प्रकाशित - 16 Jun 2023
भीषण गर्मी के बीच बने जल संकट के कारण कई जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार सिंचाई की नई-नई परियोजनाओं की शुरुआत कर रही है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को फसलों की सिंचाई के पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए नई नहर परियोजना का शिलान्यास किया गया है। सरकार के इस कदम से 338 गांवों के किसानों को लाभ होगा।
राजस्थान की गहलोत सरकार की ओर से इस नई नहर परियोजना का शिलान्यास किया गया है। इस परियोजना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा जिले के लंकाई में अनस नदी पर साइफन निर्माण और मगरदा में 2500 करोड़ रुपए की नहर परियोजना का शिलान्यास किया है। इस नहर परियोजना से जिले की छह तहसीलों में करीब 338 गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के जरिये सरकार किसानों को 42,000 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी।
राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को पानी बचत करते हुए कम पानी में अधिक क्षेत्रफल की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर सिस्टम पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु किसान, सीमांत किसान सहित महिला किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं अन्य किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई करके किसान 60 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए खेत पर तालाब का निर्माण करने पर अनुदान दिया जाता है ताकि किसान बारिश के जल का संचय करके उसको सिंचाई के लिए इस्तेमाल कर सकें। तालाब निर्माण के लिए किसानों को एक लाख 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। बता दें कि इससे पहले किसानों को तालाब बनवाने के लिए 90 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता था।
इतना ही नहीं राजस्थान सरकार किसानों को पानी संचय की सुविधा के लिए डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान देती है। इसके तहत राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों को लागत का 85 प्रतिशत या अधिकतम 3,40,000 रुपए, जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है। इसमें लघु एवं सीमांत किसानों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए 75 प्रतिशत या अधिकतम 3,00,000 लाख रुपए जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है। किसानों को यह अनुदान कृषक साथी योजना के तहत दिया जाता है।
इसके अलावा किसानों को अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। जो पशुपालक किसान है उनके लिए भी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं से उन्हें राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है। दुधारू गायों की लंपी रोग से मृत्यु होने पर 16 जून को पशुपालकों को 40 हजार की सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत दुधारू गाय व भैंस का 40 हजार रुपए प्रति पशु के हिसाब से नि:शुल्क बीमा किया जा रहा है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों कैप्टन ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖