मनमर्जी के मुताबिक खर्च कर सकेंगे।
बिहार राज्य में मोटे अनाज के बीज का वितरण पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। इसमें इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि किसान को समय पर बीज उपलब्ध हो।
किसानों को मोटे अनाज के बीज “पहले आओ-पहले पाओ” की तर्ज पर दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो पहली बार मोटे अनाज की खेती के लिए खरीफ सीजन में लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। इसमें अलग-अलग मोटे अनाज के लिए करीब 210 क्विंटल बीज की जरूरत होगी। बीज वितरण की तैयारियां की जा रही है।
बिहार के अलावा झारखंड राज्य में भी किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ 3,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। लाभार्थी किसान को अधिकतम पांच एकड़ क्षेत्र में अनुदान दिया जाएगा। इस तरह किसान मोटे अनाज की खेती पर अधिकतम 15,000 रुपए के अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना राज्य के किसानों के लिए 2023-24 से लेकर 2027-28 पांच साल के लिए होगी। इस योजना को झारखंड राज्य के सभी जिलों के लिए लागू किया गया है। राज्य में मिलेट मिशन के तहत बाजरा, रागी, कोदो, कलमी और जंगोरा की खेती को प्रात्साहित किया जाएगा।
इस योजना के तहत बाजरे की खेती करने वाले किसानों को राष्ट्रीय किसान दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार के लिए 10 प्रगतिशील किसानों का चयन किया जाएगा। पुरस्कार के लिए चयनित किसानों को 50 हजार रुपए तक की नकद राशि प्रदान की जाएगी।
झारखंड मिलेट मिशन के तहत जो किसान मोटे अनाज की खेती करना चाहते है, वे अपने नजदीकी सीएससी या प्रज्ञा केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2024 है। इस योजना के तहत रैयत और बटाईदार दोनों किसान आवेदन कर सकते हैं।
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