न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद : गेहूं खरीद के नियमों में बदलाव, इन किसानों को होगा लाभ

Share Product प्रकाशित - 26 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद : गेहूं खरीद के नियमों में बदलाव, इन किसानों को होगा लाभ

जानें, गेहूं खरीद के नए नियमों से किन किसानों को होगा लाभ

इस समय गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। इसी बीच अनियमित मौसम और किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने गेहूं खरीद के नियमों में बदलाव करते हुए किसानों को छूट दी है ताकि उन्हें लाभ हो सके। इस बार मौसम की मार के कारण किसानों की गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। कहीं भीषण गर्मी के प्रकोप से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ तो कहीं बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की खड़ी गेहूं की फसल खराब हुई। अब जैसा बचा हुआ गेहूं है जिसे भी सरकारी खरीद के नियमों के कारण एमएसपी (MSP) पर किसान बेच नहीं पा रहे हैं क्योंकि एमएसपी पर फसल बेचने के लिए इसके निर्धारित नियमों पालन करना जरूरी होता है, जबकि इस बार बेमौसमी बारिश व बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इससे गेहूं के दानों में अधिक नमी, कम चमकदार, सूखा दाना जैसी समस्याएं सामने आई हैं जिसके कारण किसानों के लिए एमएसपी पर गेहूं बेचना एक चुनौती बना हुआ था। ऐसे में सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर गेहूं क्रय करने संबंधी नियमों में बदलाव करते हुए किसानों को कुछ छूट दी है ताकि वह अपना गेहूं सरकार को बेचकर लाभ प्राप्त कर सकें। 

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बता दें कि इस बार सरकार ने 320 लाख मीट्रिक टन गेहूं को एमएसपी पर खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन एमएसपी नियमों के कारण सरकारी खरीद की गति धीमी हो गई है। ऐसे में सरकार की ओर से किसानों को गेहूं बेचने के संबंध में नियमों में छूट दी जा रही है।

एमएसपी पर गेहूं खरीदने के लिए क्या है नियम 

न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर गेहूं खरीदने को लेकर सरकार की ओर से नियम निर्धारित किए गए हैं। उन्हीं नियमों के अनुसार एमएसपी (MSP)  पर गेहूं की खरीद की जाती है। यह नियम गेहूं में नमी मात्रा, गेहूं के दानों की चमक, गेहूं का सिकुड़ा या दानों का टूटना, गेहूं की फसल के साथ दूसरी फसल के दानों की मात्रा को लेकर तय किए गए हैं, वे इस प्रकार से हैं

  • सरकारी अनाज खरीद एजेंसी एफसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर गेहूं की खरीद के लिए नमी की मात्रा 12 से 14 प्रतिशत तक निर्धारित की हुई है। इससे अधिक नमी होने पर किसानों से गेहूं की खरीद नहीं की जाती है।
  • एक क्विंटल गेहूं की फसल में 6 फीसदी सिकुड़े या टूटे गेहूं के दाने की मात्रा निर्धारित की गई है। इससे अधिक सिकुड़े या टूटे हुए गेहूं के दाने होने पर खरीद नहीं की जाती है।
  • एमएसपी पर विक्रय के लिए आए गेहूं में दूसरे अनाजों की मात्रा 0.75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा है तो किसान से गेहूं की खरीद नहीं की जाती है।
  • गेहूं की चमक को लेकर भी नियम बनाया हुआ है। इसमें गेहूं की चमक 90 फीसदी होने पर ही पूरा एमएसपी देने का प्रावधान है। यदि गेहूं में चमक इससे कम है तो इसका कम भाव मिलेगा या खरीद नहीं की जाएगी।

अब नियमों में क्या किया गया है बदलाव

  • मध्यप्रदेश में किसानों की समस्या को समझते हुए सरकार ने सिकुड़े दानों की मात्रा 6 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 15 प्रतिशत तक कर दी है यानी एक क्विंटल गेहूं में यदि सिकुड़े दानों की मात्रा 15 प्रतिशत है तो भी किसान से गेहूं की खरीद की जाएगी और उसको पूरा एमएसपी दिया जाएगा।
  • मध्यप्रदेश में गेहूं की चमक 50 फीसदी तक रखी गई है। अब कम चमक वाला गेहूं भी पूरे एमएसपी पर खरीदा जाएगा।
  • राजस्थान में 20 प्रतिशत सिकुड़े दानों की मात्रा होने पर भी गेहूं की एमएसपी पर खरीद की छूट दी गई है। जबकि टूटे दानों की मात्रा 6 फीसदी ही रखी गई है।
  • राजस्थान में गेहूं में चमक 70 प्रतिशत निर्धारित की गई है। ऐसे में राजस्थान में 70 फीसदी चमक वाले गेहूं को भी पूरे एमएसपी पर खरीदा जाएगा।

किन किसानों को मिलेगा लाभ और क्यों?

उपरोक्त बदलाव का लाभ मध्यप्रदेश व राजस्थान के किसानों को मिलेगा। क्योंकि यहां बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि व तेज तापमान से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में दोनों ही राज्यों में एमएसपी नियमों में छूट देकर किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।

किसानों से किस दर से हो रही है गेहूं की खरीद

केंद्र सरकार की ओर से इस साल के लिए गेहूं का एमएसपी (MSP) 2275 रुपए घोषित किया गया है। इस पर राज्य सरकार की ओर से 125 रुपए का बोनस किसान को दिया जा रहा है। यह बोनस राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार की ओर से वहां के किसानों को दिया जा रहा है। ऐसे में इन दोनों राज्यों में किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद की जा रही है। बता दें कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी शासित सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से 2700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद का वादा किया था। लेकिन किसानों से अब 2400 रुपए की दर से गेहूं की खरीद की जा रही है।

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