प्रकाशित - 01 Sep 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश के विभिन्न राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आगामी खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के दौरान धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) पर खरीद की तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से धान खरीदी का लक्ष्य भी तय कर लिया गया है। इस वर्ष सेंट्रल पूल यानी बंफर स्टॉक के लिए 485 लाख मीट्रिक टन धान (paddy) की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया जो चालू खरीद सीजन 2023-24 से अधिक है। चालू खरीफ सीजन 2023-24 में धान खरीदी का लक्ष्य 463 लाख मीट्रिक टन था। इस बार धान खरीद का लक्ष्य बढ़ने से अधिक किसान एमएसपी पर अपनी धान की फसल बेच सकेंगे। इससे किसानों को लाभ होगा।
धान (paddy) के अलावा केंद्र सरकार की ओर से मोटे अनाज (millets) का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। मोटे अनाज की भी किसानों से खरीद की जाएगी। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में 19 लाख मीट्रिक टन मोटे अनाजों की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो पिछले विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान खरीदे गए 6.60 लाख मीट्रिक टन की तुलना में बहुत ज्यादा है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ खरीफ सीजन के खाद्यान्नों की खरीद पर चर्चा की है जिसमें केंद्र सरकार की ओर से धान और मोटे अनाजों की खरीद का यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
केंद्र की ओर से आगामी खरीफ विपणन सीजन के लिए खरीद व्यवस्था और लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आयोजित इस बैठक के दौरान मौसम पूर्वानुमान, उत्पादन अनुमान और खरीद संचालन के लिए राज्यों की तत्परता जैसे पहलुओं की समीक्षा की गई। फसल विविधिकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खरीद पर विशेष तौर से ध्यान देने की सलाह दी गई। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), भारत मौसम विज्ञान विभाग और कृषि मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए।
केंद्र सरकार की ओर से हर खरीफ व रबी सीजन में फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी निर्धारित किया जाता है। इस बार भी खरीफ सीजन में बुवाई से पहले केंद्र सरकार की ओर से खरीफ की 14 फसलों के लिए एमएसपी तय किया गया, इसमें धान और मोटे अनाज का जो एमएसपी तय किया गया है, वह इस प्रकार से है-
देश में धान का सामान्य रकबा 401.55 लाख हैक्टेयर है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक 23 अगस्त 2024 तक 394.28 लाख हैक्टेयर में धान की रोपाई और बुवाई हुई है, जो पिछले साल की तुलना में इस अवधि में 16.25 लाख हैक्टेयर अधिक है। इससे इस साल धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रह है। वहीं मोटे अनाजों की बुवाई की बात करें तो कृषि मंत्रालय के अनुसार 23 अगस्त तक मोटे अनाजों की बुवाई 185.51 लाख हैक्टेयर में हुई है। यह पिछले साल की इसी अवधि से 8.02 लाख हैक्टेयर ज्यादा है। इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स से आई जागरूकता के कारण मोटे अनाजों की मांग बढ़ी है। इससे इसकी खेती की ओर किसानों को रूझान हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने भी मोटे अनाज की रिकार्ड खरीद की योजना बनाई है।
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