प्रकाशित - 18 Dec 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की फसलों की आर्थिक रूप से सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal beema yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल हानि होने पर उसकी भरपाई की जाती है। इसके लिए इस योजना में फसलों का बीमा कराने वाले किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने किसानों को बारिश से हुई फसल हानि पर मुआवजे की राशि जारी कर दी है। इस योजना के तहत किसानों को 98 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि जारी की गई है। इसके तहत अलग-अलग जिले के किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया है। फसल बीमा मुआवजा लिस्ट भी जारी कर दी गई है। किसानों को इस लिस्ट के अनुसार ही मुआवजे का वितरण किया जाएगा।
बता दें कि जुलाई के महीने में राज्य में हुई भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। यहां बाढ़ जैसे हालत बन गए थे। इससे यहां किसानों की फसलों के अलावा घरों को भी नुकसान पहुंचा था जिसकी भरपाई के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा राशि जारी की है। फसल बीमा योजना लिस्ट (Crop insurance scheme list) के अनुसार राज्य के करीब 35 हजार किसानों को इस मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है।
राज्य के मुख्यमंत्री के मुताबिक जुलाई महीने में भारी बारिश और बाढ़ के कारण करीब 12 जिलों में फसल, संपत्ति, पशुधन व वाणिज्यिक संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ था जिसका मुआवजा दिया गया। इन 12 जिलों में अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र कैथल, करनाल, पंचकुला, पानीपत, पलवल, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर जिले को शामिल किया गया है। यहां 1469 गांवों और चार शहरों को बाढ़ प्रभावित माना गया था। इसी कड़ी में सरकार की ओर से राज्य के 34,511 किसानों को 97 करोड़ 93 लाख 26 हजार रुपए की राशि बतौर मुआवजा जारी की है। इसमें उन किसानों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने भारी बारिश के बाद फसल की दुबारा से बुवाई की थी। ऐसे किसानों को 7,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जा रहा है जिसकी घोषणा पहले ही कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि अभी दिए गए मुआवजे में कपास की फसल को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि अभी इसके सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद सरकार द्वारा इसके लिए मुआवजा दिया जाएगा।
हरियाणा के जिन जिलों को मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है। उनकी सूची जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री के मुताबिक राज्य के किसानों को फसल नुकसान पर 25 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक मुआवजा दिया जा रहा है। जिलेवार मुआवजा की सूची इस प्रकार से है
क्र. सं. | जिले का नाम | मुआवजा राशि |
---|---|---|
1. | अंबाला | 12.81 करोड़ रुपए |
2. | फतेहाबाद | 18.65 करोड़ रुपए |
3. | कुरुक्षेत्र | 26.95 करोड़ रुपए |
4. | भिवानी | 23.60 लाख रुपए |
5. | चरखी दादरी | 5.57 करोड़ रुपए |
6. | फरीदाबाद | 1.35 करोड़ रुपए |
7. | हिसार | 15.43 लाख रुपए |
8. | झज्जर | 1.48 करोड़ रुपए |
9. | जींद | 9.89 लाख रुपए |
10. | कैथल | 7.99 करोड़ रुपए |
11. | करनाल | 3.09 करोड़ रुपए |
12. | महेंद्रगढ़ | 10.78 करोड़ रुपए |
13. | पलवल | 5.40 करोड़ रुपए |
14. | मेवात | 53 हजार रुपए |
15. | पंचकूला | 23.31 लाख रुपए |
16. | पानीपत | 19.88 लाख रुपए |
17. | रोहतक | 2.53 करोड़ रुपए |
18. | सिरसा | 3.20 करोड़ रुपए |
19. | सोनीपत | 5.15 करोड़ रुपए |
20. | यमुनानगर | 2.61 करोड़ रुपए |
21. | रेवाड़ी | 7 लाख रुपए |
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन, घरों, वाणिज्यिक संपत्तियों की क्षति, कपड़ों, बर्तनों व अन्य घरेलू सामान की क्षति के लिए 5 करोड़ 96 लाख 83 हजार रुपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से सीधे ही बैंक खातों में डाली गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ में 47 लोगों की मृत्यु हुई थी। सरकार ने उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी। इनमें से 40 लोगों के परिजनों को 1 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है। शेष 7 लोगों का सत्यापन किया जा रहा है। जनहानि की मुआवजा राशि 1 करोड़ 60 लाख रुपए दी गई। इस प्रकार अलग-अलग नुकसान के लिए अभी तक कुल 112 करोड़ 21 लाख रुपये की राशि बतौर मुआवजा जारी की जा चुकी है।
केंद्र सरकार की ओर से किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। इस योजना का अनावरण 13 जनवरी 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस योजना का उद्देश्य किसानों के प्रीमियम के बोझ को कम करना और खराब मौसम से उनकी रक्षा करना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। किसान ई-मित्र या सीएचसी के माध्यम से इस योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
हरियाणा के किसान जो फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहते हैं उनको इसके लिए प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की सूचना 72 घंटों के भीतर कृषि विभाग और संबंधित बीमा कंपनी को देनी होती है। बीमा कंपनी के सर्वे के लिए नियुक्त अधिकारी व कृषि विभाग के अधिकारी खेत का सर्वे करके फसल नुकसान रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसके बाद किसान से क्लेम का फॉर्म भरवाया जाता है। विभाग की ओर से सत्यापन होने के बाद पीड़ित किसान को मुआवजा दिया जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। किसान भाई फसल बीमा से संबंधित किसी भी समस्या के लिए इस नंबर पर कॉल करके समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इस पर आप शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिक जानकारी के लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट- https://pmfby.gov.in/
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना टोल फ्री नंबर- 14447
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