प्रकाशित - 02 Apr 2023
बेमौसम बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की वजह से बिहार में किसानों को बड़ी राहत मिलने की खबर आ रही है। बिहार में बेमौसम बारिश से रबी के साथ बागवानी की फसलों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। हजारों हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल (Wheat Crop) के साथ प्रदेश हरी सब्जियों की खेती पर भी बुरा असर पड़ा है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेश के 6 जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा एलान किया है, प्रदेश के नुकसान प्रभावित किसानों को राज्य की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। बिहार सरकार ने राजस्व एवं कृषि विभाग को नुकसान के आंकलन हेतु निर्देशित कर दिया है। किसानों के नुकसान की भरपाई जितनी जल्दी हो सके, किया जाना जरूरी है। चूंकि बिहार में ज्यादातर किसान छोटे एवं सीमान्त किसान हैं। हालांकि सर्वे रिपोर्ट कृषि विभाग द्वारा जारी किया गया है, लेकिन सीएम नितीश कुमार ने विभाग से सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जो अभी विभाग से सबमिट होनी हैं। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद नुकसान से पीड़ित किसानों के लिए राज्य सरकार ने 92 करोड़ रुपए के मुआवजे का एलान किया है।
गेहूं, हरी सब्जियों और बागवानी की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बागवानी में सबसे ज्यादा लीची और आम प्रभावित हुआ है। तेज आंधी चलने और पेड़ के गिरने की वजह से आम और लीची की फसलों को जहां व्यापक नुकसान देखने को मिला है। वहीं खेत में तैयार गेहूं के फसल को भी व्यापक नुकसान देखने को मिला है।
फसल का सबसे ज्यादा नुकसान मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी , गया, रोहतास और पूर्वी चम्पारण जिले में हुआ है। कहा गया है कि इन्हीं 6 जिलों में आंधी और ओलावृष्टि से व्यापक नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के मुताबिक़ तेज आंधी और ओलावृष्टि से राज्य में 54 हजार 22 हेक्टेयर खड़ी फसलें 33 प्रतिशत से ज्यादा बर्बाद हो गई है। मुख्यमंत्री नितीश कुमार व्यक्तिगत रूप से किसानों के हुए नुकसान पर दृष्टि रख रहे हैं। किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्होंने कहा है, 17 से 21 मार्च के दौरान बारिश से जितनी बर्बादी हुई है, उसका मुआवजा जल्द से जल्द किसानों को दे दिया जाए। अधिकारियों के साथ हुए बैठक में मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग को 92 करोड़ रुपए किसानों के लिए देने के आदेश दिए है। आपदा प्रबंधन विभाग को 92 करोड़ रुपए कृषि विभाग को देना है ताकि किसानों को मुआवजा की राशि दी जा सके।
किसानों के नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने मुआवजा की राशि अलग राखी है। जिन किसानों के फसलों का नुकसान 75 फीसदी से अधिक हुआ है उन्हें 15 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मिलेगा। अगर फसल का नुकसान 70 प्रतिशत से कम हुआ है तो प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की दर से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। बता दें कि सिर्फ बिहार ही नहीं देश के कई राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी ओलावृष्टि से किसानों को बेहद नुकसान हुआ है। इन राज्यों में तो खड़ी फसल 50 प्रतिशत से भी ज्यादा खराब हो गई। अकेले पंजाब में लाखों हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ है। बिहार राजस्थान, हरियाणा में लगभग यही सिनेरिओ है।
किसानों को नुकसान का मुआवजा बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना 2023 (Agricultural Input Subsidy Scheme 2023) के तहत मिलने वाला है। बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना किसानों के लागत को कम करने और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार द्वारा लाइ गई। इस योजना के तहत किसानों को बिहार सरकार सहायता प्रदान करती है। अगर कोई प्राकृतिक आपदा आते है जैसे सूखा आना, ओलावृष्टि होना और आग लगने और बाढ़ जैसी समस्या के लिए भी कृषि इनपुट अनुदान योजना किसानों की सहायता करती है। अतः जो भी किसान भाई इस फसल नुकसान मुआवजा का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत आवेदन करना होगा, ये आवेदन शुरू है। चलिए आवेदन प्रक्रिया को समझ लेते हैं।
बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें हैं।
सभी पात्रता शर्तों को पूरा करने और आवश्यक दस्तावेजों को संकलित करने के बाद किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि इनपुट अनुदान योजना में आवेदन के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
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