Published - 30 Oct 2021 by Tractor Junction
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न प्रकार की बागवानी फसलों के उत्पादन पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। हरियाणा, बिहार में बागवानी फसलों के उत्पादन पर सरकार की ओर से काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार भी किसानों को बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है।
इस समय राज्य में केले की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके लिए किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से सब्सिडी प्रदान की जा रही है। बता दें कि किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना चलाई जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत राज्य के चयनित जिलों में अनुदान पर केले की खेती हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से केले की खेती ( Kele ki kheti ) के लिए विशेषकर प्रजाति जी-9 का इस्तेमाल किया जाता है। छत्तीगढ़ राज्य में मुख्यत: केले की प्रजाति जी-9 किस्म का रोपण व्यवसायिक खेती के लिए बहुतायत रूप से किया जाता है। किसान केले के पौधों को एक बार अपने खेत में लगाकर 2-3 साल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में प्रति हेक्टेयर औसतन 3 हजार केले पौधे को रोपित कर 250-500 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर केले की व्यवसायिक खेती पर औसतन एक लाख 10 हजार रुपए की लागत आती है, जबकि तीन वर्षों तक इससे लगातार फलत्पादन प्राप्त कर 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत केले की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 50 हजार रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत केले की व्यवसायिक खेती की प्रति हेक्टेयर लागत 1 लाख 25 हजार रुपए तय की गई है जिस पर किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
केले की खेती के लिए मिलने वाली सब्सिडी योजना को छत्तीसगढ़ राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बेमेेतरा, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जगदलपुर, जशपुर, कबीरधाम, कोण्डागांव, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर एवं सरगुजा जिलों को शामिल किया गया है।
ऊपर दिए गए जिलों के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एक हजार यूनिट (एक हजार हेक्टेयर) यूनिट लक्ष्य रखा गया है। इससे पूर्व राज्य में वर्ष 2019-20 में लगभग 720 कृषकों द्वारा 1293 हेक्टेयर क्षेत्र में केला टिश्यु कल्चर पौध का रोपण कर 3 लाख 88 हजार टन केले का उत्पादन किया गया।
वर्ष 2021-22 में भी केला क्षेत्र विस्तार हेतु 1000 इकाई का लक्ष्य रखा गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना संचालित की जा रही है। केले की व्यवसायिक खेती के इच्छुक किसान अपने इलाके के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर इस संबंध में अधिक जानकारी लेकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों को सरकारी योजनाओं में सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है। वे इस प्रकार से हैं-
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