प्रकाशित - 20 Jun 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास सरकार की ओर से किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं तो कुछ नई योजनाओं की घोषणा की जा रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना आत्मा योजना भी है। यह योजना किसानों के लिए बड़े काम की योजना है। खास बात ये है कि इस योजना के जरिये किसानों को कृषि यंत्रों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाती है, साथ ही कृषि विशेषज्ञों के सुझाव भी मिलते हैं जिससे फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इस योजना के तहत कृषि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं। हाल ही में इस योजना के तहत राजस्थान किसान महोत्सव के समापन सत्र के दौरान 10 प्रगतिशील किसानों एवं पशुपालकों को राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आज हम आपको आत्मा योजना की जानकारी दे रहे हैं।
सरकार की ओर से किसानों के लिए आत्मा योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना को वर्ष 2005-06 में शुरू किया गया था। इस योजना को किसान आत्मा योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का पूरा नाम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (Agricultural Technology Management Agency) है। इस योजना के तहत किसान और कृषि वैज्ञानिक एक साथ जुड़ते हैं जिससे किसानों को समय-समय पर कृषि संबंधी सुझाव मिलते हैं जो पैदावार को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसी के साथ इस योजना के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्रों को इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। ऐसे में यह योजना किसानों के लिए काफी लाभकारी योजना है।
आत्मा योजना के तहत किसानों के लिए समय-समय पर कृषक प्रशिक्षण व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम, फसल प्रदर्शन, कृषक भ्रमण कार्यकम आयोजित किए जाते हैं, इस योजना के तहत आयोजित किए जाने वाली गतिविधियां इस प्रकार से हैं
आत्मा योजना के तहत कृषि एवं इससे संबंद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तरीय पुरस्कार से प्रतिवर्ष सम्मानित किए जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तर पर चयनित किसानों को क्रमश: 50 हजार, 25 हजार रुपए व 10,000 रुपए दिए जाने का प्रावधान है।
इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जिले में किसानों को कृषि की नई तकनीकी एवं योजनाओं की जानकारी देने के लिए किसान मेले के आयोजन का प्रावधान है जिसके लिए 4 लाख रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान है। इस मेले में कृषि वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि भाग लेते हैं और किसानों को कृषि की योजनाओं एवं तकनीक की जानकारी देते हैं।
राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में खरीफ और रबी सीजन में किसानों को नवीनतम कृषि जानकारी देने के लिए किसान गोष्ठियों एवं क्षेत्र दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें प्रत्येक गोष्ठी में 100 प्रगतिशील किसान शामिल किए जाते हैं। गोष्ठी के आयोजन पर 15000 रुपए व्यय करने का प्रावधान है।
आत्मा योजना के तहत राज्य के बाहर या राज्य के अंदर परंतु जिले के बाहर तथा जिले के अंदर तकनीकी ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस प्रशिक्षण के तहत क्रमश: अधिकतम राशि 1250 रुपए, 1000 रुपए व्यय किए जाते हैं। वहीं जिले के अंदर प्रशिक्षण जिसमें गैर संस्थागत या संस्थागत प्रशिक्षण शामिल है। इसके लिए 250-400 रुपए प्रति किसान प्रतिदिन की दर से खर्च किए जाने का प्रावधान है।
आत्मा योजना के तहत किसानों को भ्रमण भी कराया जाता है। इसमें राज्य के बाहर, राज्य के अंदर परंतु जिले के बाहर तथा जिले के अंदर तकनीकी ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए किसान भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। इसमें क्रमश: अधिकतम राशि 1000 रुपए या 500 रुपए व 300 रुपए प्रति किसान प्रतिदिन की दर से खर्च किए जाने का प्रावधान है।
प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत कृषि एवं इससे संबद्ध क्षेत्र में जिले की आवश्यकतानुसार प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। इसके तहत विभिन्न आदानों जैसे बीज, उर्वरक, रसायन आदि के साथ- साथ नवीनतम तकनीकी की जानकारी दी जाती है। इसके लिए कुल प्रदर्शन लागत का अधिकतम अनुदान 400 रुपए प्रति प्रदर्शन (0.4 हैक्टेयर) योजना द्वारा वहन किया जाता है।
इस प्रकार के स्कूल का संचालन एक स्थानीय प्रगतिशील किसान द्वारा किया जाता है। इस फार्म स्कूल में प्रशिक्षणार्थियों के रूप में आसपास के क्षेत्र के किसान, कृषक रूचि समूह अथवा कृषि उत्पाद रूचि समूह के लीडर होते हैं। फार्म स्कूल के जरिये प्रतिभागी किसानों के लिए संपूर्ण फसल सीजन में तकनीकी सहायता या प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
आत्मा योजना में कृषक रूचि समूह (एफआईजी) अथवा कृषि उत्पाद रूचि समूह (सीआईजी) या कृषक संगठन (एफओ) का गठन किया जाता है। इन समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके तहत राज्य के किसान या कोई संस्था इस प्रकार का कोई कार्यक्रम अपना रहे हो जिसमें किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ता हो एवं वह कार्यक्रम विभाग की किसी भी योजना में शामिल नही हो तो उसे नवाचार गतिविधि के रूप में इस योजना में शामिल किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक जिले में इस हेतु 5 लाख रुपए तक का प्रावधान है।
आत्मा योजना में शामिल होने के लिए किसानों को इसके लिए आवेदन करना होता है। इसके लिए किसानों को कुछ दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और बैंक पासबुक की प्रति, मोबाइल नंबर आदि की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसान ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको कृषोन्नति योजना के कृषि विस्तार पर उपमिशन- आत्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://www.agriculture.rajasthan.gov.in/content/agr पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि इस योजना में आवेदन नि:शुल्क है। कोई भी किसान इसमें आवेदन कर सकता है। इस योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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