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पीएम कुसुम योजना : सब्सिडी पर सोलर पंप सिस्टम लगवाने के लिए करें आवेदन

प्रकाशित - 29 Aug 2022

सिंचाई में होगी सुविधा, 25 वर्षों तक बिजली क्रय एवं भुगतान की मिलेगी गारंटी

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से पीएम कुसुम योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे वे खेत की सिंचाई का काम आसानी से कर सकें। वहीं अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर उसे ग्रिड को बेच कर पैसा कमा सकें। इसी के साथ आम नागरिक को भी बिजली बिल में कमी लाने के लिए सौर ऊर्जा पैनल मकान की छत पर लगाए जा रहे हैं। इसके लिए भी सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। इस तरह सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक देश के लोग सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर ध्यान दें ताकि बिजली की खपत कम हो सके। सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से कुसुम योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना में आवेदन की तिथि 24 अगस्त थी, जिसे अब 31 अगस्त 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इच्छुक किसान सोलर पंप लेने के लिए उक्त दिनांक तक आवेदन कर सकते हैं। 

प्रथम चरण में 1250 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र होंगे स्थापित

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं उत्थान महाभियान योजना (पीएम-कुसुम)-सी योजना में लोगों का रूझान देखते हुए आवदेन की अंतिम तिथि 24 अगस्त से बढ़ाकर 31 अगस्त 2022 कर दी गई है। योजना मे प्रदेश के कृषि फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत कर निवेशकों और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 1250 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। निविदा के संबंध में विस्तृत जानकारी cmsolarpump.mp.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।

इन लोगों को दी जाएगी प्राथमिकता

‘आगे आयें लाभ उठायें’ की तर्ज पर संपूर्ण दस्तावेज के साथ पहले आवेदन करने वाले कृषकों, व्यवसाइयों, संस्थाओं, निवेशकों और विकासकों को प्राथमिकता दी जाएगी। सोलर संयंत्र स्थापना के लिए 30 प्रतिशत अनुदान के साथ शासन द्वारा 25 वर्षों तक बिजली क्रय एवं भुगतान की गारंटी दी जाएगी। सौर संयंत्र की स्थापना कृषि फीडर्स के समीप किसानों की भूमि पर की जाएगी। किसान को सिंचाई के लिए दिन में बिजली मिलेगी।

कुसुम योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

कुसुम योजना में आवेदन करते समय आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले का आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले का मोबाइल नंबर
  • आवेदक का मूल निवास प्रमाण-पत्र
  • बैंक खाता विवरण इसके लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • आवेदन करने वाले का आय प्रमाण-पत्र
  • जिस खेत में सोलर पैनल लगाए जाएंगे उस खेत के कागजात
  • आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो

पीएम कुमुम योजना में आवेदन की प्रक्रिया (PM Kusum Yojana)

मध्य प्रदेश के उम्मीदवार कुसुम योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं यहां पर हम आपको कुछ स्टेप्स बता रहे हैं जिसे फोलो करके आप आसानी से कुसुम योजना के लिए आवेदन भर सकेंगे। 

  • सबसे पहले उम्मीदवार मुख्यमंत्री सोलर पंप की आधिकारिक वेबसाइट https://cmsolarpump.mp.gov.in/SolarApplication/Login_Mobile पर जाएं।
  • उसके बाद आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा आपको इसमें नवीन आवेदन करके लिंक पर क्लिक करें दें।
  • आपकी स्क्रीन पर नया पेज खुलेगा इसमें आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और आपके फोन में एक ओटीपी आएगा। आपको ओटीपी दर्ज करना होगा। 
  • फिर आपको स्क्रीन पर सामान्य जानकारी का एक फॉर्म मिलेगा जिसमें आपको आवेदक का नाम, जिले का नाम, पिता का नाम, तहसील, गांव, लोकसभा, विधानसभा, पिनकोड, मोबाइल नंबर, लिंग आदि जानकारी भरनी होगी और सुरक्षित करें के बटन पर क्लिक कर दें।
  • फिर आपको आधार e-KYC, बैंक अकाउंट, जाति स्वघोषणा, जमीन से संबंधित, खसरे की जानकारी और सोलर पंप की जानकारी दर्ज कर दें। आपको एक-एक विवरण करके सभी जानकारी भरनी होगी।
  • आप अंत में आवेदन को सुरक्षित करके लिंक पर क्लिक कर दें। आपको रजिस्ट्रेशन नंबर आपके मोबाइल नंबर पर मेसेज के माध्यम से सूचित कर दी जाएगी अब आप पेमेंट प्रोसेस के लिए आगे बढ़े।
  • आपको पे नाउ के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • आपको ऑनलाइन पेमेंट करना होगा और सभी जानकारी भरनी होगी। आपका आवेदन पूरा हो जाएगा।

सोलर पंप स्थापना के नियम, शर्तें एवं दिशा-निर्देश

सोलर पंप (solar pump yojana) के आवेदन भरते समय आपको निम्नलिखित नियम, शर्ते एवं दिशा-निर्देश का पालन करना होगा जो इस प्रकार से हैं-

1. यह आवेदन कृषि भूमि की सिंचाई के लिए है। सोलर ऊर्जा आधारित जल पम्पिंग संयंत्र का उपयोग विहित कार्य (कृषि भूमि की सिंचाई) हेतु ही किया जाएगा।
2. योजना के लिए राज्य के वे सभी कृषक पात्र होंगे, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं है।
3. स्थापित सोलर पम्प संयंत्र की सुरक्षा एवं सामान्य रख-रखाव की जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी।
4. स्थापित सोलर पम्प संयंत्र का विक्रय या हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है।
5. सोलर पंप संयंत्र की स्थापना के लिये आवेदक कृषक के पास सिंचाई का स्थाई स्त्रोत होना चाहिए एवं सोलर पंप हेतु वांछित जल संग्रहण ढांचे की आवश्यकता अनुसार व्यवस्था या उपयोग होना चाहिए।
6. सोलर पंप संयंत्र की स्थापना केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशानुसार/मापदंड अनुसार की जाएगी।
7. यदि सोलर पंप स्थापना के उपरांत, उस पर किसी भी प्रकार की टूट-फूट या चोरी होती है तो, उसकी जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी। (तकनीकी खराबी को छोडक़र।)
8. आवेदन-पत्र में सोलर पम्पिंग सिस्टम के प्रकार के अनुरूप दी गई डिस्चार्ज की जानकारी स्टेंडर्ड टेस्टिंग कंडीशन्स के अनुरूप है। स्थापना स्थल पर सोलर ऊर्जा (Solar Radiation) की उपलब्धता तथा कंडीशन्स के अनुरूप डिस्चार्ज कम या ज्यादा हो सकता है।
9. सोलर प्लेटों की स्थापना हेतु छाया रहित स्थान उपलब्ध कराने की पूर्ण जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी।
10. यदि सोलर पंप स्थापना के उपरांत हितग्राही कृषक का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर परिवर्तित होता है तो, हितग्राही कृषक द्वारा इसकी जानकारी/सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय एवं स्थापित करने वाली इकाई को दी जानी होगी।
11. स्थापित सोलर पंप को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
12. स्थापना के पश्चात बोर कोलेप्स होने, वॉटर लेवल कम हो जाने की स्थिति में उसी खेत पर अन्यत्र, जहां पम्प के लिए समुचित वॉटर सोर्स उपलब्ध है, उस स्थान पर, हितग्राही कृषक के व्यय पर सोलर पम्प संयंत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा।
13. सोलर प्लेटों की समय-समय पर सफाई करते रहने की जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की रहेगी।
14. निर्धारित राशि रुपए 5,000/- ‘‘मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल’’ के पक्ष में ऑनलाईन भुगतान के साथ, अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होना अनिवार्य है, अन्यथा आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
15. निर्धारित लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में प्राप्त हुए समस्त आवेदनों का लॉटरी के माध्यम से हितग्राही कृषक का चयन किया जाएगा।
16. चयन की सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा दिए जाने पर, हितग्राही कृषक को शेष पूर्ण राशि ऑनलाइन माध्यम से नियत समयावधि में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल को भुगतान करनी होगी, तत्पश्चात ही संयंत्र स्थापित करने की कार्यवाही की जाएगी।
17. चयनित हितग्राही कृषक द्वारा समय-सीमा में शेष राशि जमा न करने पर अन्य (अगले) आवेदक/हितग्राही कृषक का चयन कर लिया जाएगा। बाद में, उक्त हितग्राही कृषक द्वारा शेष राशि जमा कराए जाने की स्थिति में, उनके आवेदन को, आवंटन (फंड एवं लक्ष्य) की उपलब्धता अनुसार, स्वीकृत किया जा सकेगा।
18. सोलर पंप की स्थापना एवं संतोषप्रद प्रदर्शन/संचालन उपरांत समस्त संयंत्र हितग्राही कृषक को सौंप दिया जाएगा।
19. हितग्राही कृषकों द्वारा आवश्यकता पडऩे पर मुख्य रोड से साइट (जहां पर सोलर पंप की स्थापना की जानी है) तक के ट्रान्सपोर्टेशन व स्थापना में सहयोग दिया जाना होगा।
20. केंद्र व राज्य शासन से योजना हेतु राशि प्राप्त होने पर, हितग्राही कृषक से संपूर्ण हितग्राही अंश की राशि प्राप्त होने के पश्चात लगभग 120 दिवस में सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढ़ाई जा सकती है। स्थापना का कार्य पूर्ण करने में देरी होने पर म.प्र. ऊर्जा विकास निगम का किसी भी प्रकार का कोई भी दायित्व, जिम्मेदारी नहीं होगी और न ही आवेदक कृषक को इस हेतु कोई क्षतिपूर्ति की जाएगी।
21. सोलर पम्प स्थल उपयुक्त/चयन न होने पर पंजीयन राशी रुपए 5,000/- निगम द्वारा आवेदक को वापिस की जाएगी। इस पर कोई ब्याज का भुगतान देय नहीं होगा।
22. योग्य जल स्त्रोत जैसे- कुआं, बोर आदि प्रदान करने का दायित्व तथा उक्त स्त्रोत से जल की उपलब्धता का दायित्व हितग्राही कृषक का रहेगा। किसी भी परिस्थिति में बोर के क्षतिग्रस्त होने, कोलेप्स होने अथवा वॉटर लेवल नीचे चले जाने स्थिति में या बोर से सम्बन्धित अन्य कारणों से पम्प संचालन में व्यवधान होने पर, प्रदायकर्ता इकाई का कोई दायित्व निर्धारित नहीं होगा। बोर कोलेप्स होने की स्थिति में मोटर एवं पम्प निकालने की पूर्णत: जवाबदारी हितग्राही कृषक की होगी।
23. सोलर पम्प संयंत्र में किसी भी प्रकार की टूट-फूट/चोरी या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में, हितग्राही कृषक द्वारा, तीन दिवस में पुलिस में एफ.आई.आर. करनी होगी एवं स्थापनाकर्ता इकाई एवं जिला कार्यालय को भी तत्काल सूचित करना होगा, ताकि स्थापनाकर्ता इकाई इंशोरेंस क्लेम हेतु आवश्यक कार्यवाही कर सके। 
इंशोरेंस कंपनी द्वारा मान्य होने पर ही टूट-फूट/ चोरी या क्षतिग्रस्त हेतु संयंत्र में सुधार कार्य किया जाना मान्य होगा।
24. योजनांतर्गत 5 एच.पी. तक केवल डी.सी. पम्प ही लगाए जाएंगे। अत: 5 एच.पी. ए.सी. पम्पों के लिए किए गए आवेदन स्वत: ही 5 एच.पी. डी.सी. पम्प में परिवर्तित हो जाएंगे।
25. सोलर पम्प स्थापना के पश्चात किसी प्रकार का स्थल परिवर्तन अथवा मीटर हेड परिवर्तन मान्य नहीं होगा।
26. सोलर पम्प स्थापित होने के पश्चात, पम्प की आवश्यकता/उपयोग न होने पर, हितग्राही कृषक द्वारा पैनलों को जमीन के समानान्तर रखा जाना होगा, जिससे आंधी, तूफान इत्यादि से संयंत्र को नुकसान न पहुंचे।
27. ऋतु परिवर्तन के अनुसार, हितग्राही कृषक द्वारा, सोलर पैनलों की दिशा एवं कोण को दिशानुसार परिवर्तित करते रहना होगा, जिससे संयंत्र से अधिकतम डिस्चार्ज प्राप्त हो सके।
28. स्थापित सोलर पम्प की फाउंडेशन के आस-पास स्वयं हितग्राही कृषक द्वारा मिट्टी इत्यादि डालते रहना होगा ताकि संयंत्र के पास पानी एकत्र न हो और फाउंडेशन की मजबूती बनी रहे।
29. पम्प स्थापना के उपरांत स्थापनाकर्ता इकाई से उनके कम्पनी का मुख्यालय का दूरभाष नम्बर, प्रदेश स्तर का सर्विस सेंटर का दूरभाष नम्बर एवं जिला स्तर के प्रतिनिधि का दूरभाष नंबर अवश्य प्राप्त करें।
30. सोलर पम्प स्थापना के उपरांत किसी भी प्रकार की टूट-फूट, संयंत्र से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ (कन्ट्रोलर को अथवा मोटर पम्प सेट को सीधे ए.सी. पॉवर सप्लाई से चलाने का प्रयास, संयंत्र की वायरिंग से छेड़छाड़ आदि।) की अवस्था में खराब हुए अवयवों (ष्टशद्वश्चशठ्ठद्गठ्ठह्लह्य) को ठीक करने/बदलने/संयंत्र का सुधार करने की जिम्मेदारी नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग/ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. तथा ठेकेदार इकाई की नहीं होगी। ऐसी अवस्था में संबंधित ठेकेदार इकाई से संयंत्र को पूर्णत: ठीक कराने, खराब हुए अवयव को बदलवाने का पूरा व्यय हितग्राही को वहन करना होगा।
31. अपने स्तर पर किसी अन्य माध्यम से सोलर पम्प संयंत्र की मरम्मत अथवा किसी अवयव के बदलने की स्थिति में संयंत्र की वारंटी स्वत: समाप्त मानी जाएगी।
32. ‘‘मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना’’ अंतर्गत, पूर्व में रुपए 5000/- की राशि के साथ पंजीकृत आवेदकों को, उनके आवेदन के समय जो हितग्राही अंश निर्धारित था, उनके द्वारा उसी अंश राशि के भुगतान पर उनकी कृषि भूमि पर सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
33. किसी विवाद की स्थिति में न्यायालय भोपाल क्षेत्र होगा।


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