प्रकाशित - 05 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। बुवाई से लेकर फसल विक्रय तक सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है। बीजों पर सब्सिडी (subsidy on seeds), कृषि यंत्रों पर अनुदान (Subsidy on agricultural equipment), सिंचाई यंत्रों पर अनुदान (Subsidy on irrigation equipment), सिंचाई के साधनों तालाब, पोखर आदि पर अनुदान सहित कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में सरकार की ओर से खरीफ सीजन की खेती को देखते हुए किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना (Agricultural Equipment Grant Scheme) चलाई जा रही है।
इस योजना को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से संचालित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना (E-Agriculture Equipment Subsidy Scheme), यूपी व बिहार में इसे कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) और राजस्थान में कृषि यंत्र अनुदान योजना के नाम से चलाया जा रहा है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी अलग-अलग नामों से यह योजना संचालित है। इस समय राज्य की ओर से कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) के तहत किसानों को खेती की मशीनें सब्सिडी (subsidy) पर दी जा रही है। राज्य के जो किसान कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं वे आवेदन कर सकते हैं। योजना के लिए आवेदन 5 अप्रैल से शुरू हो गए हैं।
योजना के तहत किसानों को सुपर सीडर (Super Seeder), हैप्पी सीडर, रोटरी मल्चर, स्ट्रा रीपर, रीपर कम बांइडर, जीरो टीलेज, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, स्वचालित पैडी ट्रांसप्लांटर, ब्रश कटर, रोटर सलेशर, सब स्वायलर, पावर टिलर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पैडी थ्रेसर, पावर वीडर, पावर मेज थ्रेसर, शुगरकेन सीडलिंग ट्रांसप्लांटर, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, शुगरकेन क्रशर, चिसल प्लाऊ सहित 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।
कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों व मशीनों खरीद पर 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। इस योजना के तहत जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई, दौनी व उद्यानिकी से संबंधित कृषि यंत्रों को शामिल किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से स्माम योजना के तहत किसानों को कस्टम हायरिंग केंद्र, कृषि यंत्र बैंक व स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए भी अनुदान (subsidy) दिया जाएगा।
कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक और स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की खोलने के लिए अलग-अलग सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी, जो इस प्रकार है
1. सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) स्माम योजना 2024-25 में राज्य के सभी जिलों में कुल 267 कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। इसकी प्रति कस्टम हायरिंग सेंटर की अनुमानित लागत 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इस पर किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपए सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी।
2. सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना 2024-25 में राज्य के 9 जिलों पटना, भोजपुर, कैमुर, नालंदा, रोहतास, बक्सर, नवादा, औरंगाबद और गया में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 115 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की इकाई लागत पर किसानों को 80 प्रतिशत या अधिकतम 12 लाख रुपए का अनुदान (subsidy) दिया जाएगा।
3. इसी प्रकार सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना 2024-25 में राज्य के चयनित गांवों में 101 कृषि यंत्र बैंक खोले जाएंगे जिसकी प्रति ईकाई लागत 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इस पर किसानों को 80 प्रतिशत यानी 8 लाख रुपए का अनुदान (subsidy) दिया जाएगा।
यदि आप बिहार के किसान हैं तो आप इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत कृषि यंत्र एवं कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom Hiring Center) और कृषि यंत्र बैंक लेने के इच्छुक किसान कृषि यंत्रीकरण सॉफ्टवेयर OFMAS पर आवेदन करने से पूर्व कृषि विभाग, बिहार के DBT Portal पर रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के OFMAS पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर आवेदन करना होगा। योजना के तहत आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी/सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।