Published - 01 Jan 2022 by Tractor Junction
सरकार की ओर से किसानों को राहत प्रदान करने प्रयास जारी है। किसानों के बकाया कर्ज हो या बिजली बिल में राहत देने की बात हो। इसके लिए सरकार की ओर से कोशिश की जा रही है कि किसानों को सस्ती बिजली मिले। इस दिशा में राजस्थान सरकार सराहनीय कार्य कर रही है। राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को बिजली बिल पर राहत प्रदान की जा रही है। इतना ही नहीं इसके लिए किसानों को एक हजार रुपए की सब्सिडी का लाभ भी किसानों को दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राजस्थान सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने की योजना बनाई है। इसके तहत किसान बिजली बिल की बकाया राशि पर पेनल्टी से बच सकते हैं साथ ही किसानों को 1000 रुपए प्रतिमाह का अतिरिक्त अनुदान भी दिया प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान सरकार के द्वारा लिए गये फैसले से किसानों को बिल जमा करने के लिए समय मिल जाएगा तो दूसरी तरफ पेनाल्टी से भी छुटकारा मिल जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि बिजली बिल की अत्यधिक बकाया राशि वाले कृषि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए नियमित व कटे हुए कृषि बिजली कनेक्शनों के उपभोक्ता 30 नवंबर, 2021 तक की बिजली बिल की बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा करा सकेगें। इसके लिए उपभोक्ता को 31 मार्च, 2022 तक संबंधित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन करना होगा।
राजस्थान सरकार ने सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए यह भी निर्णय लिया गया है कि वे सामान्य श्रेणी ग्रामीण कृषि उपभोक्ता, जिन्होंने इस योजना का लाभ लिया है एवं समय पर किश्तों का भुगतान कर रहे है। ऐसे उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत प्रतिमाह 1000 रुपए अतिरिक्त अनुदान का लाभ दिया जाएगा।
ऊर्जा राज्य मंत्री भवंर सिंह भाटी ने बताया कि कृषि मीटर्ड श्रेणी उपभोक्ता जिनके मीटर सही है और सतर्कता जांच के दौरान संबंद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक पाया जाता है तो ऐसे प्रकरणों में कोई सतर्कता जांच प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाएगा और बढ़े हुए भार को नियमितिकरण शुल्क लेकर नियमित कर दिया जाएगा।
विद्युत चोरी के प्रकरण में उपभोक्ता द्वारा वैधानिक दायित्व राशि की 10 प्रतिशत एवं संपूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा दी जाती है तो उसके विद्युत संबंध को पुर्नस्थापित कर दिया जाएगा और प्रकरण को राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में ले लिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कृषि उपभोक्ता वैधानिक दायित्व राशि की 50 प्रतिशत व संपूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा देता है तो सतर्कता जांच प्रतिवेदन का सहायक अभियंता के स्तर पर पूर्ण निस्तारण कर दिया जाएगा।
वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं के बिजली चोरी के प्रकरणों में वैधानिक दायित्व राशि का आकलन विनियामक आयोग द्वारा संबंधित कृषि श्रेणी की अनुमोदित संपूर्ण टैरिफ, जोकि वर्तमान में सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए रु. 5.55 प्रति यूनिट है, के अनुसार किया जाता है। अब यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में वैधानिक दायित्व राशि का आंकलन कृषि उपभोक्ताओं द्वारा देय अनुदानित दर जो कि वर्तमान में सामान्य कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 0.90 पैसे प्रति यूनिट है, के अनुसार किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शनों में होने वाली देरी को देखते हुए एक और फैसला किया गया है। जिसके तहत किसान भाई-बहन बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा एवं डिग्गी योजना के बिजली कनेक्शन बिजली निगम के लाइसेंसधारी लोगों से करवा सकते हैं।
मालूम हो कि राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र के लिए अलग विद्युत वितरण कंपनी बनाने की तैयारी में है। ताकि किसानों को पर्याप्त बिजली की उपलब्धता हो और कृषि क्षेत्र में बिजली से संबंधित समस्याओं का असानी से निदान हो सके। राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 25.56 फीसदी है। इसलिए इस क्षेत्र पर राज्य सरकार फोकस कर रही है।
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