प्रकाशित - 18 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
भारत में खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसान रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू करेंगे। ऐसे में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से कृषि पंप के लिए अस्थाई कनेक्शन दिए जा रहे हैं। यह कृषि कनेक्शन 3 माह से लेकर 5 माह तक के लिए दिए जा रहे हैं। राज्य के जो किसान अस्थाई बिजली कनेक्शन लेना चाहते हैं वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी की ओर से 3 से लेकर 10 हॉर्स पॉवर तक के कृषि पंप के अस्थाई कनेक्शन के लिए दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं। राज्य के किसान अपनी आवश्यकतानुसार बिजली विभाग में आवेदन करके कृषि पंप के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन ले सकते हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश राज्य में विद्युत विवरण कंपनी की ओर से कृषि उपभोक्ताओं को रबी सीजन में बिना रूकावट के बिजली सप्लाई देने के लिए देने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत किसान 3 से लेकर 10 एचपी तक के कृषि पंपों के लिए बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी की राशि घटाने के बाद कृषि कनेक्शन की दरें निर्धारित की गई है, वे इस प्रकार से हैं-
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं के लिए अस्थाई पंप कनेक्शन की दरें 4 अप्रैल 2024 से लागू की गई हैं। किसानों को इन्हीं दरों पर अस्थाई पंप कनेक्शन दिए जा रहे हैं। कृषि उपभोक्ताओं को अस्थाई पंप कनेक्शन के लिए न्यूनतम तीन माह का एडवांस भुगतान करना अनिवार्य होगा। उचित रेटिंग का कैपेसिटर लगा होने पर उपभोक्ता को कैपेसिटर सरचार्ज नहीं देना होगा।
कंपनी के मुताबिक कृषि उपभोक्ता अस्थाई कनेक्शन के लिए बिल की राशि का भुगतान अधिकृत पीओएस मशीन के माध्यम से ही करें और भुगतान की रसीद अवश्य प्राप्त कर लें। अस्थाई कनेक्शनों की दरों के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान कंपनी के कॉल सेंटर के नंबर 1912 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा किसान इसकी आधिकारिक वेबसाइट portal.mpcz.in पर विजिट कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के नजदीकी बिजली विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए जल्द ही 52,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। यह सोलर पंप करीब 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे जिससे किसानों को सिंचाई कार्य में बिना रूकावट के बिजली मिल सकेगी। इस योजना के तहत किसानों को अपने हिस्से का सिर्फ 40 प्रतिशत ही देना होगा। बाकी 60 प्रतिशत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर खर्च करेंगे। ऐसे में किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी पर ये सोलर पंप दिए जाएंगे। इन सोलर पंपों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक पंप लगाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि यह सोलर पंप ग्रिड से जुड़े हुए नहीं होंगे जिससे किसानों को फ्री बिजली मिलेगी।
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