Published - 12 Apr 2022
रबी और खरीफ की फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए फसलों का बीमा कराया जाता है। अब तक रबी और खरीफ की फसलों का ही प्रमुखता से बीमा कंपनी बीमा करती आई है। लेकिन अब हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है। इसके तहत अब राज्य के किसान सब्जी, फल और मसाला फसलों का बीमा करा सकेंगे। इससे किसानों को अब रबी और खरीफ की फसलों की तरह ही बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का मुआवजा मिल सकेगा। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना हरियाणा के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि राज्य के अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने ‘‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’’ के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण से बागवानी फसलों होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। योजना के अंतर्गत प्रतिकूल मौसम कारक तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, हरियाणा राज्य सरकार ने इन सभी कारकों को योजना के तहत शामिल किया है।
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 21 फसलों को शामिल किया गया है। इनमें 14 सब्जियां को शामिल किया गया है जिनमें टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पतागोभी, मूली हैं। वहीं फलों में 5 फल जिनमें आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची को शामिल किया गया है। इसके अलावा दो मसाला फसलों को भी इस योजना में लिया गया है जिनमें हल्दी, लहसुन है। किसान उपरोक्त बागवानी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योरड) सब्जियों व मसालों के लिए 30,000 रुपए प्रति एकड़ व फलों के लिए रूपये 40,000 रुपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जो कि सब्जियों में राशि 750 रुपए व फलों में राशि 1000 रुपए प्रति एकड़ होगा। बता दें कि सरकार द्वारा योजना के लिए प्रारंभिक पूंजी के रूप में राशि 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा। मौसमवार फसल पंजीकरण की अवधि समय-समय पर निर्धारित एवं अधिसूचित की जाएगी। यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी अर्थात फसल हानि का आंकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का लाभ लेने के लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर https://mbby.hortharyana.gov.in/ जाकर आवेदन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज (Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana)
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
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