Published - 17 Nov 2021
अधिक से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड का फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र के बाद अब पशुपालन क्षेत्र में भी क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान की शुरुआत सोमवार को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने की।
इस अभियान के माध्यम से दुग्ध संघों से जुड़े उन सभी पात्र डेयरी किसानों को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा, जिन्हें पहले अभियान में अभी तक शामिल नहीं किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड के लाभों का विस्तार देश के सभी पात्र पशुपालन और मत्स्य पालकों तक किया जाना है। यह अभियान 15 नवंबर 2021 से लेकर 15 फरवरी 2022 तक चलेगा। इसके तहत उन सभी पात्र किसानों को शामिल करना है, जो विभिन्न पशुपालन गतिविधियों में शामिल हैं जैसे गोवंश पालन, बकरी, सुअर, मुर्गी पालन। इसी तरह मछली पालन करने वालों को भी क्रेडिट सुविधा प्रदान की जाएगी।
किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पहले सिर्फ खेती करने वाले किसानों को ही मिलती थी। लेकिन इसका विस्तार करते हुए इसमें पशुपालन और मछलीपालन करने वाले किसानों को भी जोड़ दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड में सबसे अधिक पैसा खेतीहर किसानों को मिलता है। जबकि पशुपालन और मछलीपालन करने वाले किसानों को इसमें कम पैसा दिया जाता है। केसीसी से कृषि के लिए किसान तीन लाख रुपए तक का लोन ले सकता है। जबकि पशुपालन व मछलीपालन के लिए सिर्फ 2 लाख रुपए ही मिलता है।
केसीसी बनवाने के लिए पहले आवेदकों को अपने पास से तीन-चार हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। यह पैसा प्रोसेसिंग फीस, इंस्पेक्शन और लेजर फोलियो चार्ज के रूप में देना होता था। लेकिन सरकार ने अब इसे खत्म कर दिया है। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि इसकी माफी सिर्फ 3 लाख रुपए तक का ही कार्ड बनवाने पर मिलती है। पशुपालन और मछलीपालन के लिए लोन लेने वाले इसी दायरे में आते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2021-22 में 16.5 लाख करोड़ रुपए का कृषि लोन बांटने का लक्ष्य रखा है। बताया गया है कि इसमें से किसानों को 14 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है। केंद्र सरकार ने फरवरी 2020 के अंतिम दिन पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के लाभार्थियों सहित सभी किसानों तक केसीसी पहुंचाने के लिए एक अभियान शुरू किया था। जिसके तहत 2.51 करोड़ से अधिक केसीसी जारी किए जा चुके हैं।
पशुपालक और मछलीपालक किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए अपने निकटतम बैंक शाखा पर जाकर बनवा सकते हैं। सरकार ने किसानों की परेशानी को समझते हुए केसीसी आवेदन के लिए बहुत ही सरल फॉर्म जारी किया है। इसे भरने के बाद उन्हें महज 15 दिन में अपना किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा। इस क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज पर 3 लाख रुपए तक का सेवा शुल्क माफ कर दिया गया है। बता दें कि केसीसी के तहत 3 लाख रुपए तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है। यही नहीं, समय पर पैसा लौटाने वाले किसानों को 3 फीसदी की छूट भी मिलती है। दूसरे शब्दों में कहें तो समय पर कर्ज लौटाने वाले किसानों को महज 4 फीसदी ब्याज दर पर ही रकम मिल रही है।
आप घर बैठे भी केसीसी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर और मोबाइल पर नीचे दिए गए स्टेप्स् का पालन करना होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसान को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
किसान का आईडी प्रूफ जैसे- वोटर कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक देना होगा। एड्रेस पू्रफ के लिए आईडी पू्रफ के लिए जमा किया गया कोई भी दस्तावेज मान्य होगा।
जिन बैंकों से किसान केसीसी बनवाया जा सकता है या जो बैंक केसीसी जारी करते हैं। आपकी सुविधा के लिए ऐसे बैंकों की सूची नीचे दी जा रही है ताकि आपको केसीसी बनवाने में आसानी हो सकें।
आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंक को आवेदन के 15 दिन में केसीसी जारी करना होता है। अगर तय अवधि में कार्ड जारी नहीं होता है तो किसान संबंधित क्षेत्र के बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट https://cms.rbi.org.in/ पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर 0120-6025109 / 155261 और ग्राहक ईमेल pmkisan-ict@gov.in के जरिये हेल्प डेस्क से भी संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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